सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले रामदास अठावले: कहा- दलित शब्द का इस्तेमाल नहीं है अपमानजनक

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नई दिल्ली: बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने दलित शब्द के इस्तेमाल पर बैन लगाया तो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी मीडिया को इस शब्द से बचने का निर्देश जारी किया. कहा गया है कि दलित की जगह अनुसूचित जाति लिखा जाए. इस पर नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने एतराज जाहिर किया है. उन्होंने कहा है कि दलित शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल अपमानजनक नहीं है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
Ramdas Athawale said on the verdict of the Supreme Court: “The use of the word dalit is not abusive
रामदास अठावले ने एएनआई से कहा-उनकी पार्टी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उन दिशा-निदेर्शों को कोर्ट में चुनौती देगी, जिनमें दलित शब्द के इस्तेमाल से मीडिया को रोका गया है. अठावले के मुताबिक दलित शब्द के इस्तेमाल में कोई गड़बड़ी नहीं है.  बता दें कि पंकज मेश्राम की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पालन कराने का आदेश दिया था.

याची ने मांग की थी कि चूंकि संविधान में यह शब्द नहीं है, इस नाते सरकारी दस्तावेजों और पत्रों से दलित शब्द को हटाने का आदेश जारी किया जाए. इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट भी दलित शब्द को लेकर कुछ ऐसी ही हिदायत दे चुका है.