कुर्सी छोड़ मंच पर नीचे बैठे सिंधिया, पान गुमठी पर कान में चर्चा

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अशोकनगर। शहर में आए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र सरकार पर संस्थाओं के संगठनात्मक ढ़ांचे के साथ कुठाराघात करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने इन संस्थाओं को कलंकित है। साथ ही कहा कि पांच साल में संगठनात्मक ढ़ाचे का जो डैमेज हुआ है, कांग्रेस की सरकार उसे रिपेयर करेगी।

सांसद सिंधिया ने कहा कि न्यायपालिका के साथ हम एक ऐसा संसोधन लाएंगे जिसके आधार पर कोई भी सरकार या राजनैतिक दल हस्तक्षेप न कर सकें, चाहे वह न्यायपालिका हो, रिजर्व बैंक हो या नीति आयोग हो। उन्होंने कहा कि मोदीजी और उनकी सरकार ने देश के संस्थानों को समाप्त करने का कार्य किया है, जिनका पूर्ण गठन करके उनको दोबारा बनाने का काम कांग्रेस करेगी।

इससे पहले सांसद सिंधिया ने डॉक्टर, सीए, वकील, पेंशनर्स, ग्रेन मर्चेंट, क्लॉथ मर्चेंट, लायंस क्लब, रोटरी, क्लब सहित सामाजिक संगठनों की बैठक ली और उन्हें चुनाव में कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया।

डॉक्टर, वकील, पेंशनर्स की बैठक में कार्यक्रम के दौरान सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच पर लगी कुर्सी पर न बैठकर अचानक मंच पर नीचे ही बैठ गए। हालांकि संगठनों के सदस्यों को सामने कुर्सी पर बिठाया गया, साथ ही सांसद को भी सामने अलग कुर्सी लगाई गई थी। कार्यक्रम समाप्ति के बाद बाहर निकले तो पान की गुमठी पर पहुंचे और गुमठी संचालक के कान में चर्चा करने लगे। इस दौरान सांसद ने गुमठी संचालक से उसके परिवार, शिक्षा और परिवार की स्थिति के बारे में पूछा। यह पहली बार नहीं, बल्कि कुछ दिन पहले सांसद सिंधिया ने शहर में एक दुकान पर समोसे तले थे और उनके पुत्र महाआर्यमन सिंधिया भी चाटे के ठेले पर अपने हाथों से चाट बना चुके हैं।

बैठक में संगठनों से यह बोले सिंधिया-
– व्यापारियों की बैठक में सिंधिया ने कहा कि जीएसटी को कांग्रेस की सरकार आते ही हटा दिया जाएगा।
– वकील और पत्रकारों से बैठक में कहा वकील सुरक्षा कानून और पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा।
– गाडी के ईंधन की तरह होती है अर्थव्यवस्था में राशि और मुद्रा, आरबीआई गवर्नर की राय बिना ही नोटबंदी कर दी गई।

– चौकीदारजी 84 देशों का दौरा कर रहे हैं, विदेशी नेताओं को झप्पी दे रहे हैं, उन्हें ढूंढने आपको न्यूयॉर्क और लंदन जाना पड़ेगा।
– भाजपा की सरकार ने पांच साल में देश में असहिष्णुता का वातावरण बना दिया है।