नई दिल्ली
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। एसबीआई ने लगातार नौवीं बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती का एलान किया है। लेकिन साथ ही एफडी पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की है।
सस्ता हुआ होम व ऑटो लोन
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई ने एमसीएलआर में कटौती की है। इसमें पांच बीपीएस की कटौती की गई है। जिसके बाद यह दर सालाना 7.90 फीसदी से कम होकर 7.85 फीसदी हो गई है। नई दरें 10 फरवरी 2020 से लागू हो रही हैं। इससे ग्राहकों को फायदा होगा क्योंकि अब उन्हें सस्ते में होम लोन और ऑटो लोन मिल जाएगा।
आरबीआई ने किया था एलान
बता दें कि गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करने का एलान किया था। रेपो दर 5.15 फीसदी पर बरकरार है। लेकिन तब भी एसबीआई ने एमसीएलआर में कटौती की है। गुरुवार को केंद्रीय बैंक ने लोन को बढ़ावा देने के लिए एलान किया। आरबीआई ने बैंकों को कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में कटौती करने की छूट दे दी है, जो जुलाई 2020 तक लागू रहेगी। इस बैठक में कहा गया था कि छोटे और मझोले उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज मुहैया कराया जाए। इसके लिए जरूरत पड़े तो बैंक अपने आरक्षित कोष के अनुपात में कटौती कर सकते हैं।
डिपॉजिट पर मिलेगा कम ब्याज
लोन के अतिरिक्त फिक्स्ड डिपॉजिट (दो करोड़ रुपये से कम) पर भी एसबीआई ने घोषणा की है। एसबीआई ने इसमें 10 से 50 बेसिस प्वाइंट की कमी की है। इसके साथ ही एकमुश्त एफडी (बल्क टर्म डिपॉजिट यानी दो करोड़ रुपये से ज्यादा) पर मिलने वाले ब्याज में 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की कमी की है।
चार तरह के होते हैं बेंचमार्क
आरबीआई ने चार तरह के बेंचमार्क तय किए हुए हैं। पहला आरबीआई का रेपो रेट है। दूसरा, केंद सरकार की तीन साल की ट्रेजरी बिल यील्ड है। तीसरा, केंद्र सरकार द्वारा छह महीने की ट्रेजरी बिल है और चौथा एफबीआईएल द्वारा कोई अन्य बेंचमार्क रेट।