पेट्रोल-डीजल के दाम रिकार्ड स्तर पर, महंगाई और बढ़ने के आसार

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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय दर बढ़ने और कमजोर रुपये के साथ-साथ अन्य कारणों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रेकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई हैं। रविवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 76.24 रुपये प्रति लीटर थी। इससे पहले पेट्रोल की सबसे अधिक कीमत सितंबर 2013 में 76.06 रुपये की थी। स्थानीय करों के अनुसार फ्यूल की कीमतें प्रत्येक राज्य में अलग होती हैं।
Prices of petrol and diesel at record level rise
मुंबई में पेट्रोल 84.07 रुपये प्रति लीटर, चेन्नै में 79.13 रुपये और कोलकाता में 78.91 रुपये था। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई बढ़ने के आसार दिखाई देने लगे हैं।पिछले कुछ महीनों से डीजल की कीमतें कुछ दिनों के अंतराल पर नए उच्च स्तर पर पहुंच रही हैं। दिल्ली में डीजल 67.57 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 70.12 रुपये, मुंबई में 71.94 रुपये और चेन्नै में 71.32 रुपये था। दिल्ली में पिछले वर्ष 1 जुलाई से पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 13.15 रुपये और 14.24 रुपये प्रति लीटर बढ़ी हैं। इस अवधि में कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें लगभग दो-तिहाई बढ़कर करीब 80 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।

घटा उत्पादन: पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम नियार्तक देशों के संगठन देशों में तेल के कम उत्पादन की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ गए हैं। क्रूड के प्राइस में हाल की तेजी के पीछे डिमांड में वृद्धि होना, सऊदी अरब की अगुवाई में तेल उत्पादक देशों का उत्पादन में कमी करना, वेनेजुएला में उत्पादन में गिरावट और अमेरिका का ईरान पर प्रतिबंध लगाने का फैसला जैसे कारण हैं।

भरपाई कर रहीं सरकारी कंपनियां
सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के पास इंटरनैशनल फ्यूल रेट्स और करंसी के एक्सचेंज रेट के अनुसार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रतिदिन बदलाव करने की छूट है। लेकिन हाल के दिनों में फ्यूल के इंटरनैशनल रेट बढ़ने के बावजूद कर्नाटक में मतदान से 19 दिन पहले से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव को रोक दिया गया था। अब पेट्रोलियम कंपनियां इस अवधि के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर रही हैं।

कर्नाटक चुनाव के बाद शुरू हुई वृद्धि
कीमतों में बढ़ोतरी 14 मई को दोबारा शुरू होने के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 1.61 रुपये और 1.64 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। फ्यूल की कीमतें बढ़ने से महंगाई में भी वृद्धि हुई है। इससे करंट अकाउंट डेफिसिट भी बढ़ने की आशंका है।

अभी पेट्रोल-डीजल सबसे मंहगा है?
पिछले 16 सालों में पेट्रोल दिल्ली में 14 सितंबर 2013 को सबसे महंगा 76.06 रुपये प्रति लीटर की दर से बिका था। यह रेकॉर्ड मई 2018 में चार बार टूटा। वहीं, डीजल की मौजूदा कीमत पिछले 16 सालों के सर्वोच्च स्तर पर है।

कीमतों में टैक्स का कितना योगदान है?
पेट्रोल की खुदरा कीमतों में 50% से ज्यादा हिस्सा अलग-अलग टैक्सों और डीलरों के कमीशनों का होता है। डीजल में इसकी हिस्सेदारी 40% से ज्यादा होती है। चूंकि अलग-अलग राज्य अलग-अलग दर से टैक्स वसूलते हैं, इसलिए हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर हो जाता है।