सवालों के घेरे में भोपाल के संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा

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TIO  शशी कुमार केसवानी

लंबे समय से कुछ ऐसी घटनाएं सामने आ रही है जिसकी वजह से भोपाल की संवेदनशील जगह असुरक्षित महसूस हो रहे है। हाल ही में बहुत सी घटनाएं सामने आई हैं, जिनकी वजह से सवाल उठने लाजमी है कि भोपाल कितना सुरक्षित है लंबे समय से यह चर्चा का विषय है। क्योंकि इन घटनाओं को देखा जाए, एयरपोर्ट, पुलिस मुख्यालय, भोपाल कोर्ट, नामी गिरामी होटल, पार्क, सेंट्रल जेल, रेलवे स्टेशन और शहर की दूसरी सरकारी और महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है दावे हमेशा किए जाते है पर घटना होने के बाद कहा जाता है कि अब सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता कर दिए जाएंगे न ही तो यह जगह हमला झेलने के काबिल है न ही तो आग झेल पाने के काबिल है क्योंकि इन सब चीजों की कोई व्यवस्था ही नहीं है। सब जगह सेंधमारी बहुत आसानी से हो जाती है।

एयरपोर्ट पर सेंधमारी हमेशा होती रहती है:
एयरपोर्ट पर सेंधमारी हमेशा होती रहती है बस दो दिन बाद तक चर्चा होती है उसके बाद वैसे ही फिर शुरू हो जाता है। हाल ही में भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट पर हुई सेंधमारी की घटना के बाद वहां की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे। आरोपी युवक आसानी से स्टेट हैंगर से एयरपोर्ट में दाखिल हुआ था। एयरपोर्ट की बाहरी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की थी लेकिन पुलिस ने अपनी जिÞम्मेदारी ठीक तरीके से नहीं निभाई। एयरपोर्ट के अलावा खुद पुलिस मुख्यालय, सिनेमाघर और भोपाल कोर्ट में भी ऐसी कई बार सेंधमारी की घटनाएं हो चुकी है पर चर्चा के बाद सब ठंडे बस्ते में चला जाता है।

इन 5 मामलों से उठ रहे सवाल

राजधानी के भोपाल और हबीबगंज रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था भी भगवान भरोसे है। यहां भी मेन गेट से लेकर उसके आसपास तक, कहीं भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जायजा लिया, तो वहां भी सब भगवान भरोसे नजर आया। मेन गेट पर कोई भी पुलिसकर्मी या सुरक्षा व्यवस्था में तैनात नहीं पाया गया। पार्किंग में वसूली की जबरदस्त व्यवस्था जरूर है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर कोई व्यवस्था नहीं है।

पहली घटना
एयरपोर्ट में सेंधमारी कर युवक ने जमकर उत्पात मचाया। सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले थाना प्रभारी समेत पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई।
दूसरी घटना
भोपाल सेंट्रल जेल परिसर में मुलाकात के लिए आए युवक पर बदमाशों ने चाकू से हमला किया. इस हमले में युवक की मौत हो गई थी. ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती है।

तीसरी घटना
भोपाल रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। एक युवक रेलवे स्टेशन में ओएचई लाइन पर खुद लटक गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। रेलवे का कंट्रोल रूम भी कभी सुरक्षित नहीं रहा।
चौथी घटना
पुलिस मुख्यालय की छत पर कुछ लोगों ने जमकर हंगामा करते हुए सोलर पैनल में तोड़फोड़ की। जहांगीराबाद पुलिस ने केस दर्ज किया था

पांचवीं घटना
भोपाल कोर्ट में पेशी पर आए युवक पर पुरानी रंजिश के चलते कुछ लोगों ने चाकू से हमला किया था। कोर्ट के लॉकअप में भी कैदी कई बार कैदी आपस में भिड़ चुके हैं तथा कोर्ट में तो कई बार गोलियां भी चल चुकी है। कई घटनाएं तो सामने ही नहीं आती है।

आधुनीक तकनीक से हो सुरक्षा

shashi kumar keswani
फोर्स की कमी हमेशा रहती है जिसकी वजह से सुरक्षा में सेंध लगती रहती है पर पुलिस को अपना खूफिया तंत्र बहुत ही मजबूत रखना होगा जिसमें खास तोर पर मुखबिरों का रोल रहता है। सीसीटीवी तथा आम लोगों से संपर्क से कई जानकारियां मिलती है पर कई पुलिस अधिकारी आम लोगों से कटे हुए रहते है जिससे उनको जानकारी की कमी रहती है। आने वाले समय भोपाल पुुलिस के लिए चुनौती भरा रहेगा क्योंकि इस शहर में देशभर के लोग बसते जा रहे है, जिनकी जानकारी पुलिस तक कम पहुंचती है। सुरक्षा की दृष्टि से बल बढ़ाना चाहिए अगर भोपाल को सुरक्षित रखना है तो चौकस नजर भी रखना चाहिए।

इनका कहना है


एयरपोर्ट के मामले में पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच किया गया। जहां की हमारी जिम्मेदारी है वहां का तो हम काम करते। रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस के साथ कार्डिनेशन में काम करते है।
शैलेंद्र सिंह चौहान,
नार्थ एसपी भोपाल
भोपाल की सुरक्षा के हमेशा पुख्ता इंतजाम रहते है। लेकिन कुछ एजेंसिया अलग है एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन तथा सीएम हाउस भोपाल पुलिस के पास बाहर की सुरक्षा रहती है तो भोपाल पुलिस सभी एजेंसियों के साथ कार्डिनेशन के साथ काम करती है।


 आदर्श कटियार,
एडीजी भोपाल