छतरपुर। भले ही केंद्र सरकार मौजूदा वक्त में पूरे देश के सभी गांवों को 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। छतरपुर में एक गांव ऐसा भी है जहां आजादी के 70 सालों के बाद भी गांवों को अभी तक बिजली नसीब नहीं हो पा रही है। छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र में आने वाली पंचायत ओंटापुरवा में एक छोटे सा गांव पुरवा इंदिरा नगर है।
Reality: Even after 70 years the villages are not getting power
इस गांव को लगभग 30 वर्ष पहले इंदिरा आवास योजना के तहत बसाया गया था। लेकिन उस समय से लेकर अभी तक कई राजनेताओं ने इन लोगों से गांव में बिजली लगवाने का वादा किया। इसके बावजूद आज भी इस गांव में अंधेरा है। गांव में बिजली के खंबे और तार तो लगे हैं, लेकिन उन खंबो में करंट नहीं है। इंदिरा कॉलोनी में रहने वाली राधा ने बताया कि, वह कई सालों से यहां रह रही है और उसकी शादी गांव से न होकर कहीं और से की गई क्योंकि गांव में लाइट ही नहीं है, साथ ही उसने कहा कि गांव में किसी भी लड़के की शादी नहीं होती, क्योंकि गांव में लाइट न होने के कारण लड़कों के रिश्ते के लिए आने वाले लोग यह कहकर चले जाते है कि गांव में लाइट नहीं है।
लाइट नहीं होने से यहां के बच्चों को लालटेन जलाकर पढ़ना पड़ता है। गांव में ही रहने वाली छात्रा का कहना है कि, लाइट न होने की वजह से पढ़ने में काफी दिक्कत होती है। शाम होते ही अंधेरा होने के बाद घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। जिस कारण हम लोग घरों से नहीं निकलते। वहीं विधुत विभाग के इंजिनियर बालेन्द्र का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि गांव में जल्द से जल्द लाइट की सुविधा हो जाये।