भावी सीएम आदित्य ठाकरे’ के लगे पोस्टर

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मुंबई

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को राज्य में कम सीटों पर जीत हासिल हुई है। जिसे लेकर शिवसेना ने उसपर हमला किया है। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना का कहना है कि यह महाजनादेश नहीं है। इसी बीच महाराष्ट्र में शिवसेना के समर्थकों ने एक पोस्टर लगाया है जिसमें आदित्य ठाकरे को राज्य के भावी मुख्यमंत्री के तौर पर दिखाया गया है। वह वर्ली विधानसभा सीट से जीते हैं।

सामना में पार्टी ने लिखा, ‘महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और साफ है। अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना खत्म हो जाओगे, ऐसा जनादेश ईवीएम की मशीन से बाहर आया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आखिरी समय तक यह आत्मविश्वास था कि ईवीएम से केवल कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) ही बाहर आएगा। मगर 164 में से 63 सीटों पर कमल नहीं खिला।’

शिवसेना ने कहा कि यह महाजनादेश नहीं बल्कि जनादेश है। इसे मानना पड़ेगा। जनता के फैसले को अपनाकर बड़प्पन दिखाना पड़ता है। सामना में लिखा, ‘महाराष्ट्र में अपेक्षा अलग नतीजे आए हैं। 2014 में गठबंधन नहीं था। 2019 में गठबंधन के बावजूद सीटे कम हुई हैं। बहुमत मिला लेकिन कांग्रेस-एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) मिलकर 100 सीटों पर पहुंच गई। ये एक तरह से सत्ताधारियों को सबक मिला है।’

पार्टी ने आगे कहा, जनता ने धौंस, दहशत और सत्ता की मस्ती से प्रभावित न होते हुए जो मतदान किया है उसके लिए उसका अभिनंदन है। शिवसेना ने उन नेताओं को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा जिन्होंने एनसीपी छोड़कर कमल को अपनाया था। शिनसेना ने कहा भाजपा ने राष्ट्रवादी में इस तरह से सेंध लगाई कि ऐसा माहौल बन गया कि पवार की पार्टी में कुछ बचेगा या नहीं।

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फायदा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मिला है और उसने 50 का आंकड़ा पार कर लिया। भाजपा 122 से 102 सीटों पर आ गई है। शिवसेना का कहना है कि पार्टी बदलकर टोपी बदलनेवालों को जनता ने घर भेज दिया है। सातारा में उदयनराजे भोसले को हार का मुंह देखना पड़ा। पार्टी ने भाजपा से पूछा कि भाजपा-शिवसेना के गठबंधन के बावजूद कांग्रेस एनसीपी को इतनी सफलता क्यों मिली।