नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि बंटवारा आधुनिक भारत की सबसे बड़ी भूल था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की महत्वकांक्षा के कारण देश के टुकड़े हुए। उन्होंने कहा कि यदि बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज जिस तरह से जम्मू-कश्मीर को लेकर चर्चा हो रही है वैसी चर्चा नहीं होती।
दिल्ली में विश्व हिंदी परिषद के एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘आधुनिक भारत की सबसे बड़ी गलती विभाजन थी। गांधी जी ने कहा था कि यदि विभाजन हुआ तो वह केवल उनके मृत शरीर पर ही होगा। वह काफी उदास थे और भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बंगाल चले गए थे।’
जितेंद्र सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोगों की महत्वकांक्षा के कारण देश का विभाजन हुआ था। यदि हम इसे समझ गए होते तो आज जम्मू-कश्मीर पर इस तरह की चर्चा करने की आवश्यकता न होती। तब न तो अनुच्छेद 370 होता और न ही उसे खत्म करने को लेकर चर्चा हो रही होती। मंत्री ने कहा कि इस एक घटना के करण इतिहास में हम कितना आगे गए या पीछे आए, इसका आकलन आप खुद कर सकते हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि इतिहास में एक दुर्घटना की वजह से हम कितने आगे गए या पीछे हुए। दो-राष्ट्र सिद्धांत जिसके आधार पर विभाजन किया गया था। यह उस दिन निरर्थक साबित हो गया जिस दिन बांग्लादेश का गठन हुआ था।’
इससे पहले जितेंद्र सिंह ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों की सबसे बड़ी उपलब्धि में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करना बताया था। उन्होंने कहा था कि हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने का है। उन्होंने पीओके के मुद्दे पर कहा था कि यह केवल मेरी या मेरी पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है बल्कि यह 1994 में पी वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से पारित संकल्प है।