राहुल की मुस्मिल बुद्धिजीवियों से मुलाकात भाजपा को नहीं आई रास, लगाया वोट बैंक की राजनीति का आरोप

0
197

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की, जिसमें इतिहासकार इरफान हबीब, पूर्व आईएएस एमएस फारुकी समेत कई मुस्लिम बुद्धिजीवी मौजूद थे. मुलाकात का मकसद मुसलमानों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श बताया गया. हालांकि कांग्रेस पर एक बार फिर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया जा रहा है.
Rahul’s meeting with Muslim intellectuals does not come to BJP, allegations of vote bank politics imposed
राहुल गांधी के घर बुलाई गई इस बैठक में इतिहासकार इरफान हबीब भी पहुंचे और पूर्व आईएएस एमएस फारुकी भी थे. अलग-अलग क्षेत्रों के करीब दर्जन भर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ राहुल की मुलाकात दो घंटे से ज्यादा चली. सलमान खुर्शीद ने इस बैठक को मुसलमानों से जुड़ी समस्याओं को समझने की कोशिश बताया.

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि बैठक में शामिल होने वाले बुद्धिजीवियों ने इसे न तो शरिया कोर्ट से और न ही तीन तलाक या हलाला से जुड़ा है. बल्कि इसे बिना एजेंडे की मीटिंग करार दिया. शिक्षाविद इलियास मलिक ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि जब मुसलमान मिलेंगे तो तीन तलाक पर ही मिलेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी ने राहुल गांधी की इस मीटिंग पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा कि मुसलमानों की खराब हालत की जिम्मेदार कांग्रेस ही है और अब वो दिखावा कर रही है. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों पर बहुत अन्याय किया है.

कांग्रेस की इस बात को लेकर भी आलोचना हो रही है कि आखिर सेकुलरिज्म की बात करने वाली पार्टी धर्म के आधार पर बुद्धिजीवियों को क्यों बांट रही है. कांग्रेस की सफाई है कि जिस तरह से उसके नेता दलित और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों से मिलते रहे उसी तरह से मुसलमानों से मिले हैं. आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा.