भोपाल TIO
एक कुशल अभिनेत्री होते हुए आपको अचानक निर्माता बनने का ख्याल कैसे आया?
रंगमंच, आकाशवाणी और दूरदर्शन में काम करने के बाद मुझे “क्राइम पेट्रोल” के लिए ऑप्टिमिस्टेक मुम्बई से फोन आया और मैं सीधे शूटिंग पर गई उसके बाद मैंने वहाँ रहकर काम करना शुरू किया तो मुझे काम करते करते यह एहसास हुआ कि अभिनय हो या कोई रचनात्मक कार्य उसे मैं अपनी मर्ज़ी से तभी कर पाऊंगी जब मैं अपना प्रोडक्शन हाउस बनाऊँ कुछ अच्छे और क्रिएटिव लोगों की एक टीम बनाऊँ।
इस सिलसिले में कई लोगों से मिली पर कभी किसी ने मेरे इस प्रयास को सही बताया तो कुछ ने समझाया कि सिर्फ अभिनय करो और इस दौर में मेरी मुलाकात हुई श्री अनिल दुबे से जो मध्यप्रदेश के ही निवासी हैं और विगत कई वर्षों से मुंबई में एक सफल निर्देशक हैं उन्होंने मेरी बात को समझा और मुझे इस दिशा में आगे बढ़ने को प्रेरित भी किया। और आज देखिए अनिल सर और मैं अपनी शॉर्ट फिल्म्स की शूटिंग कर रहे हैं।
आजकल हम दो लघु फिल्मों की शूटिंग भोपाल मध्यप्रदेश में कर रहै हैं पहली फ़िल्म “कलाकार” लघु फ़िल्म जो रंगमंच को समर्पित बाप और बेटी के सम्बंधों की कहानी है इस फ़िल्म में प्रमुख भूमिका मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट श्री आलोक चटर्जी निभा रहे हैं उनके साथ कनुप्रिया उनकी बेटी का किरदार कर रही हैं और ग्रेसी उन्ही के बचपन का किरदार निभा रही हैं इसके अलावा मनोज जोशी और अनिमेश भी अभिनय कर रहे हैं इस फ़िल्म की कहानी अनिल दुबे और मेरी है और इसके संवाद मुम्बई की जानी मानी लेखिका कविता गांधी ने लिखे हैं। दूसरी फ़िल्म जो बच्चों के माध्यम से बड़ो को भी सीख देती है कि “ईश्वर में विश्वास रखें अंधविश्वास नहीं” है लघु फ़िल्म “तृप्ति” इस लघु फ़िल्म की लेखिका कनुप्रिया है