कोर्ट के आदेश पर थाने से छूटा राम रथ, फिर चला , पुलिस ने पेश किया था चालान, प्रमाणित नहीं हो पाए आरोप

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डिंडौरी। राम वनगमन पथ यात्रा के राम रथ व एक स्कार्पियो वाहन को शहपुरा न्यायालय के आदेश पर छोड़ दिया है। मंगलवार को भ्रमण कर रहे रथ व वाहन को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए प्रशासन ने जब्त कर लिया था। गुरुवार को कोर्ट में चालान पेश किया, यहां से रथ छोड़ने के आदेश दिए गए। इसके बाद कांग्रेसियों व अन्य लोगों ने रथ को उमरिया के लिए रवाना कर दिया। यह रथ उमरिया से कटनी होते हुए मैहर जाएगा।
Ram Rath, absconded by the police station on the order of the court, came back, police had launched challan, not proved
जब्त रथ को छुड़वाने के लिए गुरुवार सुबह से कुछ साधु-संतों व अन्य लोगों द्वारा राम नाम का जाप भी किया गया था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने रथ में सवार लोगों के खाने की व्यवस्था की थी। रिटर्निंग आॅफिसर शहपुरा द्वारा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अमित कछवाहा को बुधवार को आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया था।

इसमें उल्लेख किया गया कि धारा 144 लागू होने के बावजूद बिना अनुमति के रथ से राम वनगमन पथ यात्रा द्वारा धार्मिक भावनाओं का सहारा लेकर राजनीतिक प्रचार किया जा रहा था। एक दिन के अंदर उपस्थित होकर जवाब तलब किया गया था। शहपुर रिटर्निंग आॅफिसर अमित ब हरोलिया ने बताया कि जब्त किए गए वाहन का चालान पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था। आदेश के बाद वाहन को छोड़ दिया गया है। यात्रा में ब्लॉक अध्यक्ष की भूमिका स्पष्ट नहीं हो रही है। जो वाहन जब्ती की कार्रवाई की गई थी वह वीडियो के आधार पर थी।

साबित नहीं हो पाई राजनीतिक यात्रा
रिटर्निंग आॅफिसर को दिए जवाब में ब्लॉक अध्यक्ष अमित कछवाहा ने बताया कि जिस दिन वाहन को जब्त किया गया था, उस दिन वे पारिवारिक कारणों से बाहर गए थे। मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। विरोधी दल द्वारा षड्यंत्रपूर्वक फंसाने की साजिश है। जवाब में कहा गया कि रथ यात्रा पूरी तरह गैर राजनीतिक है। इसमें कोई बैनर व झंडा नहीं लगा है। यह पूरी तरह से धार्मिक यात्रा है।

राम रथ को रोकने वाले अधिकारियों को निलंबित करें
प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की है कि राम रथ को डिंडौरी जिले के शाहपुर में अवैध रूप से थाने में खड़ा करने वाले एसडीएम अमित मंगरोलिया, एसडीओपी दुर्गेश मार्को और थाना प्रभारी केके त्रिपाठी को तत्काल निलंबित किया जाये। उनके विरूद्ध आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज किया जाये।

शिकायत में कहा है कि गैर राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा संचालित की जाने वाली धार्मिक गतिविधियों को रोकने का चुनाव आचार संहिता में कोई प्रावधान नहीं है। रथ को थाने में खड़ा करवाकर धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है। जन भावनाओं से खिलवाड़ करना वास्तव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।