न्यूयॉर्क पहुंचे पीएम मोदी, संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

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वर्ल्ड डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ह्यूस्टन में ऐतिहासिक कार्यक्रम हाउडी मोदी में शिरकत करने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे। वह यहां जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और समिट को भी संबोधित करेंगे। पीएम मोदी अमेरिकी समयानुसार रविवार रात 10 बजे के बाद जेएफके अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे।

वह यहां यूएनजीए के वार्षिक सत्र को 27 सितंबर को संबोधित करेंगे और करीब एक सप्ताह के न्यूयॉर्क प्रवास के दौरान उनका कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पीएम मोदी का स्वागत किया।

सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में देश की भागीदारी एवं पहुंच अद्भुत होगी और इसके नतीजे ठोस, वास्तविक, कार्य उन्मुख होंगे। पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन से 75 से अधिक देशों के प्रमुख और विदेश मंत्री मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी सोमवार को सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव चैंबर में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। संयुक्त राष्ट्र 24 और 25 सितंबर को टिकाऊ विकास लक्ष्य शिखर सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा।

मोदी 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में इकोनॉमिक एडं सोशल काउंसिल (ईसीओएसओसी) चैंबर में एक विशेष कार्यक्रम ‘लीडरशिप मैटर्स: रेलीवेंस ऑफ गांधी इन कंटेम्प्रेरी वर्ल्ड’ की मेजबानी करेंगे। यह कार्यक्रम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।

मोदी 25 सितंबर को आयोजित होने वाले ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस समिट में अहम वक्ता होंगे। सूत्रों के अनुसार मोदी के संबोधन के बाद भारतीय नेता का प्रश्नोत्तर सत्र भी होगा। ब्लूमबर्ग एलपी और ब्लूमबर्ग फिलेन्थ्रॉपीज के संस्थापक माइकल ब्लूमबर्ग इसका संचालन करेंगे।

महासभा में वक्ताओं की प्रारंभिक सूची के अनुसार करीब 112 राष्ट्राध्यक्ष, करीब 48 शासनाध्यक्ष और 30 से अधिक विदेश मंत्री महासभा को संबोधित करने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचेंगे। आम चर्चा 24 सितंबर से आरंभ होगी और 30 सितंबर तक चलेगी।

ह्यूस्टन के बाद ये हैं आगे के कार्यक्रम

  • 23 सितंबरः पीएम मोदी क्लाइमेट समिट को संबोधित करेंगे। वह आतंकवाद के मसले पर कई देशों के नेताओं से मिलेंगे। इसके बाद वह अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे।
  • 24 सितंबरः यूएनएसजी की ओर से लंच में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वह महात्मा गांधी की 150वी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी को गेट्स फाउंडेशन की ओर से ग्लोबल गोलकीपर अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही पीएम मोदी ब्लूमबर्ग के सीईओ से भी मुलाकात करेंगे।
  • 25 सितंबरः पीएम मोदी कैरिकोम की बैठक में हिस्सा लेंगे, जहां डोनाल्ड ट्रंप समेत 20 नेताओं से मुलाकात और बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है।
  • 27 सितंबर: अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन पीएम मोदी यूएनजीए सेशन को संबोधित करेंगे।

    संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में अक्षय ऊर्जा के बारे में भारत की योजना की जानकारी देंगे मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के उच्च स्तरीय जलवायु कार्यवाही सम्मेलन में अक्षय ऊर्जा पर अपनी सरकार की महत्वाकांक्षाओं के बारे में जानकारी देने के साथ साथ आपदारोधी ढांचे की खातिर एकजुट होने की बात भी उठा सकते हैं।

    मोदी इस सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के शुरुआती वक्ताओं में शामिल हैं। यह इस मायने में महत्वपूर्ण है कि केवल उन्हीं राष्ट्र प्रमुखों, सरकार और मंत्रियों को ही सम्मेलन में बोलने का मौका मिलता है जिन्हें जलवायु कार्यवाही को लेकर कोई सकारात्मक घटनाक्रम की घोषणा करनी होती है।

    सम्मेलन में पीएम मोदी चौथे वक्ता हैं। उनका शुरुआती वक्ताओं में शामिल होना वैश्विक जलवायु कार्यवाही प्रयासों में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका तथा योगदान को रेखांकित करता है। सम्मेलन में मोदी से पहले के वक्ता हैं एंतोनियो गुटेरेश, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न और मार्शल आयलैंड की राष्ट्रपति हिल्डा हेने। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल पीएम मोदी के बाद बोलेंगी।

    संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बताया कि जलवायु कार्यवाही के प्रति भारत का रुख बहुआयामी है क्योंकि हम जो कुछ भी करते हैं उसका प्रभाव वैश्विक होता है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री अक्षय ऊर्जा के प्रति अपनी महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट करेंगे और आपदारोधी ढांचे के लिए राष्ट्रों के गठबंधन का प्रस्ताव देंगे, ठीक उसी तरह जैसे अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन है।

    अकबरुद्दीन ने कहा कि हम किसी विशेष क्षेत्र की ओर नहीं देख रहे। लेकिन हां, अक्षय ऊर्जा पर जरूर हमारा ध्यान है क्योंकि ऊर्जा एक महत्वपूर्ण घटक है। वैसे भी हमारे देश में ऊर्जा की जरूरत ज्यादा है और अक्षय ऊर्जा की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी संभवत: 2015 में किए गए वादे से कहीं आगे जाकर भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा की अपनी महत्वाकांक्षा के बारे में बात करेंगे।

    पेरिस जलवायु समझौते पर वर्ष 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे। यह वैश्विक तापमान को दो डिग्री से नीचे रखने के प्रयासों और जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने से जुड़ा है।