Home Blog Page 9

Bhopal Bicycle Riders Group…make people aware by cycling themselvesCycle 20-40 km every day. Added more than 2000 members in 3 years.

0

TIO

These days, members of the city’s Bhopal Bicycle Riders Group are cycling 20-40 km daily. This group of more than 450 youth is making people aware about cycling before the Corona period. In this, a group of youth along with Vinod Pandey of the group have not only been cycling themselves for the last 3 years, but have also been motivating people to cycle. Pandey told that initially very few members used to come for cycling. But during the Corona period, there was a sudden increase in people’s interest in cycling to improve exercise and immunity. When the group members felt stronger by cycling regularly for 30 consecutive days, everyone made cycling a part of their daily routine.

Lakshya has traveled to many places with the aim of adding 1 member from every household.

Group officials said that it is their endeavor to get at least one member from each family involved in cycling in the next one year. This will not only promote cycling but will also increase physical fitness. Most of the members of the group have made cycling a part of their daily routine, under which many members, apart from regular cycling, are also using the cycle to go to office two days a week.

According to the members associated with the group, now apart from Sundays, they also cycle up to 200 km on other holidays in the week. Under cycling, the members have cycled to Bhopal and nearby big temples. Among these, Bhojpur, Kankali Temple, Jain Temple, Salkanpur, Sanchi, Kankali Temple, Sehore Ganesh Temple are prominent.

नरेश ज्ञानचंदानी रामेश्वर शर्मा को देगा कांटे की टक्कर

0

कांग्रेस की दूसरी सूची में 88 नामों का ऐलान, 3 सीटों पर बदले गए उम्मीदवार, 7 मौजूदा विधायकों के कटे टिकट, एक सीट होल्ड

SHASHI KUMAR KESWANI

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार रात अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में 88 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। तीन सीटों दतिया, पिछोर और गोटेगांव में कैंडिडेट बदले गए है। कल दिन भर मंथन के बाद देर रात लिस्ट जारी की गई। कांग्रेस ने तीन सीटों पर टिकट बदला हैं। इनमें दतिया, गोटेगांव और पिछोर सीट शामिल है। दतिया से अवधेश नायक का टिकट बदलकर राजेंद्र भारती, पिछोर से शैलेंद्र सिंह का टिकट बदलकर अरविंद सिंह लोधी को दिया है। वहीं गोटेगांव से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति का टिकट काटा गया था, अब उनको वापस टिकट दिया गया है। दूसरी लिस्ट मे 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए है। जबकि एक विधायक की सीट बदली गई है। निवास विधायक अशोल मर्सकोले को मंडला विधानसभा भेजा गया है। वहीं मुरैना से राकेश मावई, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, भोपाल उत्तर से आरिफ अकील, ब्यावरा से रामचंद्र दांगी, बड़नगर से मुरली मोरवाल, सुमावली से अजब सिंह कुशवाहा, गोहद से मेवाराम जाटव का टिकट कटा है।
इस बार फिर हुजूर से पुराने चेहरे ही होंगे आमने-सामने
भोपाल जिले में हुजूर विधानसभा क्षेत्र है। पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 296391 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा को 107288 वोट देकर जिताया था। उधर, कांग्रेस उम्मीदवार नरेश ज्ञानचंदानी को 91563 वोट हासिल हो सके थे, और वह 15725 वोटों से हार गए थे। इसी तरह वर्ष 2013 में हुजूर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी रामेश्वर शर्मा को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 108994 वोट हासिल किए थे। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र मंडलोई को 49390 वोट मिल सके थे, और वह 59604 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार फिर दोनों पुराने चेहरे ज्ञानचंदानी और शर्मा आमने सामने होंगे। लेकिन इस बार का मुकाबला कुछ अलग होगा जहां हुजूर सीट पर नरेश ज्ञानचंदानी पूरे पांच साल लोगों से संपर्क में रहा वहीं रामेश्वर सीएम के करीब अपनी जगह बनाने में लगा रहा। लोगों से संपर्क जरूर करता था पर संपर्क में सिर्फ जानकारी देनी होती थी उनकी समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं करता था वहीं नरेश लोगों की समस्याएं सुनने के लिए लोगों के घर-घर जाकर बात करता था। ये बुनियादी अंतर चुनाव में नजर आएगा। वोटर अभी चुप जरूर है पर गुस्से भरा हुआ है। उसे ये पता है कि मेरा विधायक मालदार हो चुका है उसे चुनाव जीतना धनबल के जोर पर आता है यहीं फायदा ज्ञानचंदानी को होगा। सिम्पैथी वोट मिलेंगे और बदलाव की एक हवा चल भी पड़ी है। जहां रामेश्वर ने भाजपा के नाराज मित्र बहुत है वहीं नरेश से कोई नाराजगी रखता ही नहीं है। उसके सहज और सरल व्यवहार की वजह से हर आदमी में घुल मिल जाता है और इस बार सिंधी समाज भी पहले से ज्यादा जागरूक हुआ है उम्मीद की जा रही है कि इस बार नरेश की तरफ ­ाुकाव रहेगा क्योंकि भाजपा से सिंधी उम्मीदवार की मांग की जा रही थी जो भाजपा पूरा नहीं कर पाई वो नाराजगी भी वोट में पूरी तरह से बदलेगी।

