मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच बुधवार को हुई बातचीत भले ही बेनतीजा निकली हो, लेकिन बीजेपी ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। बीजेपी के सीनियर कैबिनेट मंत्री की बात मानी जाए तो गठबंधन को बचाने के लिए शाह जल्द ही फिर से उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों पार्टियों के बीच लोकसभा चुनाव साथ लड़ने को लेकर सहमति बन गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर दोनों नेता एकमत नहीं हो पाए थे।
Senior BJP said- save the alliance, Shah will meet soon after Uddhav
लोकसभा पर बन गई थी बात
मंत्री के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के लिए दोनों ही नेता 2014 के फॉम्यूर्ले पर राजी हो गई थीं। उस वक्त कुल 48 सीटों में से 28 पर बीजेपी और 22 पर शिवसेना ने चुनाव लड़ा था। लोकसभा के बाद जब विधानसभा चुनाव पर बातचीत शुरू हुई तो सीटों पर सहमति ही नहीं बनी। सीनियर मंत्री ने बताया कि बीजेपी ने कम से कम 122 सीटों की मांग की थी, जिसपर शिवसेना राजी नहीं हुई। बता दें कि 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों ही पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था। तब बीजेपी ने 260 (122 जीती) और शिवसेना 282 (63) पर चुनाव लड़ा था।
मंत्री ने बताया कि बीजेपी ने अपने पक्ष में सीएम देवेंद्र फणनवीस की मजबूत और साफ-सुधरी छवि का उदाहरण दिया था। साथ ही नगर निगम और जिला परिषद चुनावों में मिली सबसे ज्यादा सीटों का जिक्र भी किया गया था। लेकिन फिर भी बात नहीं बनी और बातचीत को बीच में ही रोकना पड़ा। खबरों के मुताबिक, बीजेपी की तरफ से शिवसेना को चेतावनी देते हुए यह तक कह दिया गया कि अगर वे दोनों साथ मिलकर नहीं लड़े तो कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन आगे निकल जाएगा, जिसकी वजह से राज्य की सत्ता उनके हाथ से जा भी सकती है।
फिर शुरू होगी बातचीत
मंत्री के मुताबिक, बुधवार को हुई बातचीत भले ही किसी नतीजे पर न पहुंची हो लेकिन अमित शाह ने जल्द ही फिर से बातचीत शुरू करने की बात कही है। शाह की तारीफ करते हुए मंत्री ने कहा, ‘शाह के अंदर अहंकार नहीं है, गठबंधन बचाने के लिए वह कितनी भी बार मातोश्री जाने के लिए तैयार हैं।’