नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण घटाने के लिए लागू GRAP के नियमों का कोई खास असर नहीं दिखा। दिल्ली में हवा ‘खराब’ रही। गाजियाबाद-ग्रेटर नोएडा में तो आबोहवा ‘बेहद खराब’ तक दर्ज हुई। इसकी एक वजह नियम का कड़ाई से लागू न होना भी रहा। विभिन्न जगहों पर रोक के बावजूद जनरेटर चले और कूड़ा भी जला। मंगलवार से धूल उड़ाना, कूड़ा जलाना और जेनरेटरों पर बैन लागू हुआ लेकिन ऐक्शन के बावजूद दिल्ली और एनसीआर में इन नियमों का पालन नहीं हुआ।
बुधवार की बात करें तो राजधानी में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ‘खराब’ हालत में रहे। यह आंकड़ा दिल्ली के लोधी रोड एरिया का है। हालत कितनी खराब थी इसका अंदाजा द्वारका से लगाएं। वहां औसत एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 272 रहता है जो रात 9 बजे तक 480 यानी ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गया था। दिल्ली में बाकी जगहों जैसे सिरी फोर्ट (387), रोहिणी (348), नेहरू नगर (332) में भी स्थिति ऐसी ही थी।
दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र गाजियाबाद (322), नोएडा (326), गुड़गांव (326) में भी स्थिति बेहद खराब है। पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, जानकार मानते हैं कि इसका फिलहाल दिल्ली के मौसम पर उतना असर नहीं है। केंद्र की संस्था ‘सफर’ की मानें तो अगले दो दिनों में एयर क्वॉलिटी खराब और बेहद खराब कैटिगरी के बीच झूलती रहेगी।
15 दिनों में बिगड़ी स्थिति
15 दिन पहले राजधानी और एनसीआर की हवा की स्थिति अच्छी थी। लेकिन इसी बीच यह गंभीर हो चुकी है। बता दें कि एक्यूआई 0 से 50 के बीच होने पर ‘अच्छा’ होता है, जबकि 51 से 100 के बीच होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच होने पर उसे ‘गंभीर’ समझा जाता है।