भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बंपर वोटिंग हुई है। 230 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड 76.22 फीसदी मतदान हुआ है। ये आंकड़ा पिछले चुनाव से ज्यादा है। 2018 के चुनाव में 75.63 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इस चुनाव में सबसे ज्यादा 85.68 फीसदी वोटिंग सिवनी जिले में हुई है। वहीं सबसे कम आलीराजपुर जिले में 60.10 फीसदी वोट पड़े। कम वोटिंग वाले जिलों में भिंड (63.27 फीसदी), भोपाल (66फीसदी) और रीवा (66.85 फीसदी) शामिल हैं। रतलाम जिले की सैलाना सीट पर सबसे ज्यादा 90फीसदी वोटिंग हुई। आलीराजपुर जिले की जोबट सीट पर सबसे कम 54.0८ फीसदी वोट डाले गए।
महानगरों से ज्यादा दिखा छोटे जिलों में वोटिंग को लेकर उत्साह
वहीं इस बार महानगरों से ज्यादा छोटे जिलों में मतदान को लेकर उत्साह दिखाई दिया। आगर मालवा, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दिवस, हरदा, मंडला, मंदसौर, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, नीमच, निवाड़ी, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, सिवनी, शाजापुर जिलों में 80 परसेंट से ज्यादा वोटिंग हुई है। वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में 75 परसेंट से कम मतदान हुआ है।
18 जिलों में 80त्न से अधिक वोटिंग
सिवनी- 85.68 फीसदी
बालाघाट- 85.23 फीसदी
आगर-मालवा- 85.03 फीसदी
शाजापुर- 84.99 फीसदी
राजगढ़- 84.29 फीसदी
रतलाम- 83.40 फीसदी
नीमच- 83.30 फीसदी
मंदसौर- 83.28 फीसदी
छिंदवाड़ा- 82.80 फीसदी
नरसिंहपुर- 82.80 फीसदी
डिंडौरी- 82.51 फीसदी
निवाड़ी- 82.36 फीसदी
मंडला- 82.05 फीसदी
हरदा- 81.89 फीसदी
नर्मदापुरम- 81.85 फीसदी
सीहोर- 81.54 फीसदी
देवास- 81.22 फीसदी
बैतूल- 80.70 फीसदी
सबसे कम वोटिंग वाले जिले
भिंड- 63.27 फीसदी
भोपाल- 66 फीसदी
रीवा- 66.85 फीसदी
इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश में कई विधानसभा सीटों पर छिटपुट घटनाओं के बीच मतदान संपन्न हो गया। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ रहे 2533 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। सुबह 7 बजे शुरू हुई वोटिंग शाम 6 बजे थम गई। हालांकि मतदान केंद्र में एंट्री ले चुके वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
230 सीटों पर 76 फीसदी से ज्यादा मतदान, पिछले चुनाव का टूटा रिकॉर्ड
मतदाता पर्ची लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष के घर पहुंचे सीएम शिवराज
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मतदाता पर्ची लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविंद गोयल के घर पहुंचे। जहां उन्होंने गोविंद गोयल से बीजेपी प्रत्याशी भगवानदास सबनानी को वोट देने की अपील की है। इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश की समृद्धि के लिए वोट मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ‘मतदाता पर्ची वितरण महाअभियान’ चला रही है। इस अभियान के तहत बीजेपी के दिग्गज नेता वोटर्स को मतदान पर्ची बांट रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह ने श्यामला हिल्स में कांग्रेस उपाध्यक्ष गोविंद गोयल के निवास पहुंचकर मतदाता पर्ची का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम हर घर जा रहे हैं। प्रदेश की समृद्धि के लिए वोट मांग रहे हैं। ताकि मध्य प्रदेश और प्रगति कर सके, पूरा मध्य प्रदेश हमारा परिवार है, गोविंद गोयल भी हमारे परिवार से हैं। वहीं कांग्रेस नेता गोविंद गोयल ने कहा कि अच्छा है कि हर नागरिक के पास जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मतदान में भाग लेने की अपील की है। गोविंद ने कहा कि हम भी हर घर जा रहे हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को सुबह 10 बजे पूरे प्रदेश में एक साथ मतदाता पर्ची वितरण के महाअभियान में पार्टी के दिग्गज नेता शामिल होंगे। