झाबुआ। छह दिन बाद पराये घर जाने वाली बेटी ने जब पिता से घर में शौचालय बनाने की मांग रखी, तो वे उसकी इच्छा को टाल नहीं सके। उन्होंने न केवल हामी भरी बल्कि यह संकल्प भी लिया कि बेटी की शादी में आने वाले मेहमानों को भी अपने-अपने घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। पिता ने घर में शौचालय का निर्माण शुरू करवा दिय और बेटी ने ही पहली गेती चलाकर उसकी शुरूआत की।
यह प्रेरक मामला ग्राम पंचायत बोड़ायता का है। स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी समिति के सदस्यों के साथ फीडबैक फाउंडेशन के राजेश शुक्रवार सुबह ग्राम के जगदीश कटारा के घर पहुंचे, तो वहां उनकी बेटी शांता की शादी की तैयारियां चल रही थीं। 5वीं तक पढ़ी शांता की शादी 12 अप्रैल को पास के गांव कसारबर्डी में राकेश शोभाराम डोडिया से होने वाली है।
उन्होंने शांता से पहला सवाल किया कि क्या तुम्हारे घर में शौचालय है। नहीं में जवाब मिलने पर उन्होंने उससे ससुराल के बारे में पूछा। जब शांता ने बताया कि ससुराल में सभी शिक्षित हैं, तो शौचालय नहीं होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इस पर उन्होंने शांता को अपने घर में भी शौचालय बनवाने को कहा। होने वाला पति राकेश खेती और मिस्त्री का काम करता है और 10वीं तक पढ़ा है।
ससुराल में कैसे बताऊंगी
समझाइश का शांता पर ऐसा असर हुआ कि उसने पिता के सामने घर में शौचालय बनवाने की मांग रख दी। उसने पिता से कहा कि ‘ससुराल में जाकर कैसे बताऊंगी कि मेरे घर में शौचालय तक नहीं है।” जल्दी ही पराए घर जाने वाली बेटी की बात पिता कैसे टालते, उन्होंने तत्काल हां कर दी। शुक्रवार सुबह घर में शौचालय निर्माण आरंभ हो गया, जिसकी शुरूआत कटारा ने शांता के हाथों से करवाई। शांता ने ग्रामीणों से भी अपील कि है कि वे भी अपने घर में शौचालय का निर्माण कर उपयोग करें।