- चोरी के बाद 104 साल से दीवार में थी मूर्ति, पुलिस ने बरामद की
- 1.5 फीट लंबी द्रौपदी अम्मन की मूर्ति दीवार के अंदर छिपाई गई थी
- पुजारी करुप्पासामी पर था चोरी का आरोप, पोते ने उजागर किया राज
- मरुगेसन ने कई रिश्तेदारों की मौत की वजह देवी के क्रोध को बताया
मदुरै।
तमिलनाडु के मदुरै में 1915 में चुराई गई एक मूर्ति का अब पता चला है। 700 साल प्राचीन यह मूर्ति एक पुराने घर में दीवार के अंदर छिपाई गई थी। मदुरै के मेलूर में स्थित मंदिर के दो पुजारियों में से एक करुप्पासामी पर मूर्ति चुराने का आरोप लगा था। पुलिस ने रविवार को 1.5 फीट लंबी द्रौपदी अम्मन की मूर्ति को बरामद कर लिया और इसे मंदिर प्रशासन को सौंप दिया गया। मंदिर में सालाना उत्सव से ठीक एक दिन पहले यह मूर्ति बरामद हुई है।
नगाईकडाई स्ट्रीट में स्थित यह मंदिर करीब 800 साल पुराना बताया जाता है। करुप्पासामी के पोते मुरुगेसन (60 वर्ष) ने सबसे पहले अपने परिवार का रहस्य उजागर किया था। छह महीने पहले मुरुगेसन मंदिर में दर्शन के लिए गया था। नामक्कल में सेटल हो चुके मुरुगेसन ने बताया था कि उसे ऐसा महसूस होता है कि देवी के क्रोध की वजह से उसके कई रिश्तेदारों की मौत हो चुकी है और वह खुद भी बीमार रहता है। मूर्ति विभाग के एक अधिकारी का कहना है, ‘मुरुगेसन ने मंदिर के पुजारी नारायणन को बताया कि जब वह छोटा था तो अपने बाबा और पिता को घर में एक दीवार के पास पूजा करते देखता था।’
मूर्ति विभाग के एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि करुप्पासामी ने दूसरे पुजारी से झगड़े की वजह से मूर्ति चुरा ली थी। हालांकि उसी साल (1915) में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी और ब्रिटिश पुलिस ने काफी जांच पड़ताल की लेकिन मामला सुलझ नहीं सका था। इस दौरान करुप्पासामी ने दीवार को खोदकर उसके अंदर मूर्ति रखने के बाद फिर से दीवार प्लास्टर कर दी।
मूर्ति विभाग के डीएसपी वी मलयसामी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया को बताया कि जब मुरुगेसन ने मूर्ति के बारे में खुलासा किया तो गांववाले अपनी देवी की मूर्ति वापस पाने के लिए वहां पहुंच गए। शुरूआत में पुलिस और ग्रामीणों को थोड़ा संकोच हुआ क्योंकि घर अब किसी और का था। डीएसपी ने बताया, ‘हालांकि हाल ही में एक लिखित शिकायत मिलने के बाद हमने घर में दाखिल होने का फैसला किया। मकान के मालिक मचाकलाई को पुलिस द्वारा दीवार तोड़ने में कोई समस्या नहीं थी क्योंकि वह खुद घर को गिराने की तैयारी कर रहे थे।’ मुरुगेसन ने जहां बताया था ठीक उसी जगह से मूर्ति बरामद हुई।
मंदिर के रिकॉर्ड में मूर्ति का जिक्र है। इसके मुताबिक मूर्ति में तीसरी आंख भी थी। जब बरामद हुई मूर्ति की छानबीन की गई तो इसकी तस्दीक हुई। ग्रामीण मूर्ति के मिलने से काफी खुश हैं और वह एक शानदार उत्सव की तैयारी कर रहे हैं। मूर्ति विभाग से विशेष अधिकारी पोन मनिकावेल का कहना है कि वह मौके पर जाकर मामले की जांच करेंगे।