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश बैरसिया के बूथ क्रमांक 241, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुवासरा विधानसभा के वार्ड क्रमांक 8 स्थित मतदान केंद्र 269, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा खंडवा के हरिगंज बूथ में वोटर्स को पर्ची का वितरण करेंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना, प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा के बूथ क्रमांक 63 शास्त्री नगर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भोपाल के उत्तर विधानसभा बूथ क्रमांक 36 प्रभु नगर ईदगाह हिल्स, ज्योदिरादित्य सिंधिया ग्वालियर, डॉ वीरेंद्र खटीक टीकमगढ़ विधानसभा के बूथ क्रमांक 75 नंदीश्वर कॉलोनी, प्रहलाद सिंह पटेल नरसिंहपुर विधानसभा के बूथ क्रमांक 194-195 शंकराचार्य वार्ड, फग्गन सिंह कुलस्ते निवास विधानसभा के बूथ क्रमांक 53 देवरी कला में मतदाताओं को पर्ची का वितरण करेंगे। वहीं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा के बूथ क्रमांक 362 पटेल मोहल्ला, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर, पार्टी की प्रदेश महामंत्री व सांसद कविता पाटीदार शाजापुर विधानसभा के बूथ क्रमांक 260 और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दतिया विधानसभा के ग्राम नंदपुर में मतदाता पर्ची वितरण कर भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान करने की मतदाताओं से अपील करेंगे।
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी कैंडिडेट को लेकर किया सनसनीखेज खुलासा
खंडवा। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी कैंडिडेट नारायण पटेल को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि नारायण पटेल का चुनाव से पहले हमारे पास फोन आया था कि मुझे वापस ले लो। वहीं, पूर्व सीएम ने पुलिसकर्मियों को लेकर कहा कि “हमारी सरकार ने तो प्रदेश के पुलिसवालों को सप्ताह में एक दिन का अवकाश भी दिया था, लेकिन बीजेपी की सरकार आने के बाद वो बंद हो गया।
उन्होंने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला और कहा कि “बीजेपी के नेताओं ने पूरे प्रदेश में जमकर भ्रष्टाचार किया। ठेका लेने के लिए कमीशन, बिल पेमेंट होने पर कमीशन, जमकर कमीशन का खेल हुआ”। दिग्गी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “हम उनका बड़ा सम्मान करते है, उनके पिता माधवराव सिंधिया हमें कांग्रेस में लेकर आए। हमने इन्हे मंत्री भी बनाया, वे गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे, लेकिन इन्होंने क्या किया? जिस व्यक्ति ने उन्हें चुनाव हराया उसी की पार्टी में चले गए?
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने आज मांधता विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी उत्तमपाल सिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया, जहां उन्होंने यह सभी बातें कही। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि “मोदी जी को एमपी के नेताओं पर कोई विश्वास नहीं है। इसलिए वो पूरी तरह से असफल हो रहे हैं, चुनाव के समय पर बीजेपी को सनातन याद आता है, जबकि चुनाव में ये सब चीज नहीं होना चाहिए।
तोमर के बेटे का वीडियो आपने देखा, गरजे राहुल गांधी, जनता से कहा- जिन करोड़ों रुपयों की बात हो रही थी ये आपके पैसे थे
भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल है। दो दिन बाद जनसभाएं बंद हो जाएंगी। इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रदेश का दौरा किया जहां उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर सियासी प्रहार किया। भोपाल के अशोका गार्डन में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि आप किसी से भी पूछिए- अडानी कौन है?सब बताएंगे कि वह मोदी जी के सबसे अच्छे दोस्त हैं। वहीं उन्होंने प्रदेश में जीत का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने भाजपा को कई राज्यों में हराया है और अब मध्य प्रदेश में हराने जा रही है। साथ ही उन्होंने नरेंद्र तोमर के बेटे के वायरल वीडियो पर भी बयान दिया।
भोपाल में आयोजित जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि आप किसी से भी पूछिए- अडानी कौन है? सब बताएंगे कि वह मोदी जी के सबसे अच्छे दोस्त हैं। बीजेपी सरकार ने एयरपोर्ट, एग्रीकल्चर स्टोरेज, इंफ्राटक्चर सब कुछ अडानी को दे दिया। मोदी सरकार किसानों, छोटे दुकानदारों और युवाओं की जेब से पैसे निकालकर अडानी की जेब में डाल रही है।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस ने भाजपा को कई राज्यों में हराया है और अब मध्य प्रदेश में हराने जा रही है। कर्नाटक में बीजेपी के सब नेता कह रहे थे कि बीजेपी की स्वीप होगी। मगर कांग्रेस ने उन्हें दिखा दिया। और अब हम मध्य प्रदेश में 150 सीट लाकर इनको दिखाने जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे के वायरल वीडियो पर कहा कि बीजेपी मंत्री नरेंद्र तोमर के बेटे का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह कह रहा है कि 10 करोड़ इधर जाएंगे, 50 करोड़ उधर जाऐंगे वो किसके पैसों की बात कर रहा था। उसमें वो जिन करोड़ों रुपयों के लेनदेन की बात कर रहा है वह आपके पैसे हैं।
देवेंद्र तोमर का वीडियो, महाकाल कॉरिडोर स्कैम, मिड डे मील घोटाला, व्यापम घोटाला, पटवारी भर्ती घोटाला इतने सरे घोटाले हुए लेकिन एक की भी जांच नहीं की गई। मध्य प्रदेश के सारे भाजपा नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन पीएम मोदी उनकी कोई जांच नहीं करवाते। इन सबमें ईडी, आईटी, सीबीआई नहीं आती।
लाखों लोगों की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई
नरेंद्र मोदी जी ने कहा था 15 लाख रुपए हर बैंक अकाउंट में डालेंगे, नोटबंदी कर काला धन मिटाएंगे। कोरोना के समय लोगों से मोबाइल फोन की लाइटें जलवाईं, थाली बजवाई। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। मध्य प्रदेश में लाखों लोगों की समय पर ऑक्सीजन और दवाई नहीं मिलने के कारण कोरोना से मौत हो गई। यह है इनकी राजनीति।
ये चोरी की सरकार है
उन्होंने कहा, आपने पिछले चुनाव में भाजपा को नहीं चुना था, आपने कांग्रेस की सरकार चुनी थी। ये आपकी चुनी हुई सरकार नहीं है। ये चोरी की सरकार है। इसलिए मैं चाहता हूं कि मध्य प्रदेश की जनता भाजपा को साफ बता दे- यहां कांग्रेस की 150 सीटें आ रही हैं।
शाबाश इंदौर…चंद घंटों में चकाचक कर दिया शहर
इंदौर। इंदौर यूं ही देश में सफाई में नंबर वन नहीं है। इसका प्रमाण हमारे शहर ने सोमवार सुबह फिर दिया। हुआ यूं कि दीपावली पर अमावस्या की रात शहर ने जिस तरह की जोरदार आतिशबाजी की, उससे सडक़ों, गलियों, मोहल्लों में पटाखों का खूब कचरा हो गया। किंतु सोमवार सुबह नगर निगम ने विशेष अभियान चलाकर चंद घंटों में शहर साफ कर दिया। नगर निगम ने शहर के बाजारों, कालोनियों, सार्वजनिक स्थानों, रहवासी क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाया। इस अभियान का असर यह हुआ कि रविवार रात जो सडक़ें कचरे से अटी पड़ी थीं, वे कुछ ही देर में चकाचक हो गईं। वस्तुत: दीपोत्सव के मौके पर आतिशबाजी के कारण शहर में बड़ी मात्रा में कचरा फैलता है। शहर के विभिन्न स्थानों पर सोमवार सुबह से विशेष सफाई अभियान चलाते हुए निगम अधिकारियों, सफाई मित्र, कर्मचारियों द्वारा सुबह से अपने-अपने क्षेत्र में विशेष समय अभियान चलाते हुए सफाई कार्य किया गया। निगम के दल ने अतिरिक्त संसाधन डंपर, जेसीबी एवं कर्मचारियों के माध्यम से कचरा हटा दिया।
प्रचार खत्म होने में कुछ ही घंटे शेष, प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत
भोपाल। मंगलवार को शहर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मेगा रोड शो है। यह शो शाम करीब साढ़े पांच बजे बड़ा गणपति चौराहा से शुरू होकर राजवाड़ा पहुंचेगा। करीब डेढ किमी लंबे इस रोड शो मार्ग में विधानसभा एक और तीन का क्षेत्र आता है। इंदौर जिले के सभी भाजपा प्रत्याशियों के इस रोड शो में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है। इधर विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त होने में कुछ ही घंटे शेष हैं। प्रत्याशियों के सामने ज्यादा से ज्यादा जनसंपर्क करने की चुनौती भी है। यही वजह है कि मंगलवार सुबह से ही ज्यादातर प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क पर निकल चुके थे। उन्हें शाम के समय होने वाले प्रधानमंत्री के रोड शो में भी शामिल होना है।
नजर नहीं आ रहे झंडे बैनर
इस बार प्रचार में झंडे-बैनर, टोपियां, पंपलेट्स इत्यादि परंपरागत चुनावी सामग्री बहुत कम नजर आ रही हैं। टोपियां, बिल्ले को गायब ही हो गए हैं। पोस्टर-बैनर और पंपलेट्स भी इक्का-दुक्का जगहों पर ही लगे हैं। चुनावी सामग्री का व्यापार करने वाले दुकानदारों की मानें तो संभवत: यह पहला विधानसभा चुनाव है जब इंदौर शहर में चुनावी सामग्री का व्यापार इतना कम हुआ है। प्रधानमंत्री के रोड शो का मार्ग व्यवसायिक और आवासीय दोनों है। यानी यहां दुकानें तो हैं साथ ही लोग रहते भी हैं। प्रधानमंत्री के रोड शो की वजह से पुलिस ने इस क्षेत्र को छावनी में तब्दिल कर दिया है। यही वजह है कि रहवासी परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उनके घरों से दूसरा गैस सिलेंडर भी हटवा दिया है।
इतना ही नहीं सोमवार को दिनभर कई-कई बार उनके घर की जांच हुई। पुलिस ने छत पर लगे तार भी हटवा दिए हैं। इधर पुलिस प्रशासन का कहना है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। हम चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं।
वाहन मोड़ते समय परेशान होते हैं वाहन चालक
संत हिरदाराम नगर। संत हिरदाराम नगर के अनेक मार्गो को तय योजना के अनुसार चौड़ा तो कर दिया गया लेकिन लेफ्ट टर्न पर अवैध कब्जा होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। दीपावली पर बाजार में भीड़ के बावजूद नगर निगम कब्जा नहीं हटा सका। नतीजा लोगों को लगातार तीन दिन परेशान होना पड़ा।
पिछले कुछ समय से संत कंवरराम चौराहे की ओर जाने वाले चंचल रोड के बाएं मोड़ पर कब्जा होता जा रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के आसपास कब्जा होने से चंचल रोड से मेन रोड आने वाले वाहन चालकों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतिक्रमणकारियों ने फुटपाथ को भी नहीं छोड़ा है। जहां वाहन खड़े करने पर जगह है वहां भी फुटकर व्यवसाइयों ने कब्जा कर रखा है। वाहन चालक यहां दो मिनट के लिए भी वाहन खड़े नहीं हो पाते। बाएं मोड़ पर कब्जा होने से वाहन चालकों को सामने से आ रहे वाहन नजर नहीं आते, इससे दुर्घटनाएं होने का भय बना रहता है।
