प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत के लोगों ने आज खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया

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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम साबरमती रिवर फ्रंट पर स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोगों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। यह स्वेच्छा, स्वप्रेरणा और जनभागीदारी से यह संभव हुआ। साबरमती रिवरफ्रंट पर ये आयोजन होना मेरे लिए दोगुनी खुशी का विषय है।

बापू की जयंती का उत्सव तो पूरी दुनिया मना रही है: मोदी

  • मैं आज अपनी बात शुरू करने से पहले साबरमती तट पर उपस्थित सभी सरपंचों के माध्यम से देश के सभी सरपंचों, नगरपालिका, महानगरपालिका के संचालकों से कहना चाहूंगा कि आप सबने 5 साल लगातार जो पुरुषार्थ किया है, जिस समर्पण भाव से मेहनत की है, पूज्य बापू का सपना साकार किया है, उसके लिए आप सबको आदरपूर्वक नमन करना चाहता हूं।
  • आज मैं बापू की प्रेरणा स्थली, संकल्प स्थली से पूरे विश्व को बधाइयां देना चाहता हूं। यहां आने से पहले मैं साबरमती आश्रम गया। जीवन में वहां अनेक बार जाने का अवसर मिला। हर बार बापू के सानिध्य का अहसास हुआ। आज मुझे वहां नई ऊर्जा भी मिली। साबरमती में ही उन्होंने स्वच्छाग्रह और सत्याग्रह को व्यापक स्वरूप दिया था। इसी साबरमती के किनारे महात्मा गांधी ने सत्य के प्रयोग किए थे।
  • साबरमती के पावन तट से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सदाचार के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्रीजी को मैं नमन करता हूं और उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। बापू 150वीं जयंती का अवसर हो, स्वच्छ भारत का इतना बड़ा अभियान हो, नवरात्रि भी चल रही हो, गरबा की गूंज हो ऐसा अद्भुत संयोग कम ही मिल पाता है। बापू की जयंती का उत्सव तो पूरी दुनिया मना रही है। संयुक्त राष्ट्र ने डाक टिकट जारी कर इस विशेष अवसर को यादगार बनाया।
  • आज जिन स्वच्छाग्रहियों को स्वच्छ भारत पुरस्कार मिले हैं, उनका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। ऐसा लगा कि इतिहास अपने आपको दोहरा रहा है। जिस तरह से बापू के एक आह्वान पर लाखों भारतवासी निकल पड़े थे, उसी तरह स्वच्छाग्रह के लिए भी करोड़ों भारतीयों ने अपना सहयोग दिया। 5 साल पहले जब मैंने लाल किले से देशवासियों को पुकारा था, तब सिर्फ जनविश्वास और बापू का अमर संदेश था।
  • बापू कहते थे कि दुनिया में जो बदलाव आप देखना चाहते हैं, पहले वह स्वयं में लाने होंगे। इसी मंत्र पर चलते हुए हम सबने झाड़ू उठाई और निकल पड़े। उम्र, समाजिक, आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, इस यज्ञ में सबने अपना योगदान दिया। किसी बेटी ने शादी के लिए शौचालय की शर्त रख दी तो कहीं शौचालय को इज्जतघर का दर्जा मिला। जिस शौचालय की बात करने में कभी झिझक होती थी, वह आज देश की सोच का अहम हिस्सा हो गया है।
  • बॉलीवुड से लेकर खेल के मैदान तक स्वच्छता के अभियान ने हर किसी को जोड़ा और प्रोत्साहित किया। आज हमारी सफलता से दुनिया चकित है। आज पूरा विश्व हमें इसके लिए पुरस्कृत कर रहा है और सम्मान दे रहा है। 60 महीने में 60 करोड़ से अधिक आबादी को टॉयलेट की सुविधा देना, 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण…यह सुनकर दुनिया अचंभित है। मेरे लिए आंकड़े, प्रशंसा और सम्मान से बड़ा संतोष तब होता है, जब मैं बच्चियों को बिना किसी चिंता के स्कूल जाते देखता हूं। मुझे संतोष इस बात का है कि करोड़ों माताएं-बहने असहनीय पीड़ा और अंधेरे के इंतजार से मुक्त हुई हैं।
  • उन लाखों मासूमों का जीवन बच रहा है, जो भीषण बीमारियों में फंसकर हमे छोड़ जाते थे। स्वच्छता की वजह से गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च अब कम हुआ है। संतोष इस बात का है कि इस अभियान ने ग्रामीण इलाकों और आदिवासी अंचलों में रोजगार के नए अवसर दिए हैं। बहनों को भी रानी मिस्त्री बनाकर काम के मौके दिए। यह अभियान जीवन रक्षक भी सिद्ध हो रहा है और जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम भी कर रहा है।
  • देश में बेटियों-बहनों की सुरक्षा और सशक्तिकरण की स्थिति में अद्भुत बदलाव आया है। गांव, गरीब और महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण के प्रोत्साहित करने वाला ऐसा ही मॉडल गांधीजी चाहते थे। यही महात्मा गांधी के स्वराज के मूल में था और इसी के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। अब सवाल यह है कि क्या जो हमने हासिल किया है, वह काफी है? इसका जवाब स्पष्ट है, आज जो हासिल किया है…वह सिर्फ एक पड़ाव मात्र है। स्वच्छ भारत के लिए हमारा सफर निरंतर जारी है। अभी शौचालयों का निर्माण किया है, उसके उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है। अब हमें देश के बड़े वर्ग के व्यवहार में आए परिवर्तन को स्थायी बनाना है। सरकारें, स्थानीय प्रशासन, ग्राम पंचायतें हो…हमें सुनिश्चित करना है कि शौचालय का उचित उपयोग हो।
