भोपाल। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच सोमवार रात को अचानक हुई मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक तापमान बढ़ गया। शिवराज के आवास पर दोनों नेताओं ने बंद कमरे के अंदर करीब 40 मिनट तक बातचीत की। यही नहीं मुलाकात के बाद शिवराज और ज्योतिरादित्य दोनों नेता एक साथ बाहर आए और पत्रकारों से मिले। दोनों नेताओं के मिलने की खबर के बाद शिवराज के आवास के बाहर पत्रकारों का जमावड़ा लग गया। शिवराज और ज्योतिरादित्य ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया। साथ ही यह भी कहा कि ‘बातचीत अच्छी’ रही। दोनों के इस बयान के बाद इस बात के स्पष्ट संकेत मिले कि यह बातचीत मध्य प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर थी।
Political temperature increased by the sudden meeting of Scindia and Shivraj, the market of discussions was hot
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने दो करीबियों के घर शोक व्यक्त करने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अचानक शिवराज के घर जाने का प्लान बनाया। शिवराज अभी अपने दिल्ली दौरे से लौटे ही थे। सिंधिया के इस कदम से सब आश्चर्य में आ गए। सिंधिया ने चौहान से मिलने की इच्छा जताई और स्वीकृति मिलने पर वह उनसे मिलने पहुंच गए। शिवराज ने अपने आवास पर ज्योतिरादित्य का स्वागत किया। दोनों के बीच करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई। बातचीत के बाद ज्योतिरादित्य ने कहा, ‘यह शिष्टाचार भेंट थी। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की।’ यह पूछे जाने पर कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने उनके खिलाफ ‘माफ करो महाराजा’ कहकर चुनाव प्रचार किया था, इस पर ज्योतिरादित्य ने कहा, ‘मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो आजीवन रिश्तों में कटुता लेकर चलूं। मैं रात गई, बात गई में विश्वास करता हूं।’
उधर, शिवराज ने कहा कि यह शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने कहा, ‘हमने मुलाकात की और चर्चा की। लेकिन कोई शिकायत या बुरी भावना नहीं।’ दोनों के बीच इस मुलाकात ने राज्य में चर्चाओं का बाजार गरम कर दिया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कहीं यह लोकसभा चुनाव से पहले किसी तरह का अरेंजमेंट तो नहीं है या इसका संबंध मध्य प्रदेश की वर्तमान राजनीति से है। इस बीच ज्योतिरादित्य ने पत्रकारों से कहा कि वह अपनी परंपरागत गुना-शिवपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगे लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी इस सीट से उनकी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया को टिकट दे सकती है। सूत्रों ने बताया कि ज्योतिरादित्य ने शिवराज को मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता न बनाकर बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनसे मुलाकात की है। तीन बार के सीएम के लिए यह एक कम महत्व का पद है।