भंभानी अस्पताल से सर्राफा बाजार से होकर मेन रोड जाने वाले बाएं तरफ मुडऩे पर भी फुटकर व्यवसाइयों एवं ठेले वालों ने कब्जा कर रखा है। यही हाल निरंकारी मंडल रोड का है। पंजाब नेशनल बैंक रोड के आसपास तो लंबे समय से सब्जी व्यवसाइयों ने कब्जा कर रखा है। हालत इतनी खराब है किशाम के समय यहां से दोपहिया वाहन गुजरना मुश्किल हो जाता है। पिछले दिनों नगर निगम ने बाएं मोड़ चौड़े करने का प्रस्ताव बनाया था लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका। गांधीनगर के कुछ स्थानों पर भी यही हालत है। पार्षद लक्ष्मण राजपूत का कहना है किनगर निगम को सर्वे कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। विधानसभा चुनाव के बाद इस संबंध में निगम आयुक्त से मुलाकात की जाएगी।
ये हैं रूप की रानियां
कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी को मनाये जाने वाले पर्व रूप चौदस को नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली, नरक निवारण चतुर्दशी या काली चौदस के रुप में भी जाना जाता है। इस साल यानी 2023 में रुप चौदस या काली चौदस या नरक चतुर्दशी का त्योहार 11 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली के पांच दिनों के त्यौहार में यह धन तेरस के बाद आता है। इसे छोटी दीपावली के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन स्वच्छ होने के बाद यमराज का तर्पण कर तीन अंजलि जल अर्पित किया जाता है और शाम के वक्त दीपक जलाए जाते हैं। मान्यता है कि तेरस, चौदस और अमावस्या के दिन दीपक जलाने से यम के प्रकोप से मुक्ति मिलती है तथा लक्ष्मी जी का साथ बना रहता है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा भी की जाती है। बचपन में हनुमान जी ने सूर्य को खाने की वस्तु समझ कर अपने मुंह में ले लिया था, इस कारण चारों और अंधकार फैल गया। बाद में इंद्र देवता ने सूर्य को मुक्त करवाया था। चैलेंज के लिए विशेष फोटो इन रूप की रानियों ने कराया हैं मुंबई की टैरो कार्ड रीडर ज्योति जगियानी, इंदौर की मॉडल नुपुर छाबड़ा, दिल्ली की मिसेज एशिया शिवानी सिंह, दिल्ली शिक्षाविद दिव्या तंवर, भोपाल इन्फ्लूवेंसर नेहा जैमिनी, मुंबई की मॉडल प्रकृति शर्मा, शिक्षाविद दिल्ली की नैनसी जुनेजा ने विशेष तौर पर फोटो भेजे, जिनके हम आभारी हैं।
आम्बा हल्दी, बेसन, मलाई, गुलाबजल, जामफल (पिसा हुआ), चंदन पावडर, केसर, गुलाब की सूखी पखुंड़ियां कुछ बूंदे नींबू की, लौध्र, दूध या मिल्क पावडर मिलाकर पारंपरिक उबटन बनाया जाता है जिसे अपनी त्वचा अनुसार ही लगाएं। उबटन उतारते समय तिल के तेल का उपयोग करें तो ज्यादा अच्छे परिणाम मिलते है अंत में हल्के गुनगुने पानी से थपथपाकर साफ करें।
रूप चौदस का महत्व: क्या है रूप चौदस
रूप चौदस सौन्दर्य को निखारने का दिन है। भगवान की भक्ति व पूजा के साथ खुद के शरीर की देखभाल भी जरुरी होती है। ऐसे में रूप चौदस का यह दिन स्वास्थ्य के साथ सुंदरता और रूप की आवश्यकता का सन्देश देता है। जिस प्रकार महिलाओं के लिए सुहाग पड़वा का स्नान माना जाता है, उसी प्रकार रूप चौदस पुरुषों के लिए शुद्घि स्नान माना गया है। वर्षभर ज्ञात, अज्ञात दोषों के निवारणार्थ इस दिन स्नान करने का शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। माना जाता है कि सूर्योदय के पहले चंद्र दर्शन के समय में उबटन, सुगंधित तेल से स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के बाद स्नान करने वाले को नर्क समान यातना भोगनी पड़ती है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि ऋतु परिवर्तन के कारण त्वचा में आने वाले परिवर्तन से बचने के लिए भी विशेष तरीके से स्नान किया जाता है। रूप चौदस पर विशेष उबटन के जरिए और गर्मी और वर्षा ऋतु के दौरान बनी परत को हटाने के लिए विशेष उबटन का स्नान करना चाहिए।
