फ्लोर टेस्ट थोड़ी देर में; कुमारस्वामी समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 98 हुई, सरकार गिरना तय

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खास बातें

  • कर्नाटक की 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस सरकार का गिरना लगभग तय।
  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला- बागी विधायक पार्टी का व्हिप मानने के लिए बाध्य नहीं।
  • दो निर्दलीय विधायकों के साथ आने के बाद भाजपा के पास 107 विधायकों का समर्थन।
  • अगर स्पीकर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लेते हैं या वे सदन में मौजूद नहीं रहते हैं तो सरकार के पास 101 सदस्य।

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधान सौधा मे कहा, ‘मैं यहां सिर्फ इसलिए नहीं आया हूं क्योंकि इस पर सवाल है कि मैं गठबंधन सरकार चला सकता हूं या नहीं। घटनाओं से पता चला है कि कुछ विधायकों ने अध्यक्ष की भूमिका को खतरे में डालने का काम किया है।’ मुख्यमंत्री ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसपर की चर्चा के बाद वोटिंग होगी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा विधानसभा पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें 100 फीसदी जीत का भरोसा है। उनके पास 100 से कम विधायक हैं, जबकि हमारे पास 105। उनका विश्वास मत का प्रस्ताव गिर जाएगा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा पहुंचे। सभी भाजपा, जेडीएस और कांग्रेस विधायक भी इस वक्त विधानसभा में हैं।

कर्नाटक में पिछले काफी दिनों से जारी सियासी उठापटक आज अंजाम तक पहुंच सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 15 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेस कुमार से सदन में बहुमत सिद्ध करने की अनुमति मांगी थी। माना जा रहा है कि वह आज सदन में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवा सकते हैं। वहीं विधान सौधा में तीनों पार्टियां के विधायक पहुंच गए हैं। कांग्रेस-जेडीएस के बागी विधायकों को सरकार के पक्ष में वोट करने को मजबूर करने के लिए पार्टी ने व्हिप जारी किया था लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार उनपर व्हिप लागू नहीं होगा। इसलिए संभावना है कि कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में होने के कारण गिर सकती है।