भोपाल। पुलिस पीड़ित लोगों को तभी न्याय दिलवा पायेगी, जब वह नये कानूनों से अपडेट रहेगी। यदि पुलिस को सही कानून का ज्ञान नहीं है तो फिर पीड़ित को न्याय भी सही नहीं मिल पाएगा। यह बात राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी, भौरी में इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राईट विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
Police will be updated by the new law only when the victim will be able to give justice
गुप्ता ने कहा कि प्रापर्टी संबंधी केस की तुलना में इंटलेक्चुअल प्रापर्टी के केस हल करना कठिन है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हमेशा जिज्ञासु प्रकृति बनाये रखें। समय के साथ चलें। रिफ्रेशर और ट्रेनिंग कोर्स लगातार चलते रहना चाहिए। प्रशिक्षण में पांच राज्यों के पुलिस आफिसर शामिल हुए।
विशेष पुलिस महानिदेशक केएन तिवारी ने कहा कि कापीराइट, पेटेंट, डिजायनिंग, ट्रेड मार्क, भौगोलिक संकेतक आदि कानूनों का बारीकी से अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग में बतायी जा रही बातों को ध्यान से सुनें और अन्य अधिकारियों से शेयर करें। डायरेक्टर पुलिस अकादमी सुशोभन बनर्जी ने बताया कि ट्रेनिंग में मप्र, बिहार, उप्र, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के अधिकारी शामिल हैं।
यहाँ से ट्रेनिंग के साथ अधिकारी अपने-अपने प्रदेश में ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट में मु य रूप से क्रियेशन, प्रोटेक्सन, युटिलाइजेशन और इन्फोर्समेंट की प्रक्रिया जरूरी है। बनर्जी ने बताया कि इसके पहले अकादमी में मिसिंग चाइल्ड विषय पर ट्रेनिंग हो चुकी है। आगे निगोसियेशन स्किल और जेंडर सेंसटाइजेशन पर भी ट्रेनिंग दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि भोपाल पुलिस अकादमी को रिजनल ट्रेनिंग सेंटर के रूप में चयनित किया गया है। बनर्जी ने बताया कि ट्रेनिंग राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के सहयोग से आयोजित की गयी है। इस मौके पर जवाहरलाल नेहरू पुलिस एकेडमी, सागर के महानिदेशक जी. जनार्दन और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरूणा मोहन राव भी उपस्थित थीं।