रूप चौदस की कहानी
भगवान के ध्यान में तल्लीन एक योगी ने समाधि लगाई, लेकिन कुछ ही समय बाद उसके शरीर और बालों में कीड़े पड़ गये। इससे परेशान योगी की समाधी टूट गई। अपने शरीर की दुर्दशा देख योगी काफी दुखी हुआ। इस दौरान नारदजी वहां से वीणा बजाते हुए गुजर रहे थे। योगी ने नारद जी को रोककर पूछा कि प्रभु चिंतन में लीन होने की चाह होने पर भी उसकी यह दुर्दशा क्यों हुई। इस पर नारद जी बोले कि आपने प्रभु चिंतन तो किया लेकिन देह आचार नहीं किया। समाधि में लीन होने से पहले देह आचार कर लेने से यह परेशानी नहीं होती। इस पर योगीराज ने परेशानी दूर करने के बारे में पूछा तो नारद जी ने कहा की रूप चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल की मालिश कर पानी में अपामार्ग ( चिचड़ी ) का पौधा डालकर उससे स्नान करने के बाद व्रत रखते हुए विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने पर शरीर स्वस्थ और रूपवान हो जाएगा। नारद जी की बात को मान योगिराज ने वही सब किया जिससे वे स्वस्थ और रूपवान हो गए। माना जाता है कि उसी वक्त से रुप चौदस या नरक चतुर्दशी मनाने की परंपरा शुरू हुई।
ये हैं रूप की रानियां
कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी को मनाये जाने वाले पर्व रूप चौदस को नरक चतुर्दशी, छोटी दीपावली, नरक निवारण चतुर्दशी या काली चौदस के रुप में भी जाना जाता है। इस साल यानी 2023 में रुप चौदस या काली चौदस या नरक चतुर्दशी का त्योहार 11 नवंबर को मनाया जाएगा। दिवाली के पांच दिनों के त्यौहार में यह धन तेरस के बाद आता है। इसे छोटी दीपावली के तौर पर भी जाना जाता है। इस दिन स्वच्छ होने के बाद यमराज का तर्पण कर तीन अंजलि जल अर्पित किया जाता है और शाम के वक्त दीपक जलाए जाते हैं। मान्यता है कि तेरस, चौदस और अमावस्या के दिन दीपक जलाने से यम के प्रकोप से मुक्ति मिलती है तथा लक्ष्मी जी का साथ बना रहता है। इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा भी की जाती है। बचपन में हनुमान जी ने सूर्य को खाने की वस्तु समझ कर अपने मुंह में ले लिया था, इस कारण चारों और अंधकार फैल गया। बाद में इंद्र देवता ने सूर्य को मुक्त करवाया था। चैलेंज के लिए विशेष फोटो इन रूप की रानियों ने कराया हैं मुंबई की टैरो कार्ड रीडर ज्योति जगियानी, इंदौर की मॉडल नुपुर छाबड़ा, दिल्ली की मिसेज एशिया शिवानी सिंह, दिल्ली शिक्षाविद दिव्या तंवर, भोपाल इन्फ्लूवेंसर नेहा जैमिनी, मुंबई की मॉडल प्रकृति शर्मा, शिक्षाविद दिल्ली की नैनसी जुनेजा ने विशेष तौर पर फोटो भेजे, जिनके हम आभारी हैं।
आम्बा हल्दी, बेसन, मलाई, गुलाबजल, जामफल (पिसा हुआ), चंदन पावडर, केसर, गुलाब की सूखी पखुंड़ियां कुछ बूंदे नींबू की, लौध्र, दूध या मिल्क पावडर मिलाकर पारंपरिक उबटन बनाया जाता है जिसे अपनी त्वचा अनुसार ही लगाएं। उबटन उतारते समय तिल के तेल का उपयोग करें तो ज्यादा अच्छे परिणाम मिलते है अंत में हल्के गुनगुने पानी से थपथपाकर साफ करें।
रूप चौदस का महत्व: क्या है रूप चौदस
