TIO जयपुर
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तनाव अपने चरम पर है। कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच पायलट खेमे के 15 विधायकों ने एक वीडियो जारी किया। रविवार को पायलट ने दावा किया था कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है और गहलोत सरकार अल्पमत में है। हालांकि वीडियो में पायलट नहीं दिखाई दे रहे हैं लेकिन कुछ विधायक कैमरे की तरफ देख रहे हैं। पायलट खेमे ने यह नहीं बताया कि इसे किस स्थान पर शूट किया गया है।
42 साल के पायलट और गहलोत के बीच मतभेद अब खुलकर सामने आ गए हैं। वे शनिवार से दिल्ली में हैं और सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि गहलोत सरकार के पास 106 विधायकों का समर्थन है। अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि पायलट सोमवार सुबह हरियाणा के मानेसर गए थे। कांग्रेस ने शुरुआत में कहा था कि पायलट के पास 16 विधायकों का समर्थन है। सोमवार शाम को पार्टी ने कहा कि उनके पास 10 से 12 विधायकों का समर्थन है।
राहुल गांधी ने नहीं मिलेंगे सचिन पायलट
सचिन पायलट ने सोमवार शाम को कहा कि उनका राहुल गांधी से मुलाकात करने का कोई विचार नहीं है। एनडीटीवी के साथ हुई बातचीत में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि वह पार्टी द्वारा मनाने की कोशिशों से दूर हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट को सुलझाने की कोशिश की। गांधी के करीबी सूत्रों का कहना है कि दोनों अक्सर सीधे बातचीत करते हैं। दोनों में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम है। शाम को कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि पायलट भाजपा के साथ लगातार बात कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं ने भी स्पष्ट किया कि सचिन किसी भी गांधी के साथ सीधे संपर्क में नहीं हैं। उनके साथ मीडिया और दूतों के जरिए बातचीत की जा रही है।
अगर गहलोत खेमा मजबूत है तो होटल में बंद क्यों है
सचिन पायलट खेमे के कांग्रेस नेता हेमा राम चौधरी ने राज्य सरकार के नेतृत्व में बदलाव की मांग की है। एनडीटीवी के साथ बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत के साथ 106 विधायकों का समर्थन होने के दावों पर शंका जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘यदि उनके पास 106 विधायक हैं तो उनके पास संख्याबल है। ऐसे में उन्हें विधायकों को एक होटल में बंद करके रखने की क्या जरूरत है?’ कांग्रेस सोमवार को सचिन पायलट के खेमे में जाने से रोकने के लिए अपने 100 से ज्यादा विधायकों को होटल में ले गई है। इससे पहले अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया था।
राजस्थान की गहलोत सरकार की मुश्किलें कम होती दिखाई नहीं दे रही हैं क्योंकि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अभी तक मानने को तैयार नहीं हैं। पायलट की बगावत से राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश कर रही है। इसी बीच मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेस विधायक दल की बैठक (सीएलपी) बुलाई गई है। जिसमें सचिन पायलट समेत उनके समर्थित विधायकों को शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। हालांकि इसमें उनके शामिल होने की संभावना कम है। सूत्रों का कहना है कि पायलट मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़े हुए हैं।
सचिन पायलट को दे रहे हैं दूसरा मौका: अविनाश पांडे
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, ‘हम सचिन पायलट को दूसरा मौका दे रहे हैं, उनसे आज की विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए कहा है। मुझे उम्मीद है कि आज सभी विधायक आएंगे और नेतृत्व को एकजुटता देंगे जिसके लिए राजस्थान के लोगों ने मतदान किया था। हम सभी राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं।’
हम बहुमत परीक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं: सतीश पूनिया
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ‘कांग्रेस दावा करती रही है कि उनके नेता एकजुट हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि आंतरिक विवाद हैं, जिसके कारण, सचिन पायलट को अपमान का सामना करने के बाद पार्टी छोड़नी पड़ी। वर्तमान में हम बहुमत परीक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं।’