पुलवामा हमला: घटना के एक साल बाद खुलासा, विस्फोटक बनाने के लिए केमिकल अमेजन से ऑनलाइन मंगाया, 2 गिरफ्तार

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  • कश्मीर के रहने वाले वाइज उल इस्लाम और मोहम्मद अब्बास राथेड़ को एनआईए ने गिरफ्तार किया
  • वाइज ने कबूला- जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के निर्देश पर ही अमेजन से सामान ऑर्डर किया
  • अब्बास लंबे समय से जैश के लिए काम कर रहा था, आईईडी एक्सपर्ट आतंकी मोहम्मद उमर को पनाह दी

नई दिल्ली

पुलवामा में पिछले साल सीआरपीएफ के जवानों पर हुए फिदायीन हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें इस्तेमाल हुई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस बनाने के लिए केमिकल अमेजन से ऑनलाइन मंगाया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में वाइज उल इस्लाम (19) और मोहम्मद अब्बास राथेड़ (32) को गिरफ्तार किया है। वाइज श्रीनगर और अब्बास पुलवामा के ही हाकरीपोरा का रहने वाला है। पुलवामा हमले को लेकर अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 3 दिन पहले ही एनआईए ने हाकरीपोरा से पिता-पुत्री को गिरफ्तार किया था। इन पर आरोपियों को शरण देने का आरोप है।

14 जनवरी 2019 को पुलवामा के लेथपोरा में सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस पर फिदायीन हमला हुआ था। हमलावर ने विस्फोटक से भरी गाड़ी से बस को टक्कर मारी थी। हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।

अहम खुलासे हुए
एनआईए प्रवक्ता के मुताबिक, ‘‘शुरुआती जांच में वाइज ने कबूला कि उसने अमेजन से केमिकल ऑर्डर किया था। इसी से आईईडी बनाया गया। साथ ही बैटरी और अन्य सामान भी मंगाए। इसके लिए पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने निर्देश दिए थे। अमेजन से आइटम मंगाने के बाद वाइज ने खुद जैश के आतंकियों को उसे सुपुर्द किया।’’

‘‘अब्बास लंबे समय से जैश के लिए काम कर रहा था। उसने  जैश के आतंकी और आईईडी एक्सपर्ट मोहम्मद उमर को अपने घर में पनाह दी थी। उमर अप्रैल-मई 2018 में कश्मीर आया था।

उसने जैश आतंकियों आदिल अहमद डार (आत्मघाती हमलावर), समीर अहमद डार और कामरान (दोनों पाकिस्तानी नागरिक) को कई बार अपने घर पर पनाह दी थी।’’

अमेजन ने कहा- हम नियमों के तहत ही काम करते हैं
अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारत के नियम-कानूनों के तहत ही काम करती है। हम जिनसे डील करते हैं, सुरक्षा मानकों के तहत उनके नामों की सूची भी हमारे पास होती है। इस (केमिकल मंगाया जाना) मामले की जानकारी नहीं है, लिहाजा अभी कोई सूचना दे पाने की स्थिति में नहीं हैं। अगर कोई भी अफसर या एजेंसी हमें अप्रोच करता है, तो जांच में सहयोग किया जाएगा।