नई दिल्ली। अगर आपको लगता है कि कॉल ड्रॉप्स से केवल आप और हम ही परेशान हैं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इससे अछूते नहीं हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से अपने आधिकारिक आवास पर जाते समय उन्हें बात करते समय काफी दिक्कत हुई। प्रधानमंत्री ने अपनी इस परेशानी को शेयर करते हुए टेलिकॉम डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि वह इस समस्या का तकनीकी समाधान निकाले और मोबाइल आॅपरेटरों से यह सुनिश्चित करें कि वे ग्राहकों को पूर्ण रूप से संतुष्ट करें।
PM not untouched by call drop, troubled, given instructions of technical solution
आपको बता दें कि प्रगति पहल के तहत प्रधानमंत्री अपने टॉप सचिवों के साथ हर महीने वेब-बेस्ड संवाद करते हैं। इस दौरान टेलिकॉम सेक्रटरी अरुण सुंदराजन ने विभाग को मिली कॉल ड्रॉप समेत ग्राहकों की शिकायतों के बारे में जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इसके बाद ही यह टिप्पणी की। एक अधिकारी ने कहा कि मोदी ने जिक्र किया कि कैसे लोग दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने के बाद लगातार कॉल करने की कोशिश करते देखे जाते हैं और कैसे कॉल ड्रॉप अब एक राष्ट्रीय समस्या बन चुका है। अधिकारी ने बताया, ‘पीएम ने कहा कि परेशान ग्राहकों की समस्या को दूर करने के लिए तत्काल समाधान करने की जरूरत है।’
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने टेलिकॉम सेक्रटरी से यह भी पूछा कि कॉल ड्रॉप्स के लिए टेलिकॉम आॅपरेटरों से कितना फाइन या जुमार्ना वसूला गया। सुंदराजन ने कथिततौर पर बताया कि प्रति तीन कॉल ड्रॉप पर एक रुपये चार्ज करने का प्रस्तावित कानून लागू नहीं हो पाया और टेलिकॉम नियामक ट्राई ने क्वॉलिटी आॅफ सर्विसेज मानदंड रखे, जिसमें सर्विसेज ठीक न होने पर ज्यादा जुमार्ने का प्रावधान है।
खराब सर्विसेज के लिए मोबाइल आॅपरेटरों से जुमार्ना वसूलने पर सेक्रटरी ने बताया कि मंत्रालय ने इस पर कोई डीटेल्स नहीं दिया है। पीएमओ द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘पीएम ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर से जुड़ी समस्याओं का समाधान आधुनिक तकनीक पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि सर्विस प्रोवाइडरों को ग्राहकों को पूरी तरह से संतुष्ट करना चाहिए।’
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बॉर्डर के इलाकों में मोबाइल फोन नेटवर्क संबंधी मसलों का भी समाधान निकालने के लिए टेलिकॉम मिनिस्ट्री को कहा है, जिससे दुश्मन भारत विरोधी अपने अजेंडे के लिए इसका इस्तेमाल न कर सकें।