मुंबई
पीएमसी बैंक घोटाले मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शुक्रवार को बैंक के लापता मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस को हिरासत में ले लिया है। मुंबई पुलिस के पब्लिक रिलेशन अधिकारी ने बताया कि बैंक के निलंबित एमडी थॉमस पिछले कुछ दिनों से लापता थे। पुलिस अब उन्हें हिरासत में लेकर उनसे इस मामले में पूछताछ करेगी।
इस घोटाले के सामने आने के बाद आरबीआई ने पिछले हफ्ते बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रबंधन की अनियमितताओं की वजह से बैंक को 4355 करोड़ रु का घाटा हुआ। ईडी ने एचडीआईएल कंपनी के खिलाफ भी जांच शुरू की है। बैंक ने इसे 6500 करोड़ रु का कर्ज दिया था। आरबीआई ने ग्राहकों के लिए विड्रॉल लिमिट 1000 रुपए तय कर दी थी। दो दिन बाद लिमिट बढ़ाकर 10 हजार रुपए की गई। पीएमसी की 7 राज्यों में 137 शाखाएं हैं।
पीएमसी को लोन की वजह से 4355 करोड़ रुपए का घाटा हुआ
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) ने कर्ज की रकम की जानकारी दबाने के लिए 21 हजार फर्जी खाते खोले। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया था कि बैंक के खिलाफ सोमवार को दर्ज एफआईआर में इस बात का पता चला। बैंक प्रबंधन पर एनपीए की जानकारी छिपाने और नियमों के खिलाफ कर्ज बांटने के आरोप हैं। इससे पीएमसी को 4355 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
बैंक प्रबंधन वित्तीय स्थिति अच्छी बताता रहा लेकिन, हकीकत कुछ और थी
एफआईआर के मुताबिक, एक रिएलिटी ग्रुप और इसकी कंपनियों को पीएमसी ने 44 कर्ज दिए। बैंक प्रबंधन वित्तीय स्थिति अच्छी बताता रहा लेकिन, हकीकत कुछ और थी। एफआईआर में पीएमसी के चेयरमैन वरयम सिंह और निलंबित एमडी जॉय थॉमस समेत अन्य अधिकारियों के नाम हैं। इसमें दिवालिया कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) और इसके पूर्व अफसरों सारंग वाधवान और राकेश वाधवान के भी नाम हैं। पीएमसी ने इन्हें लोन दिया था।
अगले 2 महीने में जांच पूरी होने की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एचडीआईएल को पीएमसी ने 6,500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। यह बैंक के कुल लोन 8,880 करोड़ रुपए का 73% है। यह किसी एक कंपनी को कर्ज देने के लिए आरबीआई द्वारा तय सीमा से भी काफी ज्यादा है। रॉयटर्स के मुताबिक एक सरकारी अफसर ने पिछले हफ्ते बताया था कि सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) पीएमसी मामले में एचडीआईएल की भूमिका की जांच करेगा। अगले 2 महीने में जांच पूरी होने की उम्मीद है।