नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की नागरिकता मामले में केंद्र सरकार ने किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया है। एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय से राहुल की नागरिकता मामले में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में मंत्रालय ने कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) और (जे) के तहत कोई खुलासा नहीं किया जा सकता। जानकारी देने से जांच प्रक्रिया में बाधा पहुंचेगी।
राहुल की नागरिकता पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाया था सवाल
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शिकायत में कहा था कि राहुल यूके में रजिस्टर्ड बैकऑप्स लिमिटेड नाम की कंपनी के निदेशक और सचिव पद पर रहे हैं। कंपनी के 10 अक्टूबर 2005 से 31 अक्टूबर 2006 तक के सालाना रिटर्न में राहुल की राष्ट्रीयता ब्रिटिश और जन्मतिथि 19 जून 1970 बताई। सुब्रमण्यम की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने अप्रैल में राहुल के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था। राहुल को ब्रिटिश नागरिक होने के आरोपों पर 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- फॉर्म में जिक्र करने से राहुल ब्रिटिश नहीं हो गए
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि राहुल की नागरिकता के मामले पर गृह मंत्रालय को जल्द जांच के निर्देश दिए जाएं। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर कोई कंपनी किसी फॉर्म में राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताती है तो इसका मतलब यह नहीं कि वे ब्रिटिश हो गए।
प्रियंका ने कहा था- राहुल हिंदुस्तानी हैं
इस पूरे विवाद पर राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोगों को जवाब दिया था। पार्टी महासचिव प्रियंका ने कहा था- पूरा देश जानता है कि राहुल हिंदुस्तानी हैं। वे सबके सामने पैदा हुए, बड़े हुए। बाकी सब बातें बकवास हैं।