कमलनाथ ने दी बधाई
कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज अपने 88 प्रत्याशियों दूसरी सूची जारी कर दी है। मैं सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देता हूं। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सिर्फ विधायक बनने के लिए खड़े नहीं हो रहे हैं, बल्कि मध्य प्रदेश का भविष्य संवारने के लिए चुनाव के मैदान में उतरे हैं। आइये आज से हम सब प्राणपण से अपने कर्तव्य में जुट जाएं और मध्य प्रदेश से 18 साल के कुशासन का अंत करने के लिए कमर कस लें। मध्य प्रदेश में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाएं। जय कांग्रेस विजय कांग्रेस।

कुल 229 सीटों पर नामों का ऐलान, एक सीट होल्ड

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची 144 और दूसरी लिस्ट में 88 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है। तीन सीटों पर कैंडिडेट बदले गए है। अब तक कुल 229 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। वहीं एक सीट को होल्ड पर रखा गया है। बैतूल की आमला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं हुआ है। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा नहीं होने के कारण इस सीट को होल्ड किया गया है। फिलहाल निशा बांगरे के इस्तीफा का मामला कोर्ट में लंबित है।

नाच मेरी बुलबुल के पैसा मिलेगा, कहां कदरदान ऐसा मिलेगा

0

शशी कुमार केसवानी
नवरात्रि के पहले दिन 9 बजकर 9 मिनट पर कांग्रेस ने 144 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की। जिसके बाद कमलनाथ के बंगले पर बड़ी संख्या में अलग-अलग विधानसभाओं के दावेदार टिकट मांगने पहुंचे। वहीं टिकट बंटवारे के बाद नेताओं की नाराजगी पर नाथ ने कहा कि 4 हजार लोग टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे सबको तो टिकट नहीं दे सकते हैं। पहली सूची में दक्षिण पश्चिम से टिकिट होल्ड है, जिसे लेकर विधायक पीसी शर्मा कमलनाथ के निवास पहुंचे है। बता दें कि भोपाल की तीन सीटों पर उम्मीदवार घोषित हुए है। वहीं नीमच से उमराव सिंह गुर्जर, पन्ना से शिवजीत सिंह राजा भैया, खंडवा हुकुम वर्मा, गाडरवारा से मोना कौरव, सहित अन्य विधानसभा से दावेदार कमलनाथ के बंगला पहुंचे है। इसके साथ ही सुमावली से राम लखन दंडोदिया, दमोह से मनु मिश्रा के समर्थक भी कमलनाथ के निवास पहुंचे है।

