दिल्ली में टॉप कैटेगरी में पहुंचा प्रदूषण, और हालात बिगड़ने पर बैन हो सकती हैं प्रायवेट गाड़िया

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नयी दिल्ली। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति मंगलवार को गंभीर हो गई। इस सीजन में पहली बार प्रदूषण टॉप कैटिगरी में पहुंचा है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स आनंद विहार एरिया में 467 तक चला गया। दिल्ली में औसतन यह 401 रहा। एनसीआर में पहले से ही यह 400 के ऊपर है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह करीब 10 सिगरेट पीने जितना खतरनाक है, भले ही आप सिगरेट को हाथ तक न लगाते हों। सुबह के समय प्रदूषण ज्यादा घातक रहता है।
Pollution arising in the top category in Delhi, and the situation may get banned due to the private car
प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल ने कहा है कि 1 से 10 नवंबर के बीच हमने जिन कदमों का ऐलान किया है, उससे हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है। ईपीसीए ने गुरुवार से दिल्ली-एनसीआर में कंस्ट्रक्शन, स्टोन क्रेशर और हॉट मिक्स प्लांट बैन करने के आदेश दिए हैं।

आदेश का कितना पालन हो रहा है, यह देखने को केंद्र और दिल्ली सरकार साझा अभियान चलाएंगे। जानकारों के मुताबिक, धुएं मिली धुंध यानी स्मॉग की वजह से प्रदूषक तत्व वातावरण में काफी नीचे हैं। आने वाले तीन दिनों में प्रदूषण और बढ़ने के आसार हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी ने सरकारी एजेंसियों को ये निर्देश जारी किए हैं जिनमें हॉट स्पॉट (संवेदनशील क्षेत्रों) में गश्त में तेजी लाने के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बर्दाश्त नहीं करना भी शामिल है।

दिल्ली-एनसीआर में कुल 35 लाख निजी वाहन
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने को देखते हुए ईपीसीए निजी वाहनों के उपयोग का नियमन करने पर भी विचार कर रही है। दिल्ली-एनसीआर में कुल 35 लाख निजी वाहन हैं। ह्यसफरह्ण ने एक स्वास्थ्य परामर्श जारी करते हुए प्रदूषण से बचने के लिए दिल्लीवासियों से केवल मास्क पर नहीं निर्भर रहने को कहा है। साथ ही, बाहरी काम-काज से बचने और सुबह की सैर पर नहीं जाने को कहा है।

इसमें कहा गया है, यदि कमरे में खिड़कियां हैं तो उन्हें बंद कर दें, कोई भी चीज जलाने से बचें-जिसमें लकड़ी, मोमबत्ती और यहां तक कि अगरबत्ती भी शामिल है। परामर्श में समय-समय पर गीला पोंछा लगाने और बाहर जाने पर एन 95 या पी 100 मास्क का इस्तेमाल करने को कहा गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की डीएम ऋतु माहेश्वरी ने तत्काल प्रभाव से निर्माण गतिविधियां रोकने और वायु को प्रदूषित करने वाली इकाइयों को बंद करने का निर्देश दिया।