रूप चौदस सौन्दर्य को निखारने का दिन है। भगवान की भक्ति व पूजा के साथ खुद के शरीर की देखभाल भी जरुरी होती है। ऐसे में रूप चौदस का यह दिन स्वास्थ्य के साथ सुंदरता और रूप की आवश्यकता का सन्देश देता है। जिस प्रकार महिलाओं के लिए सुहाग पड़वा का स्नान माना जाता है, उसी प्रकार रूप चौदस पुरुषों के लिए शुद्घि स्नान माना गया है। वर्षभर ज्ञात, अज्ञात दोषों के निवारणार्थ इस दिन स्नान करने का शास्त्रों में काफी महत्व बताया गया है। माना जाता है कि सूर्योदय के पहले चंद्र दर्शन के समय में उबटन, सुगंधित तेल से स्नान करना चाहिए। सूर्योदय के बाद स्नान करने वाले को नर्क समान यातना भोगनी पड़ती है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि ऋतु परिवर्तन के कारण त्वचा में आने वाले परिवर्तन से बचने के लिए भी विशेष तरीके से स्नान किया जाता है। रूप चौदस पर विशेष उबटन के जरिए और गर्मी और वर्षा ऋतु के दौरान बनी परत को हटाने के लिए विशेष उबटन का स्नान करना चाहिए।
रूप चौदस की कहानी
भगवान के ध्यान में तल्लीन एक योगी ने समाधि लगाई, लेकिन कुछ ही समय बाद उसके शरीर और बालों में कीड़े पड़ गये। इससे परेशान योगी की समाधी टूट गई। अपने शरीर की दुर्दशा देख योगी काफी दुखी हुआ। इस दौरान नारदजी वहां से वीणा बजाते हुए गुजर रहे थे। योगी ने नारद जी को रोककर पूछा कि प्रभु चिंतन में लीन होने की चाह होने पर भी उसकी यह दुर्दशा क्यों हुई। इस पर नारद जी बोले कि आपने प्रभु चिंतन तो किया लेकिन देह आचार नहीं किया। समाधि में लीन होने से पहले देह आचार कर लेने से यह परेशानी नहीं होती। इस पर योगीराज ने परेशानी दूर करने के बारे में पूछा तो नारद जी ने कहा की रूप चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर शरीर पर तेल की मालिश कर पानी में अपामार्ग ( चिचड़ी ) का पौधा डालकर उससे स्नान करने के बाद व्रत रखते हुए विधि विधान से भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने पर शरीर स्वस्थ और रूपवान हो जाएगा। नारद जी की बात को मान योगिराज ने वही सब किया जिससे वे स्वस्थ और रूपवान हो गए। माना जाता है कि उसी वक्त से रुप चौदस या नरक चतुर्दशी मनाने की परंपरा शुरू हुई।
मप्र विधानसभा चुनाव: भाजपा में कम वोटिंग का भय…
राघवेंद्र सिंह
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त कश्मकशपूर्ण माहौल है सबसे ज्यादा चिंता भाजपा शिविर में कम मतदान की आशंका को लेकर देखी जा रही है। मतदान प्रतिशत घटा तो भाजपा सत्ता से और भी दूर हुई समझो। ऐसे में नैया पार होना कठिन है। 2018 में करीब 75 फीसदी मतदान हुआ था फिर भी भाजपा सत्ता से 109 विधायक पर ही आकर अटक गई थी। कांग्रेस 114 विधायकों के साथ सरकार में थी। इस दफा पहले से ही गड़बड़ चल रही भाजपा में जब से केंद्रीय नेतृत्व में कमान संभाली है हालात बेहतर होने के बजाय बिगड़ते ज्यादा दिख रहे हैं। दिल्ली और उसके नेता अभी तक तो ज्यादा असरदार नही हो रहे हैं। भाजपा का किचिन पहले से खराब हो रहा था आलाकमान के नए रसोइयों के आने के बाद खाना और बिग? रहा है। सरकार के बाद संगठन ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की अब कार्यकर्ताओं की बारी है। उसकी उदासीनता और बेरुखी पार्टी को खाए जा रही है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत कम हुआ तो संकेत अच्छे नही हैं। पहले लगता था कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सक्रिय होने पर माहौल एकदम बदल जाएगा मगर अभी तो ऐसा होता नही दिख रहा है। जानकार पहले से ही कह रहे थे यहां कार्यकर्ता आधारित संगठन है और एक बार उसका दिल टूटा तो ब?ी मुश्किल हो जाएगी। मप्र में भाजपा सरकार संगठन और संघ परिवार सब के सब इस बात से चिंतित है कि जिले, मंडल से लेकर बूथ और पन्ना प्रभारी के कार्यकर्ता किधर हैं? उन्हें धरती खा गई या आसमान निगल गया… जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है इस मुद्दे पर विधानसभा वार चुनाव प्रबंधकों की चिंता ब?