भोपाल की रंजीता अशेष ने दिल्ली मे ‘द माडर्न पोएटस’ द्वारा आयोजित युवा साहित्यिक समूह की बैठक मे अपने समूह का प्रतिनिधित्व किया। रंजीता साहित्य समूह ‘क्षितिज..व्यर ड्रीमस मीट रिएलिटी ‘ की संस्थापिका हैं और अपने समूह के कार्यो एवं उद्देश्य को सबके सामने रखते हुए उन्होंने कवि सम्मेलनों के स्वरूप मे समय के साथ बदलाव की बात रखी।
Ranjita Ashain of Bhopal attended the Youth Literary Group Conference held in Delhi
अधिक से अधिक युवाओं के बीच साहित्य को लोकप्रिय बनाने के लिए ज़रूरत है उसे आसान और दिलचस्प बनाने की।इस मिशन मे उन्हे भोपाल की चर्चित शख्सियत श्री शशी कुमार केसवानी का पूरा प्रोत्साहन प्राप्त है।
युवाओं के लिए कुछ अलग करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर इस समूह से हजारो लोग पहले ही जुड़ रहे हैं। बीते रविवार सुबह ग्यारह बजे अर्पणा अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स एंड लिटरेचर में ‘द मॉडर्न पोएट्स’ के संस्थापक मोहित द्विवेदी और अंशुल जोशी ने अपने साहित्यिक समूह की वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर एक ऐसी साहित्यिक बैठक का आयोजन किया जिसमें दिल्ली एनसी आर के जाने माने साहित्यिक समूह संस्थापकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए साहित्य के प्रति अपनी बेबाक राए रखी।
यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली। इसमें ‘नोजोतो एप’ के सह-संस्थापक हिमांशु, ‘द क्विल कम्पनी’ से नेहा, ‘काव्यशाला’ से प्रतीक, ‘हिन्दीनामा’ से अंकुश, ‘द आर्ट गैलोर’ से देवेंद्र और ‘क्षितिज’ से रंजीता अशेष ने अपने अपने समूहों का नेतृत्व किया। सभी ने अपने कार्यों के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे वो युवा लेखकों की कलम को शशक्त बनाने के अथक प्रयास कर रहे हैं।
चर्चा मे रंजीता ने युवाओं को समझाते हुए बोला की लेखक समाज का आईना होते हैं ,हमे साहित्य को कागज़ के अलावा व्यवहारिक रूप से लोगों तक पहुँचाना होगा।एक धारणा बन गई है कि साहित्यिकार मतलब गंभीर व्यक्तित्व जबकी अगर कलमकार को दर्शक,श्रोता चाहिए तो आपको अपनी प्रस्तुती मे नवीनीकरण लाना होगा।समय बदल चुका है और कविताओं के पाठन मे कुछ नयापन ना होने की वजह से इसके प्रशंसक कम हुए हैं।
युवा जोश के साथ इस ओर अगर हम ध्यान दें तो शायद आज के युवा कवियों का भविष्य उज्ज्वल हो जाए।रंजीता ने वहाँ उपस्थित युवाओं को समाज के लिए भी कुछ करने की सलाह दी।केवल किताबी ज्ञान से कही ज्यादा ज़रूरी है समाज मे वास्तविक योगदान देना,सामाजिक मसलों पर केवल लिख कर दुख ना जताए वरन उस समस्या का हल खोजें।युवा अपने विचारों से एक आदर्श युग का निर्माण कर सकता है ।रंजीता के साहित्यिक समूह ‘क्षितिज ‘ के विचारों ने युवाओं मे नई सकारात्मक उर्जा भर दी एवं उनके द्वारा हो रहे कार्यों को काफी सराहा गया ।