अब देखना होगा कि कमलनाथ इन्हें कैसे शांत करते है। हालांकि शिवराज सिंह तो टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं को शांत कर चुके है। पहली सूची को गौर से देखें तो कांग्रेस पार्टी ने अपने ज्यादातर विधायकों पर भरोसा जताया है और उन्हें फिर से टिकट दिया है। प्रत्याशी सूची से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी ने सर्वे के आधार पर ही 144 प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि अगले तीन-चार दिन में कांग्रेस पार्टी की दूसरी सूची भी आ जाएगी। वहीं एनपी प्रजापति सहित कई विधायकों के टिकट भी काट दिए है। जिनको टिकट मिला इसमें ओबीसी वर्ग के 39 प्रत्याशी, अनुसूचित जाति के 22 प्रत्याशी और आदिवासी वर्ग के 30 प्रत्याशी शामिल हैं। अल्पसंख्यक वर्ग के 6 प्रत्याशी शामिल हैं। पार्टी ने 19 महिलाओं को टिकट दिया है। 144 में से 65 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली उम्मीदवार सूची ने ही उदयपुर डिक्लेरेशन पर सवाल खड़े कर दिए हैं दरअसल, उदयपुर डिक्लेरेशन में कांग्रेस के 17 पन्नों के घोषणापत्र में पार्टी ने वन ‘पोस्ट-वन पर्सन’ फॉर्मूला के साथ एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट दिए जाने की बात कही थी हालांकि, एमपी की कैंडिडेट लिस्ट में एक फैमिली को दो टिकट देकर इसे खारिज किया गया है आपको बता दें, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के परिवार से इस बार कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राधवगढ़ से तो उनके भाई लक्ष्मण सिंह को चाचौड़ा से टिकट दिया है कांग्रेस की इस लिस्ट में चार बातें खास हैं- मामा-भांजे, चाचा-भतीजे की जोड़ी को टिकट और मंत्रियों के खिलाफ बीजेपी के ही बागियों पर दांव लगाया है। कांग्रेस की पहली सूची में दो मामा-भांजे, एक चाचा-भतीजे की जोड़ी को टिकट मिला है कांग्रेस ने विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉक्टर गोविंद सिंह को भिंड जिले की लहार सीट से उम्मीदवार बनाया है तो वहीं उनके भांजे राहुल भदौरिया को टिकट दिया है गोविंद और राहुल के साथ ही मामा-भांजे की एक और जोड़ी मैदान में है विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अजय सिंह राहुल और उनके मामा राजेंद्र सिंह भी चुनाव मैदान में ताल ठोकते नजर आएंगे कांग्रेस ने राहुल को चुरहट और राजेंद्र सिंह को अमरपाटन सीट से टिकट दिया है दिग्विजय सिंह के भाई और पुत्र को भी पार्टी ने टिकट दिया है कांग्रेस की पहली लिस्ट में बीजेपी, सपा और बसपा बागियों के भी नाम हैं. मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ दतिया सीट से कांग्रेस ने बीजेपी के ही बागी अवधेश नायक को उतारा है. इसी तरह पार्टी ने सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी से भी बीजेपी के ही बागी नीरज शर्मा को टिकट दिया है. कांग्रेस ने शिवराज सरकार के अधिकतर मंत्रियों के खिलाफ अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं. नवरात्र के पहले दिन कांग्रेस ने 144 प्रत्याशियों के नाम की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें 69 विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया है। जबकि पांच विधायकों के टिकट काट दिए गए है। वहीं, कई प्रबल दावेदार माने जा रहे विधायकों के नाम होल्ड कर दिए है। इसमें पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुट के भी विधायक और दावेदार शामिल है। इस बीच सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हुई कि दिग्विजय सिंह नाराज है। इस पृष्ठभूमि में अचानक एक पत्र भी वायरल हुआ। उसमें दिग्विजय सिंह ने कथित तौर पर समर्थकों को टिकट न मिलने पर नाराजगी जताई और इस्तीफे की पेशकश कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को की। हालांकि, कुछ ही देर में दिग्विजय सिंह ने साफ किया कि यह लेटर उन्होंने नहीं लिखा है। उन्होंने इसे भाजपा की शरारत करार दिया। साथ ही एफआईआर दर्ज कराने की बात भी कही। शाम को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई। भाजपा के प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी के खिलाफ इस पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। सत्ता में वापसी के लिए पूर्व सीएम और दिग्विजय सिंह पिछले कई दिनों से जुटे हुए हैं। उन्होंने लगातार हारने वाली एक-एक सीट पर जाकर फीडबैक लिया। पार्टी की तरफ से अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद उनके समर्थक दावेदार और मौजूदा विधायक अपनी सीट सेफ होने को लेकर निश्चंत थे, लेकिन रविवार को पहली सूची में दिग्गी गुट के विधायक और दावेदारों के टिकट कट गए या होल्ड कर दिए गए हैं। इसमें पहला नाम दिग्विजय सिंह के खास माने जाने वाले पन्ना जिले के गुन्नौर से विधायक शिवदयाल बागरी को टिकट काट दिया है। यहां पर जीवन लाल सिद्धार्थ को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। जीवनलाल सिद्धार्थ 2018 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। बताया जा रहा है कि शिवदयाल बागरी का टिकट सर्वे की रिपोर्ट ठीक नहीं होने पर काटा गया है। वहीं, भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यहां पर पहले नंबर पर दिग्विजय सिंह गुट के रवींद्र साहू झूमरवाला का नाम चल रहा था। वहीं, भोपाल की ही दक्षिण पश्चिम सीट पर दिग्विजय सिंह के खास पीसी शर्मा का नाम भी होल्ड हो गया है। वर्तमान विधायक पीसी शर्मा का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था, लेकिन अब पार्टी ने टिकट होल्ड करने से साफ है कि इस सीट पर पेच फंस गया है। बता दें यहां पर इंजी. संजीव सक्सेना टिकट मांग रहे है। उनका दावा है कि पिछले चुनाव में दिग्विजय सिंह ने उनको टिकट देने का वादा किया था। यह भी चर्चा है कि दिग्विजय सिंह शुजालपुर से बंटी बना का नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन पार्टी ने अभी इस सीट को भी होल्ड कर दिया है। हालांकि यह दोनों ही व्यक्ति दिग्विजय सिंह खेमे के है पर कई बार देखने में आया है कमलनाथ मौका वे मौका किनारा करने की कोशिश करते है। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिलती। मौका लगते ही दिग्विजय सिंह अपनी सारी बातें मनवा भी लेते है, लेकिन दुखद यह है पूरे चुनाव में अजय सिंह जैसे कद्दावर नेता व अपने क्षेत्र में जबरदस्त काम करने वाले व्यक्ति को वो तव्वजों नहीं दी गई जो मिलनी थी। अजय सिंह अपने क्षेत्र के आसपास कई सीटें जितवाने का दम भी रखते है पर कांग्रेस की हालत यह है कि उन्हें अपनी ही टिकट के लिए पूरा विश्वास नहीं था। कांग्रेस पहले भी इस तरह की गलतियां करती रही है पर उनके पास अब गलतियों का अवसर है नहीं। कमलनाथ के पास का घेरा कमलनाथ को वो ही दिखाता है जो वे देखना चाहते है। इसके अलावा वे किसी ओर की बात पर कोई खास रिएक्शन भी नहीं देते है। जिससे सामने वाला सम­ा जाता है कि कमलनाथ अपने मन की ज्यादा करेंगे। नाराजगी का दौर यहीं से शुरू होता है।

