बिहार एनडीए में सीट बंटवारे पर बनी सहममि, पासवान 6 सीट पर राजी, औपचारिक घोषणा आज

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नई दिल्ली/पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) और बीजेपी के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गई है। माना जा रहा है कि शनिवार को इसका अधिकारिक तौर पर ऐलान भी किया जा सकता है। खबर है कि बीजेपी एलजेपी को 6 सीटें देने पर राजी हो गई है। इनमें एक सीट एलजेपी को यूपी में मिलेगी। इसके अलावा बीजेपी एलजेपी को एक राज्यसभा सीट भी दे सकती है।
Paswan complains to seat-sharing in Bihar NDA, Paswan agreed on 6 seats, formally announced today
अगर ऐसा होता है तो एलजेपी बिहार में 5 और यूपी में एक सीट से लोकसभा चुनाव में उतरेगी। सूत्रों का कहना है कि एनडीए के सीटों के बंटवारे पर का ऐलान बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी मिलकर करेंगी। एनडीए का यह गठबंधन यूपीए के कांग्रेस, आरजेडी, हम और आरएलएसपी का मुकाबला करेगा।

कुशवाहा की पार्टी के एनडीए छोड़ने से खाली हुईं 2 सीटों के बाद एलजेपी ने अपनी सीटों की मांग बढ़ा दी थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली से हुई मुलाकात के बाद चिराग पासवान ने कहा, ‘हमारे बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत अच्छी रही और हमें विश्वास है कि इस मुद्दे का एक सकारात्मक हल निकलेगा।’ एलजेपी के सूत्रों के मुताबिक, उन्हें पूरा विश्वास है कि इस सीट शेयरिंग फॉम्यूर्ले पर जेडीयू भी अपनी सहमति दे देगी।

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के बिहार इन-चार्ज भूपेंद्र यादव के बीच 2 चरणों की वार्ता हुई थी लेकिन पार्टी किसी नजीजे पर नहीं पहुंची थी। एलजेपी के साथ बीजेपी की बातचीत स्पष्ट तौर पर दिखाती है कि पासवान की पार्टी के एनडीए छोड़ने की स्थिति में बीजेपी को तगड़ा झटका लग सकता है। यूपी में एलजेपी को सीट देकर बीजेपी, बीएसपी सुप्रीमो मायावती के खिलाफ राम विलास पासवान को दलित चेहरे के रूप में पेश कर सकती है।

इसके अलावा, लोक जनशक्ति पार्टी अपने अध्यक्ष को राज्यसभा में भेजने के लिए प्रयासरत है जहां एनडीए की तरफ से वह दलितों से संबंधित मुद्दे उठा सकते हैं। सीट शेयरिंग फॉम्यूर्ले पर बनी सहमति को कन्फर्म करते हुए जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, ‘बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में हुए सीट बंटवारे की घोषणा दिल्ली में तीनों पार्टियों की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी।’

इससे हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत के बाद जिस तरह से चिराग पासवान ने ट्वीट किए, उससे यह माना जाने लगा था कि अब रामविलास पासवान और उनके सांसद पुत्र चिराग पासवान फिर से एनडीए को अलविदा कहने की तैयारी में हैं। इसके बाद बीजेपी की तरफ से एलजेपी को मनाने की कवायद की गई।