नई दिल्ली
खुदरा (रिटेल) महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.21% पहुंच गई। यह 10 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे ज्यादा 3.38% अक्टूबर 2018 में थी। अगस्त में खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से महंगाई दर पर असर पड़ा। फूड बास्केट की महंगाई दर 2.99% पहुंच गई। जुलाई में 2.36% थी। सांख्यिकी विभाग ने गुरुवार को आंकड़े जारी किए। खुदरा महंगाई दर इस साल जुलाई में 3.15% थी।
श्रेणी | जुलाई में महंगाई दर | अगस्त में महंगाई दर |
खाद्य | 2.36% | 2.99% |
ग्रामीण | 2.19% | 2.18% |
कपड़े एवं जूते-चप्पल | 1.65% | 1.23% |
हाउसिंग | 4.87% | 4.84% |
ईंधन एवं बिजली | -0.36% | -1.7% |
खुदरा महंगाई लगातार 13वें महीने आरबीआई के लक्ष्य के दायरे में रही
अगस्त में खुदरा महंगाई दर में थोड़ा इजाफा हुआ लेकिन, यह अभी भी आरबीआई के लक्ष्य से नीचे है। आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% के आस-पास रहे। रिजर्व बैंक ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। लक्ष्य से कम महंगाई दर बाजार में मांग कम होने का संकेत देती है। ऐसे में आरबीआई द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद रहती है। खुदरा महंगाई दर 13 महीने से 4% के नीचे बनी हुई है।
जुलाई में आईआईपी ग्रोथ 4.3% रही
इसके साथ ही जुलाई के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की ग्रोथ के आंकड़े भी जारी किए। आईआईपी ग्रोथ जुलाई में 4.3% रही। पिछले साल जुलाई में 6.5% और इस साल जून में 1.2% थी। महीने के आधार पर आईआईपी ग्रोथ में जोरदार तेजी आई। सालाना आधार पर देखें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां सुस्त रहने की वजह से आईआईपी ग्रोथ पर ज्यादा असर पड़ा। इस सेक्टर की ग्रोथ 4.2% रही। पिछले साल जुलाई में 7% थी।