दरअसल, बीजेपी भी एक परिवार एक टिकट के फॉमूर्ले को फॉलो कर रही है ऐसे में जब मध्य प्रदेश बीजेपी उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट आई तो एक विकट स्थिति ने जन्म ले लिया बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने इंदौर-1 सीट से टिकट दिया इससे विजयवर्गीय के बेटे के लिए स्थिति चिंताजनक हो गई आकाश इंदौर-3 से विधायक हैं और माना जा रहा है कि पिता को टिकट मिलने के बाद उनका टिकट कट सकता है। वहीं शंकरलालवानी को भी विधानसभा के लिए दबाव डाला जा रहा है लेकिन उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वे चुनाव जीत सके। विजयवर्गीय ने तो पहले खूब नाराजगी का इजहार किया पर वक्त के साथ अपने गमों को समेटकर खुद को खुद ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानने लगे। पर इसी बीच कुल मिलाकर शिवराज जी की तारीफ करूंगा जिन्होंने आचार संहिता आते-आते पूरा रुख ही बदलकर रख दिया। जहां शिवराज के लिए मोदी और शाह की नाराजगी ­ालक रही थी और चुनाव पूरा उन्होंने अपने हाथ में ले लिया था। अब वापस पूरी कमान शिवराज सिंह के हाथ में नजर आने लगी है। शिवराज की खूबी यहीं है कि उनकी एक चीजें ऐसी है जो सबको पसंद है। चाहे शिवराज पसंद हो या न हो। उसी ताकत के दम पर उन्होंने 18 वर्ष राज किया है। अब भी उसी की तैयारी में है। चाहे मोदी हो या अमित शाह शिवराज को सबको मैनेज करना अच्छी तरह आता है। वरना कौन प्रदेश में ऐसा ताकतवर नेता है जो देश के ताकतवर कृषि मंत्री को विधानसभा में उतरवा दे। वहीं पार्टी को ताकतवर महासचिव बने कैलाश विजयवर्गीय व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को भी विधानसभा की सीट के लिए लाकर सड़क पर खड़ा कर दे और सबको ये बता दे कि मैं एक तीर से सबको साध लेता हूं। तभी तो उन्होंने कहा था अपने विस क्षेत्र की सभा में कि शिवराज जैसा दूसरा कोई मिलेगा नहीं और बात सच भी है। वहीं प्रदेश के ताकतवर मंत्री नरोत्तम मिश्रा को अपने कार्यालय का उद्घाटन शिवराज सिंह चौहान से ही करवाना पड़ा जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने साथियों को टिकट के लिए घुटने तक घिसने पड़े। सिंधिया परिवार की महारानी को भी बहुत प्यार और सम्मान के साथ घर बिठा दिया। ये सोच और ताकत शिवराज के पास है जो प्रदेश में एक चीज शिवराज ने अपनी मुठ्ठी में बंद कर रखी है वो ताकत जरूरत पड़ने पर धीरे से खोलकर फिर मुठ्ठी बंद कर लेते है। अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि शिवराज की इस मुठ्ठी में बाकी कितनी ताकत है जो कांग्रेस को धूल चटा सकती है या अपना राजनैतिक जीवन दांव पर लगाकर हार सकती है। पर कुल मिलाकर आने वाले चुनाव में ताश के वो पत्ते खुलेंगे जिसका अनुमान मतदाताओं को और पार्टी के बड़े नेताओं को न होगा। चुनाव का मजा लीजिए और वोट जरूर करिए। लेकिन सारी चुनाव की खबरे लिखते हुए न जाने एक गाना क्यों याद आता है नाच मेरी बुलबुल के पैसा मिलेगा, कहां कदरदान ऐसा मिलेगा।

