एक दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे राजनाथ, द्रास में कारगिल शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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जम्मू

जम्मू-कश्मीर में एक दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कारगिल के द्रास सेक्टर पहुंचे हैं। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी पहुंचे हैं। कारगिल वॉर मेमोरियल पर रक्षामंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए जाबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही कारगिल वॉर मेमोरियल पर मौजूद विजिटर्स बुक में अपनी उपस्थिति अंकित की।

आपको बता दें की शनिवार सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनका स्वागत किया, यहां से वह द्रास के लिए रवाना हुए थे। इसके बाद वह जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा जिले में जाकर दोनों इलाकों में एक पुल का उद्घाटन करेंगे।

जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कारगिल क्षेत्र में आतंकवादियों और पाकिस्तान के सैनिकों की घुसपैठ के खिलाफ ऑपरेशन विजय की 20वीं वर्षगांठ पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित किया है। उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।

साथ ही कठुआ जिले में उज्ज (एक किलोमीटर लंबा) और सांबा जिले में बसंतर (617.4 मीटर लंबा) में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित दो पुल राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

इस बीच सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत इस दौरान नियंत्रण रेखा (एलओसी) तथा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के साथ-साथ आतंकवाद निरोधक अभियानों का भी जायजा लेंगे।

राजनाथ पुलों के उद्घाटन के बाद जम्मू लौटकर शाम को दिल्ली रवाना हो जाएंगे। रक्षा मंत्री बनने के बाद सिंह पहली बार जम्मू आएंगे। इससे पहले तीन जून को वह कश्मीर और लद्दाख गए थे। इस दौरे में सियाचिन ग्लेशियर के साथ-साथ लेह में स्थित सेना के 14 कोर तथा श्रीनगर में 15वीं कोर मुख्यालय भी गए थे।

विजय मशाल 26 को पहुंचेगी द्रास
20 वीं वर्षगांठ पर प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से विजय मशाल का द्रास स्थित कारगिल युद्ध स्मारक तक पहुंचना है। रक्षा मंत्री ने 14 जुलाई को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सेना के सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज सूबेदार जीतू राय को विजय मशाल सौंपी थी। यह उत्तर भारत के 9 प्रमुख कस्बों, शहरों से गुजर कर अंत में 26 जुलाई को द्रास स्थित कारगिल में शहीदों की कर्मभूमि पर पहुंचेगी, जहां इसे सेना प्रमुख ग्रहण करेंगे। 26 जुलाई को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वहां पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।