ती जा रही है। बूथ और पन्ना प्रभारी के मामले में जमीनी स्तर पर मैदान साफ है। कार्यकर्ता गायब हैं। केंद्रीय नेतृत्व को छो? इसके संकेत पिछले 4 सालों से अंधे को दिखाई और बहरे को सुनाई पड़ रहे थे। नगर निगम चुनाव में तो सबको पता था की वार्ड स्तर पर भाजपा कार्यकर्ता सक्रिय नहीं है। छोटे चुनाव थे फिर भी अधिकांश वार्डों में न तो उम्मीदवारों ने घर-घर संपर्क किया और ना ही कार्यकर्ताओं ने डोर टू डोर मतदान पर्चियां वितरित की। जब इसका मचा तो मीडिया स्तर पर मैनेज कर यह दावे किए गए कि पन्ना प्रबन्धन के मामले में मप्र भाजपा देश भर में अव्वल है। अब चुनाव में कलई खुल रही है । डेमेज कंट्रोल के लिए वक्त ही नही बचा। पिछले कुछ चुनाव से संगठन, विचारधारा का वास्ता और अनुशासन की दुहाई देकर कार्यकर्ताओं को पोट पुचकार लिया जाता था। उनसे कहा जाता इस बार प्रतिष्ठा बचा दो आगे सबका ध्यान रखा जाएगा। याने कद्दू कटेगा तो सब मे बंटेगा। फिर वफादारों से हथेली पर सरसों जमा करा ली जाती थी। मतलब निकलने के बाद फिर वही उपेक्षा का दौर शुरू हो जाता। लेकिन सरकार की धमक और संगठन की पुरानी साख के चलते कुछ नतीजे अच्छे आ गए लेकिन इसके बाद भी संगठन और सरकार जगे नहीं। तब यह कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। अब जो हालात हैं उसने सबकी हवाइयां उड़ा रखी है।
भाजपा में क्षत्रपों कमजोर करने के संकेत…
भाजपा में कल तक जो नेता सूबेदार बने घूमते थे अब उन्हें गली-गली वोट मांगने के लिए चुनाव मैदान में उतार दिया है। उनके कार्यकर्ता और जनता के बीच किरकिरी हो रही है जनता से लंबे समय से उनका संपर्क काम था ऐसे में चुनाव जीतना मुश्किल भले ना हो लेकिन कठिन हो गया। भाजपा नेतृत्व के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि यह नागिन की तरह है जो अपने अंडों को ही खा जाती है पहले 25 साल एक प्रखर कार्यकर्ता को नेता बनाया जाता है और बाद में उसे ही कभी एक झटके में तो कभी धीरे-धीरे खत्म भी कर दिया जाता है। 2018 के बाद कार्यकर्ताओं को संस्कारित करने का काम लगभग कमजोर पड़ गया और कारपोरेट सेक्टर के कल्चर पर पार्टी चल पड़ी।अब उसी के दुष्परिणाम विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों को महसूस हो रहे हैं।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उनके परिवार…
प्रदेश में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और उनके परिवारों की हालत राजनीतिक रूप से अच्छी नहीं है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह जबलपुर विधानसभा में चुनाव मैदान में संघर्ष कर रहे हैं। दूसरी तरफ पूर्व अध्यक्षों में सत्यनारायण जटिया जो की संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं उनके पुत्र को टिकट नहीं मिला इसी तरह प्रभात झा अपने बेटे को टिकट नहीं दिला सके इतना ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष रहे स्वर्गीय नंद कुमार सिंह चौहान को कहा जाता था निमाड़ की नैया नंदू भैया। सांसद रहे नंदू भैया के पुत्र को बुरहानपुर से टिकट नहीं मिला वह बाग उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव मैदान में है। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी को भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होना पड़ा। इस तरह के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भाजपा की तुलना में ज्यादा बेहतर स्थिति में है उनके परिवार जनों को भी पार्टी में तवज्जो दी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह और कमलनाथ के पुत्र सांसद और विधायक हैं। सुभाष यादव और कांतिलाल भूरिया के पुत्रों को भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया है।