आज आ सकती है भाजपा की पांचवी लिस्ट

0

TIO BHOPAL


कांग्रेस ने 144 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करते हुए अपनी पहली सूची जारी कर दी है। वहीं, आज भाजपा की पांचवी सूची आने की उम्मीद जताई जा रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची आते ही पार्टी में विरोध के सुर भी फूट पड़े हैं। टिकट न मिलने से नाराज नेताओं और उनके समर्थकों के इस्तीफे देने का सिलसिला सा शुरू हो गया है। कांग्रेस ने रविवार को अपनी पहली सूची जारी कर 144 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नाम सामने कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस में नाराज नेता भी खुलकर सामने आ गए हैं।

टीकमगढ़ की खरगापुर विधानसभा, ग्वालियर की ग्रामीण, सतना की नागोद के साथ ही बिजावर, दतिया, डबरा और पवई जैसी कई सीटों पर प्रत्याशी का विरोध नजर आया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जिनमें निस्वार्थ भाव से जन सेवा का व्रत लेने का संकल्प है, उन्हीं को हमने टिकट दिया है। कमलनाथ ने कांग्रेस की पहली सूची के बाद ट्वीट कर अपनी यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि कांग्रेस ने प्रत्याशियों की नहीं, मप्र के भविष्य-निर्माताओं की सूची जारी की है। इस सूची से मप्र की जनता को सकारात्मक रूप से ये सूचित किया गया है कि जिनमें निःस्वार्थ भाव से जनसेवा का व्रत लेने का संकल्प है, उन्हें ही जनता का प्रतिनिधित्व करने के लिए आम जनता व कार्यकर्ताओं के कहने पर ये अवसर दिया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने रविवार को नवरात्रि के पहले दिन 144 प्रत्याशियो की प्रथम सूची जारी की है।

कहा जा रहा है कि कमलनाथ का यह बयान कांग्रेस के नाराज नेताओं को और नाराज कर सकता है। दरअसल सूची आने बाद कई सीटों पर विरोध दिखाई दे रहा है। पुतला दहन के साथ ही टिकट के दावेदार कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। ऐसे में कमलनाथ का ये कहना कि जिनमें निःस्वार्थ भाव से जनसेवा का व्रत लेने का संकल्प है, हमने उन्हें ही टिकट दिया है। नाराज नेताओं को और नाराज कर सकता है।

स्कूटी, लैपटॉप और लाडली बहना जैसी योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मध्यप्रदेश-राजस्थान सरकार सहित चुनाव आयोग को नोटिस जारी

0

TIO NEW DELHI

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुफ्त की रेवड़ी बांटने जैसी घोषणाओं और योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने इनसे 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने नई जनहित याचिका को पहले से चल रही अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ दिया है। सभी मामलों की सुनवाई अब एक साथ होगी।


जनवरी 2022 में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय फ्रीबीज के खिलाफ एक जनहित याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। अपनी याचिका में उपाध्याय ने चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों के वोटर्स से फ्रीबीज या मुफ्त उपहार के वादों पर रोक लगाने की अपील की। इसमें मांग की गई है कि चुनाव आयोग को ऐसी पार्टियां की मान्यता रद्द करनी चाहिए। केंद्र सरकार ने अश्विनी से सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से फ्रीबीज की परिभाषा तय करने की अपील की। केंद्र ने कहा कि अगर फ्रीबीज का बंटना जारी रहा, तो ये देश को ‘भविष्य की आर्थिक आपदा’ की ओर ले जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में अब तक क्या-क्या हुआ? :
फ्रीबीज मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया एनवी रमना की अगुआई वाली जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली की तीन सदस्यीय बेंच ने अगस्त 2022 में सुनवाई शुरू की। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुनवाई में अब तक क्या-क्या हुआ।


03 अगस्त 2022: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्रीबीज मुद्दे पर फैसले के लिए एक समिति गठित की जानी चाहिए। इसमें केंद्र, राज्य सरकारें, नीति आयोग, फाइनेंस कमीशन, चुनाव आयोग, आरबीआई, कैग और राजनीतिक पार्टियां शामिल हों। 11 अगस्त 2022: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘गरीबों का पेट भरने की जरूरत है, लेकिन लोगों की भलाई के कामों को संतुलित रखने की जरूरत है, क्योंकि फ्रीबीज की वजह से इकोनॉमी पैसे गंवा रही है। हम इस बात से सहमत हैं कि फ्रीबीज और वेलफेयर के बीच अंतर है।
17 अगस्त 2022: कोर्ट ने कहा, ‘कुछ लोगों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों को वोटर्स से वादे करने से नहीं रोका जा सकता है…अब ये तय करना होगा कि फ्रीबीज क्या है। क्या सबके लिए हेल्थकेयर, पीने के पानी की सुविधा…मनरेगा जैसी योजनाएं, जो जीवन को बेहतर बनाती हैं, क्या उन्हें फ्रीबीज माना जा सकता है?’ कोर्ट ने इस मामले के सभी पक्षों से अपनी राय देने को कहा।
23 अगस्त 2022: सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई किया और केंद्र से पूछा कि आप सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुलाते हैं? क्योंकि राजनीतिक दलों को ही इस पर सबकुछ तय करना है।

मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कई नेताओं की नजर, विस चुनाव से पहले ठंडे नेताओं में आया जोश

0

शशी कुमार केसवानी
चुनाव का विश्लेषण


मध्य प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम का ऐलान भी नहीं हुआ है कि सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत दिग्गजों को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतार दिया है लेकिन सीएम शिवराज की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस है। सीएम शिवराज की उम्मीदवारी पर ही नहीं, अब तो बीजेपी के सत्ता में आने पर सरकार की तस्वीर क्या होगी? इसे लेकर भी सस्पेंस गहराता जा रहा है। दरअसल, बीजेपी की तरफ से जो संकेत आ रहे हैं, उन्हें सीएम शिवराज के लिए शुभ नहीं माना जा रहा। पिछले कुछ दिनों से सीएम शिवराज भी विदाई के संकेत दे रहे हैं। संकेत की सियासत के बीच अब कैलाश विजयवर्गीय का बयान आया है।

इंदौर-1 विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि केवल विधायक बनने नहीं आया हूं, पार्टी बड़ी जवाबदेही देगी। विजयवर्गीय के इस बयान से अटकलें लगने लगी हैं कि क्या बीजेपी नेतृत्व ने शिवराज को विदाई का सिग्नल दे दिया है? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि विजयवर्गीय जिस बड़ी जवाबदेही की बात कर रहे हैं, क्या वह मुख्यमंत्री की कुर्सी है या बस चुनाव लड़ने की अनिच्छा के बाद डैमेज कंट्रोल की कोशिश? इसकी चर्चा से पहले ये जान लेना जरूरी है कि शिवराज विदाई के संकेत कैसे दे रहे थे और कैलाश विजयवर्गीय ने क्या बयान दिया है। दरअसल, शिवराज सिंह चौहान चुनाव से पहले हुई कैबिनेट मीटिंग से लेकर जनसभाओं तक में भावुक नजर आ रहे हैं। शिवराज ने कैबिनेट मीटिंग में सभी मंत्रियों के साथ ही अधिकारियों का भी धन्यवाद किया था। शिवराज एक अक्टूबर को अपने गृह जिले सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि ऐसा भैया दोबारा तुम्हें नहीं मिलेगा। जब जाऊंगा तब याद आऊंगा। शिवराज ने दो दिन पहले ही अपने निर्वाचन क्षेत्र बुधनी में एक कार्यक्रम के दौरान मौजूद लोगों से पूछा कि चुनाव लड़ूं या नहीं?

यहां से लड़ूं कि नहीं? इस विधानसभा क्षेत्र के काम अफसर भी नहीं रोक पाएंगे। विजयवर्गीय का ये बयान अहम माना जा रहा है क्योंकि वे सीएम पद की रेस में शामिल माने जाते रहे हैं। और उनके ताजा बयान से इंदौर में रहे कई अधिकारियों को चेतावनी भी दी है कि अगर मैं सत्ता में आया तो तुम्हें तुम्हारी हैसियत का आभास भी करा दूंगा। वहीं अपने बेटे के लिए टिकट की उम्मीद लगाए विजयवर्गीय के बिगड़े बोल अपनी ही पार्टी के लोगों को निशाना बना रहे है। चंद दिनों तक पहले तक निराशा से भरे विजयवर्गीय अचानक जोश में कैसे आ गया। वहीं प्रहलाद के भी सुर तीखे होते जा रहे है। उन्होंने भी अपने सीएम का दावेदार होने का इशारों में कहा है। प्रहलाद पटेल ने दमोह हत्याकांड पर भी शिवराज सिंह पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों को समय आने पर जवाब जरूर दूंगा। पर मेरे को नहीं लगता कि शिवराज कटोरी में सजाकर किसी को सीएम का पद दे देंगे। साथ ही साथ 18 साल सीएम रहने का आभास भी केंद्र सरकार को कराएंगे। मप्र से ही देश की राजनीति तय होगी कि आने वाले लोकसभा में केंद्र सरकार किस तरह रहेगी और यह मास्टर स्ट्रोक शिवराज को खेलना बहुत अच्छी तरह आता है।

होटल जहांनुमा पैलेस में उत्सव के बीच केक मिक्सिंग सेरेमनी का हुआ आयोजन

0

शशी कुमार केसवानी


सारी दुनिया में क्रिसमस का इंतजार रहता है, बच्चे तो बच्चे बड़े भी हमेशा इंतजार ही करते रहते हैं। क्योंकि इस अवसर पर खाने की कुछ अच्छे व्यंजन मिलते हैं जिसमें एक है रम केक। पूरी दुनिया में क्रिसमस से दो माह पूर्व केक मिक्सिंग का आयोजन किया जाता है, जिसमें बहुत सारे वाइन, रम स्क्वाच, सिंगल माल्ट के अंदर लकड़ी के कंटेनर के अंदर ड्रायफूड्स, भीगा हुआ रहता है।

2 माह बाद जब क्रिसमस पर केक बनता है तो इस ड्रायफूड का उपयोग किया जाता है। 17वीं शताब्दी में फसल के मौसम के आगमन को चिह्नित करने के लिए केक मिश्रण किया जाता था।

वर्तमान में केक बनाने की प्रक्रिया पहले जैसी ही है। यह परंपरा उन दिनों एक अंतरंग पारिवारिक मामला हुआ करती थी लेकिन अब यह केवल ईसाई परिवारों तक ही सीमित नहीं है।

भोपाल में इसकी शुरूआत होटल जहांनुमा पैलेस में पिछले दस साल हुई थी। इस साल भी यह आयोजन किया। यह आयोजन एक उत्साह और उमंग के साथ किया जाता है। इस अवसर पर होटल में आए कई अतिथि तथा होटल के फेज रशीद ने केके के बारे में जानकारी दी।

नादीर रशीद ने केके के साथ-साथ होटल के बारे में भी जानकारी दी। जफर रशीद ने बताया कि यह केके क्रिसमस से न्यू इयर तक उपलब्ध रहेेंगे। इस अवसर पर सिंगरौली के महाराजा बीपी सिंह व कई अन्य अतिथि मौजूद थे। साथ ही साथ होटल मैनेजमेंट से जुड़े लोग भी मौजूद रहे। साथ ही साथ होटल के कई शेफ भी आयोजन में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम बहुत ही गरिमामय व उत्साह पूर्वक था। बस अब इंतजार है केक मिक्सिंग से बनने वाले रम केक का जो क्रिसमस के अवसर पर मिलेगा।

झूठी घोषणाएं कर वोटों का सौदा कर रहे हैं मुख्यमंत्री

0

TIO BHOPAL

मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर झूंठी घोषणाओं के माध्यम से वोटों की सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा है कि हर रोज सैकड़ों घोषणाएं कर प्रदेश के मुख्यमंत्री वोटों की बोली लगा रहे हैं| अजय सिंह ने बांधवगढ़ एवं मानपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जनाक्रोश यात्रा के दौरान आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी हार सुनिश्चित देख भाजपा आम जनता को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है|


अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने देश के लिए कुर्बानी दी है| कांग्रेस ने देश को एकता के सूत्र में बांध कर इसे आजाद कराया है| कांग्रेस के न जाने कितने लोग देश की आजादी के लिए मर मिटे| उन्होंने कहा कि वो लोग आजादी की कीमत कभी नहीं समझ पाएंगे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी उंगली भी नहीं कटाई| अजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से महगाई आसमान छू रही है| लोगों को अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है| बेरोजगारी की हालत यह है कि काबिल और पढ़े लिखे युवा रोजगार न मिल पाने की वजह से आत्महत्या के लिए विवश हो रहे हैं| अजय सिंह ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटकर सरकार बनाने वाली भाजपा ने प्रदेश की जो दुर्दशा की है उससे हर वर्ग त्राहि त्राहि कर रहा है|


पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने किसानों के दो लाख तक कर्जे माफ किये थे लेकिन भाजपा सरकार अब उनसे ब्याज सहित वसूल रही है और कर्ज न चुकाने की स्थिति में किसानों को जेल में ठूंस रही है| अजय सिंह ने दावा करते हुए की प्रदेश की सरकार अपनी अंतिम सांसे गिन रही है| उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं का आव्हान करते हुए कहा कि संघर्ष के इस दौर में आप सब जनता की आवाज बनें|

