हनी ट्रैप में पुलिस जांच कर रही है या लीपापोती! किसके इशारे पर हो रहा है काम?

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TIO भोपाल

मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप (Honey Trap) केस में पुलिस जांच (Police Investigation) कर रही है या फिर लीपापोती. ये सवाल इसलिए क्योंकि पुलिस बार-बार अपने बयान बदल रही है. इसलिए ऐसा लगने लगा है कि वो किसी के दबाव में है. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर  वो कौन बड़ा नेता है जिसके इशारे पर पुलिस काम कर रही है.

जांच से इनकार क्यों?

हनी ट्रैप केस की जांच भले ही एसआईटी को सौंप दी गई है, लेकिन एसआईटी के चीफ डी श्रीनिवास वर्मा के जांच करने से इनकार के बाद मामला उलझता जा रहा है. इसे लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि जांच गलत दिशा में जाने की वजह से डी श्रीनिवास वर्मा ने जांच करने से इनकार कर दिया. हनी ट्रैप के खुलासे के बाद डीजीपी वी.के सिंह ने एसआईटी का गठन किया था.

अब एटीएस चीफ संजीव शमी को एसआईटी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है. उनकी टीम में इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा को भी शामिल किया गया है. साथ ही एसआईटी में भोपाल साइबर सेल के एसपी विकास शहवाल, इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह, इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह, सीआईडी इंस्पेक्टर नीता शर्मा, मनोज शर्मा, इंदौर के पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया को शामिल किया गया है.

हनी ट्रैप मामले में जांच को लेकर उठ रहे बड़े सवाल?
सवाल 
किस नेता के प्रभाव में राजगढ़ की लड़की को बचाने की कोशिश की गई?

सवाल 
इंदौर नगर निगम के इंजीनियर को ब्लैकमेल करने वाली लड़की को अचानक क्यों बचाया गया?

सवाल 
5 दिन की जांच में सिर्फ एक ही लड़की को निर्दोष क्यों बताया जा रहा?

सवाल 
क्या प्लानिंग के तहत एक राजनीतिक पार्टी को टारगेट किया जा रहा?

सवाल 
क्या कांग्रेस के आरोपी और बीजेपी के आरोपी में बंट गई जांच?

सवाल 
किस नेता के इशारे पर जांच कर रही है पुलिस?

सवाल 
पहले इंदौर के एसएसपी रुचिवर्धन को एसआईटी में शामिल नहीं किया गया था, अब दोबारा बनी एसआईटी में उन्हें क्यों शामिल किया गया?

सवाल 
भोपाल की एक आरोपी महिला का नाम बार-बार क्यों लिया जा रहा है?

सवाल 
भोपाल से आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच से हटने वाली एटीएस को जांच की जिम्मेदारी क्यों फिर दी गई है?

सवाल 
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में रसूखदारों के नाम आने के बाद पुलिस क्यों कार्रवाई नहीं कर रही है?

बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
बीजेपी का आरोप है कि पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है, इसलिए मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. जिस तरीके से हनी ट्रैप केस की जांच शुरू हुई, उस तरीके से वो आगे नहीं बढ़ी और अब जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है. पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है.आखिर किसके इशारे पर पुलिस काम कर रही है और एसआईटी चीफ ने जांच करने से क्यों मना कर दिया. ऐसे कई सवाल हैं, जिसके जबाव देने में जिम्मेदार लोगों के हाथ-पैर फूल रहे हैं.