पुरस्कार कबाड़ने के शर्तिया फार्मूले

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डॉ. कीर्ति काले

एक नवजात कवि ने जब से मुहल्ला स्तरीय काव्य शिरोमणि पुरस्कार कबाड़ा है तब से कुण्ठा, जलन, आक्रोश और बदले की भावना ने हमारे भेजे को बुरी तरह लताड़ा है।एक कविता लिखकर ये काव्य शिरोमणि?

 और दो कविताएं लिखकर हम वहीं के वहीं?  वरिष्ठता का इतना अपमान? हम उससे तीन महीने तैंतीस दिन दो घण्टे सीनियर हैं कम से कम इस बात का तो रखना चाहिए था ध्यान।

हमारे भेजे की भन्नाहट को दादा कहलवाने के प्रबल इच्छुक  पुरस्कार लबाड़ू पानपरागी जी ताड़ गए। हमें अपने पास बुलाया और आँखें  बड़ी बड़ी करके ब्रह्माण्ड के गुपित रहस्य पर से धीरे-धीरे पर्दा उठाया।

आजकल पुरस्कार दिया नहीं, लिया जाता है। गुरु शिष्य परम्परा का इस लेन देन से गहरा नाता है।हम उनकी आँखों की चमक और रहस्यमयी  मुस्कुराहट के टोने में खो गए।

कुछ जान पाते उसके पहले ही  यन्त्रचलित से उनके साहित्य सने चरणों पर लम्बायमान हो गए। लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोले दादा पुरस्कार लेने का उपाय बताईए।आज से आप  ही हमारे गुरु बन जाइए।वे ओठों को गोल गोल करके बोले ऐसे नहीं, पहले कुछ दिन नियमित रूप से हमारे घर आईए।
महीने भर  तन मन धन से  दिन रात सेवा करने पर भी जब पुरस्कार कबाड़ने का मंत्र गुरुदेव ने नहीं बताया तब हमारा डिगा हुआ धैर्य और डगमगाया। हमने कुलबुलाते हुए पुछा  पुरस्कार कबाड़ने के लिए क्या हमें और कविताएं लिखना चाहिए? गुरुदेव बोले नहीं। दो कविताएं पर्याप्त हैं। तुम्हें अधिक लिखना नहीं ,अधिक दिखना चाहिए।वाटसप,फेसबुक,यूं ट्यूब ,ट्विटर पर अधिक देना होगा ध्यान। दनादन अपने वीडियो और फोटो डाल फॉलोअर्स बढ़ाकर  मचाना होगा घमासान।पुरस्कार लेने में लिखने से ज्यादा दिखने का है रोल।यह कहते हुए उनके ओंठ फिर से होने लगे गोल गोल।
मुहल्ले से लेकर राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक सारे पुरस्कारों को झपटने के लिए बेशरमाई अकूत होनी चाहिए। कविता भले ही कमजोर हो परन्तु प्रोफाइल मजबूत होनी चाहिए। साल भर खूब सेवा की  तब जाकर आज हम खुशियों के झूले में झूले
गुरुदेव ने बताए पुरस्कार कबाड़ने के कुछ शर्तिया फार्मूले :-
1. शहर के सबसे महंगे मॉल में जाईए।पाँच छै हीरो टाइप की मॉडर्न ड्रैस लाइए। बढ़िया ब्यूटी पार्लर की सेवाएं लीजिए

 अपने मनहूस थोबड़े को थोड़ा रौबदार, थोड़ा ग्लॉसी कीजिए। जब पर्सनेलिटी में आ जाए सत्तर टका नखरा तीस टका स्टाइल । तब चलेगी पुरस्कार, सम्मान की असली फाइल।

2. दो कविताओं को तोड़कर चार बनाईए।प्रत्येक टुकड़े पर पाँच विद्वानों से पचास पचास पेज की प्रशंसा लिखवाईए। जब चार भाषाओं में उसका हो जाए अनुवाद उसके बाद किसी चित्रकार को कीजिए याद। अभी सुनने में लग रहा होगा विचित्र। लेकिन कविता के हर टुकड़े पर बनेंगे कम से कम पाँच चित्र ।
फिर अपनी बीस साल पुरानी घने काले लहराते बालों और डिम्पल युक्त गालों वाली तस्वीर से कवर और बैक पेज को बनाईए चमकदार लो बातों बातों में हो गईं दो कविताओं की शानदार  चार किताबें तैयार।
3. अपनी इन किताबों को राजनीति,साहित्य, संगीत, फिल्म, क्रिकेट सभी फील्डों की हस्तियों को भेंट कर उनके साथ फोटो खिंचवाते रहिए और तुरन्त प्रभाव से सोशल मीडिया पर चिपकाते रहिए।
4. सबसे अधिक इस फार्मूले पर देना होगा ध्यान
समय समय पर सत्ताधारी नेताओं , सांसदों मंत्रियों का करते रहिए आसमान फाड़ू गुणगान।
अब बच्चू  बताओ कहाँ बचकर जाएगा पुरस्कार और सम्मान।
5. कम लागत में जल्दी अन्तर्राष्ट्रीय होना है  तो अपने
खर्चे पर नेपाल, भूटान टाइप के देशों के लगा आईए टूर
फिर देखिए पुरस्कार,सम्मान कैसे रहते है इंच भर भी दूर।
हमने गुरु देव के बताए सभी फार्मूलों को आजमाया है।
परिणाम स्वरूप आज हम मात्र दो कविताएं लिखकर दर्जनभर पुरस्कारों से लैस लोकप्रिय अन्तर्राष्ट्रीय कवि हैं।आज हमारे पास पैसा है,नाम है, बंगला है गाड़ी है।सच बताएं अब तो जल्दी पुरस्कार कबाड़ने के लिए कुलबुलाती किसी नवजात कवयित्री के दादा बनने की हमारी भी पूरी तैयारी है।
जाने मानी लेखिका
नयी दिल्ली
9868269259