बागियों की कांग्रेस में नहीं होगी घर वापसी, सिंधिया समर्थकों पर भी पार्टी सख्‍त

0

TIO BHOPAL

मध्‍य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का खेल भी शुरू हो चुका है। इसी बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि पार्टी सिंधिया समर्थकों को वापस कांग्रेस में एंट्री नहीं देगी। दरअसल, बुंदेलखंड में निकाली जा रही कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा का नेतृत्व कर रहे पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता अरुण यादव छतरपुर पहुंचे थे, जहां पिछले साल सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर गए नेताओं को लेकर पूछे गए सवाल पर यादव ने कहा कि जो लोग कांग्रेस छोड़कर गए थे हम उनको बिल्कुल नहीं लेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा।
इस दौरान अरूण यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 18 साल से काबिज भाजपा की सरकार ने घोटालों के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। आज प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाओं में भाजपा के नेता और अधिकारी 50 प्रतिशत तक कमीशन ले रहे हैं। आज सरपंच और अधिकारी बताते हैं कि किस तरह प्रदेश में लूट चल रही है।
अरूण यादव ने राजनगर और महाराजपुर में नेताओं के बीच उपजे मतभेदों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस में सभी को बोलने की आजादी है इसलिए कई बार मतभेद हो जाते हैं लेकिन पार्टी पूरी तरह से एकजुट है।
गणेश चतुर्थी पर कांग्रेस ने प्रदेश के सात स्थानों से जन आक्रोश यात्रा शुरू की। 15 दिन में 11, 400 किमी की इस यात्रा में बड़ी और छोटी सभाएं होंगी। इस दौरान कांग्रेस नेता भाजपा सरकार पर प्रदेश को बर्बाद और बदहाल करने का आरोप लगाते हुए उसकी असफलताएं गिना रहे हैं।

रेडीशन के नए रेस्टोंरेट प्योर वेज में गुजराती और मारवाड़ी खाने का एक अलग स्वाद

0

शशी कुमार केसवानी
भोपाल के खाने वालों के लिए एक ऐसी नई जगह खुल गई है जहां पूरे विश्वास के साथ शुद्ध शाकाहारी खाना मिलता है। जी हां होटल रेडीशंस के अंदर एक पूरा रेस्टोरेंट तीसरे फ्लोर पर खुला है। जिसका किचन भी वहीं पर बनाया गया है। आप चाहे तो बनता हुआ खाना भी देख सकते है। जी हां इस रेस्टोरेंट का नाम है प्योर वेजीटेरियन रेस्टोरेंट जहां पर आपको गुजरात के खानों का स्वाद के साथ में राजस्थान के खानों का भी स्वाद मिलेगा। गुजराती और मारवाड़ी खाना अपने आप में एक अलग स्वाद के साथ होता है।

जिसके लिए राजस्थान से विशेष तौर पर महाराज को बुलाया गया है। जिसका नाम शंकर शेखावत है। आज कल जिन्हें शेफ कहा जाता है असल में उन्हें या तो पहले महाराज कहा जाता था या खानसामा कहा जाता था पर मेरे को शंकर शेखावत तो पूरी तरह से एक बढ़िया महाराज दिखे जो गुजराती और राजस्थानी खाने के विशेष तौर पर विशेषज्ञों में से एक है उनके हाथ का बना हुआ हर व्यंजन का अलग स्वाद था। खमन, पात्रा, मिट्टी के गोले, जोधपुरी मिर्ची, मिर्ची का पकोड़ा, अंजीर मकई के कबाब, पनीर टिक्का, दाल बाटी चूरमा, गट्टे का पुलाव, पटाटा लू साक, राजस्थानी पनीर, नवरत्न कबाब, ठेपला, ब्लेक मावा बाटी रबड़ी, बादाम का हलवा, राजभोग ऐसे ही कई व्यंजन जिनका स्वाद बताया नहीं जा सकता वो तो खाने के बाद ही महसूस किया जा सकता है। साथ ही में एक अलग तरह का सूप जिसका स्वाद आपको अलग ही मजा देगा।

मावा बाटी सच में मावा बाटी महसूस हो रही थी नहीं तो आमतौर पर मेदा बाटी खाते है। मेरे को तो इसी तरह के देशी खाने हमेशा बहुत पसंद आते है पर मैं सभी तरह के खानों का स्वाद लेता हूं। आपको जाने पर वह इसके अलावा कई ऐसे लजीज स्वाद मिलेंगे जो शायद मैं नहीं चख पाया तो एक बार जरूर जाकर शेफ दिवायन और महाराज शंकर शेखावत के हाथों के जादू का मजा लिजिए। रेस्टोंरेंट का इंटीनियर भी शेफ दिवायन ने किया है जो अपने आप में एक अलग फील देता है। बहुत ही सुंदर के साथ-साथ देशी तरह का माहौल मिलता है बैठने को। मैंने तो सबके मजे ले लिए अब आपकी बारी। इन सब व्यंजनों के साथ में तीन तरह की चटनियां एक अलग ही स्वाद दे रही थी। जिनके उपयोग से सारे व्यंजनों का स्वाद कई गुना बढ़ रहा था।