नई दिल्ली। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के नए चीफ आर माधवन ने कंपनी को राफेल डील से जुड़ी राजनीति से दूर रहने को कहा है। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर आॅफसेट कॉन्ट्रैक्ट में एचएएल की अनदेखी का आरोप लगाया है। सितंबर में एचएएल का चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बनने के बाद पहले मीडिया इंटरव्यू में माधवन ने कहा कि कंपनी आॅफसेट बिजनस में नहीं है। वह राफेल डील के तहत 30 हजार करोड़ के आॅफसेट कॉन्ट्रैक्ट की दावेदार भी नहीं थी।
Rafale was not the claimant for 30 thousand crore worth of deal: HAL: Company Chief R Madhavan
उन्होंने बताया कि एचएएल ने अपने एंप्लॉयीज से कहा है कि वे इस मामले में किसी भी राजनीतिक पार्टी से न जुड़ें। माधवन ने कहा कि अगर एंप्लॉयीज इस मामले में किसी पार्टी के साथ जुड़ेंगे तो इससे कंपनी की छवि पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की यूनियंस इस बारे में अपना रुख साफ कर चुकी हैं। उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में किसी भी पार्टी की तरफ नहीं हैं।
माधवन ने कहा कि एचएएल का काम एयरक्राफ्ट बनाना है। कंपनी आॅफसेट बिजनस में नहीं है। उन्होंने बताया कि टेक्नॉलजी ट्रांसफर और प्रॉडक्शन, आॅफसेट से बिल्कुल अलग काम है। माधवन ने यह भी कहा कि अलग-अलग प्रोग्राम में एचएएल के पास कुछ आॅफसेट बिजनस आ सकता है, लेकिन कंपनी बुनियादी तौर पर आॅफसेट पार्टनर नहीं है।
माधवन ने बताया कि कंपनी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के प्रॉडक्शन की क्षमता बढ़ा रही है और वह इनके अधिक आॅर्डर मिलने पर उन्हें पूरा करने के लिए तैयार रहना चाहती है। माधवन को भारतीय लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के निर्यात की अच्छी संभावना दिख रही है। कंपनी ने प्राइवेट सेक्टर की लार्सन ऐंड टुब्रो, वीईएम टेक्नॉलजीज, अल्फा डिजाइन और डायनेमेटिक्स के साथ पार्टनरशिप की है। ये कंपनियां एलसीए का पूरा स्ट्रक्चर तैयार करेंगी। एचएएल की भूमिका इसमें फाइनल इंटीग्रेशन में होगी। माधवन ने बताया कि कंपनी डिजाइन, इंटीग्रेशन, फ्लाइट टेस्टिंग और सपॉर्ट पर फोकस करना चाहती है।
उन्होंने एचएएल को सक्षम कंपनी बताया। माधवन ने कहा कि भारतीय वायुसेना जिन विमानों का इस्तेमाल करती है, उनमें से 75 पर्सेंट की देखरेख का काम एचएएल करती है। माधवन ने कहा कि किसी भी टेक्निकल एरिया में एचएएल की योग्यता पर संदेह नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि भारत में 110 लड़ाकू विमान बनाने के टेंडर में कंपनी की अहम भूमिका होगी।
इसमें प्राइवेट सेक्टर फ्रंटएंड रोल में होगा। इस मेक इन इंडिया प्रॉजेक्ट के लिए एचएएल ने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स और बोइंग के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है। माधवन ने बताया कि हमने पार्टनरशिप की है, लेकिन सब कुछ बोइंग को आॅर्डर मिलने पर निर्भर करता है। अगर उसे आॅर्डर मिलता है तो हम एक्सक्लूसिव पार्टनर होंगे।