नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, पीडीपी नेता महबूूबा मुफ्ती, वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी ने हिस्सा लिया।
बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ज्यादातर पार्टियों ने इसका समर्थन किया है। माकपा की राय अलग है, लेकिन उन्होंने इसका विरोध नहीं किया।
येचुरी ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया
कांग्रेस, सपा, शिवसेना, बसपा, द्रमुक, तेदेपा और तृणमूल का कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डी राजा मोदी की बुलाई इस बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया।
ईवीएम पर बैठक बुलाते तो इसमें शामिल होते- मायावती
इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया कि ईवीएम को लेकर बैठक बुलाई जाती तो वे उसमें शामिल होतीं।
जनता से किए वादे पूरा करें मोदी- अखिलेश
बैठक को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी को उन वादों पर फोकस करना चाहिए जो उन्होंने जनता से किए हैं। मुझे आशा है कि वे उन वादों को पूरा करने के लिए काम करेंगे। एक देश, एक चुनाव जैसे मुद्दों पर कई पार्टियां कभी तैयार नहीं होंगी।
ममता ने कहा- सरकार पहले श्वेत पत्र तैयार करे
ममता ने मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से ‘एक देश, एक चुनाव’ मुद्दे पर जल्दबाजी न करने और श्वेत-पत्र तैयार करने की बात कही है ताकि सभी प्रमुख नेता श्वेत पत्र पर अपने विचार व्यक्त कर सकें। इसके लिए सभी को पर्याप्त समय भी देना चाहिए। ममता ने यह भी कहा कि अगर आप (मोदी) ऐसा करते हैं, तभी हम सब इस विषय पर अपने सुझाव दे सकेंगे।