  • जो लोग अभी भी छूटे हुए हैं, उन्हें भी इस सुविधा से हमें जोड़ना है। जल जीवन मिशन से भी इसे मदद मिलने वाली है। अपने घर, गांव, कॉलोनी में वाटर रिचार्ज और रिसाइकिलिंग के लिए जो भी प्रयास कर सकते हैं, वो हमें करने चाहिए। अगर हम यह कर पाए तो शौचालय के नियमित और स्थायी उपयोग के लिए इससे बहुत मदद मिलेगी। सरकार ने जल-जीवन मिशन पर साढ़े तीन लाख करोड़ रु. खर्च करने की योजना बनाई है। देशवासियों की सक्रिय भागीदारी के बिना इसे पूरा करना मुश्किल है।
  • स्वच्छता, पर्यावरण और जीव सुरक्षा गांधीजी के प्रिय विषय थे। प्लास्टिक तीनों चीजों के लिए बड़ा खतरा है। 2022 तक देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य हमें हासिल करना है। 3 साल में स्वच्छता ही सेवा है कि माध्यम से देश ने अभियान को गति दी है। 20 हजार टन प्लास्टिक का कचरा इस दौरान इकट्ठा किया गया। ये भी देखने को मिला कि प्लास्टिक के कैरी बैग का उपयोग घट रहा है। करोड़ों लोगों ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का संकल्प लिया है।
  • इससे पर्यावरण को सुरक्षा मिलेगी, सीवेज ब्लाक नहीं होंगे, पशुधन की भी रक्षा होगी। इस अभियान की सबसे बड़ी बात व्यवहार परिवर्तन है। देश जब गंभीर खाद्य संकट से जूझ रहा था, तो शास्त्रीजी ने देशवासियों से अपने खाने की आदतों में बदलाव का अभियान शुरू किया। शुरुआत अपने घर से की। स्वच्छता के सफर में भी यही हमारा रास्ता है और इसी के जरिए हमें मंजिल तक पहुंचना है। दुनिया स्वच्छ भारत के मॉडल से हमसे सीखना चाहती है।
  • अमेरिका में जब भारत को ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया तो हमारी क्षमता से विश्व परिचित हुआ। आज नाइजीरिया, इंडोनेशिया और माली सरकार के प्रतिनिधि हमारे बीच में हैं, भारत को आपका सहयोग करते हुए बहुत खुशी होगी। गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, स्वावलंबन के विचारों से देश को रास्ता दिखाया था। स्वच्छ, स्वस्थ, स्वावलंबी और सशक्त न्यू इंडिया के रास्ते पर हम इन्हीं विचारों के आधार पर चल रहे हैं। गांधीजी सेहत को सच्चा धन मानते थे और चाहते थे कि नागरिक स्वस्थ हो। हम योग दिवस, आयुष्मान भारत और फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए विचार को व्यवहार में लाने का प्रयास कर रहे हैं।
  • गांधीजी वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखते थे, भारत आज अपनी कई योजनाओं को माध्यम से दुनिया को कई चुनौतियों से लड़ने में मदद कर रहा है। गांधीजी समाज में खड़े आखिरी व्यक्ति के लिए हर फैसले की बात करते थे। हमने उज्ज्वला, प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य, स्वच्छ भारत जैसी योजना के माध्यम से गांधी के मंत्र को व्यवस्था का हिस्सा बना दिया है। गांधीजी ने तकनीक को आधार बनाते हुए लोगों का जीवन आसान बनाने की बात कही थी। हम आधार, डिजिटल इंडिया के जरिए जीवन आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
  • गांधीजी का मत था कि राष्ट्रवादी हुए बिना, अंतरराष्ट्रीय वादी नहीं हुआ जा सकता है। हमें पहले अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढना होगा तब हम विश्व की मदद कर पाएंगे। राष्ट्रवाद की भावना को लेकर भारत आगे बढ़ रहा है। बापू के सपनों का भारत नया भारत बन रहा है।
  • इससे पहले अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बार यूएन में गांधी के 150वीं जयंती को लेकर बहुत हलचल हुई। यूएस ने गांधी पर एक पोस्टल स्टैम्प भी जारी किया। वैष्णव जन को 150 देशों से अधिक गायकों ने गाया। बापू का यह प्रिय भजन आप टीवी पर देखते होंगे। जब मैं यात्रा पर गया तो कुछ लोगों ने मेरे सामने वैष्णव जन गाया और वह उन्हें याद था। मैंने लोगों से पूछा कि आप क्या इसके अर्थ को समझते हैं। कलाकारों ने मुझसे कहा कि इसे गाने से पहले हमने इसके भाव और अर्थ को समझने का प्रयास किया। दुनिया ने इस प्रकार से आदरांजलि दी है, यह गांधीजी के 150 सालों में पहली बार है।
  • दुनिया के हर देश के नेता को मालूम था कि हाउडी मोदी क्या था, कहां था और कैसा था। हर एक आदमी पर उसका असर था। आज भारत की इज्जत और उसकी ताकत बहुत बढ़ गई है, जिसके साथ हिंदुस्तान जुड़ा है, दुनिया उसे बड़ी इज्जत के साथ देखती है। बदलते हुए हिंदुस्तान ने विदेश में बसे भारतीयों का हौसला बढ़ाया है। हिंदुस्तान का विश्वास हजारों गुना ज्यादा बढ़ गया है। ये हिंदुस्तान की ताकत है, जिसका छोटा सा प्रतिबिम्ब ह्यूस्टन में सारी दुनिया ने देखा।
  • इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट जाकर गांधीजी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे विजयघाट पहुंचे और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन किया। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी राजघाट पहुंचकर गांधी जी को श्रद्धांजलि दी। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राजघाट जाकर गांधीजी की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी राजघाट पहुंचकर गांधी जी को नमन किया।

नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया-  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जन्म-जयंती पर शत-शत नमन।

इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें याद किया और ट्वीट किया- ‘जय जवान जय किसान’ के उद्घोष से देश में नव-ऊर्जा का संचार करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी गांधी जी को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।

पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की 115वीं जयंती पर राष्ट्रपति ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें याद किया।

फ्रांस के राजदूत ने गांधी को श्रद्धांजलि दी

भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने टि्वटर पर लिखा, “ आज के इस ऐतिहासिक दिन गांधी जी की 150वीं जयंती के अवसर पर फ्रांस भारत के साथ मिलकर महात्मा को श्रद्धांजलि देता है।” उन्होंने कहा कि गांधी जी की अहिंसा और समावेशिता की महान विरासत असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए आज भी प्रासंगिक मार्गदर्शक सिद्धांत बने हुए हैं।

अहमदाबाद में कार्यक्रम को संबोधित करेंगे मोदी

मोदी बुधवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट में 20 हजार से ज्यादा सरपंचों के महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित करेंगे। वे शाम छह बजे अहमदाबाद पहुंच जाएंगे। वह 6.30 से 6:50 बजे के दौरान यहां साबरमती गांधी आश्रम में मौजूद रहेंगे। मोदी रात को 8:30 बजे अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान पर आयोजित नवरात्री महोत्सव में भी भाग लेंगे। वे रात में ही नई दिल्ली रवाना हो जाएंगे।