मुंबई। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव के बीच बुधवार को हुई मुलाकात के बाद शिवसेना ने गुरुवार को साफ किया कि वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने एक प्रस्ताव पास किया है कि हम आने वाले सभी चुनाव अकेले लड़ेंगे। उस रेजॉल्यूशन में कोई बदलाव नहीं होगा। राउत ने बताया, ‘बुधवार को दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक कई मुद्दों पर काफी अच्छी चर्चा हुई। अमित शाह ने फिर से मिलने की बात कही है।
Shah-Thackeray does not make a point, Shiv Sena will contest bid alone – elections
हम अमित शाह का अजेंडा जानते हैं।’ बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मातोश्री में बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई यह तो साफ नहीं हो पाया, लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से शिवसेना से लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में गठबंधन जारी रखने की बात कही गई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने सेना से उनके लिए महाराष्ट्र कैबिनेट में अगले फेरबदल के दौरान जगह बनाने और केंद्र में भी सेना के सीनियर नेताओं को जगह देने का वादा किया है।
सूत्रों का कहना है कि सेना के ज्यादातर सांसद और विधायक बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। उनका मानना है कि अगर बीजेपी के साथ समझौता नहीं होता तो पार्टी के सत्ता से बाहर हो जाएगी। वहीं, कई लोग बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं चाहते। उन्हें लगता है कि राज्य में बीजेपी का विस्तार शिवसेना की कीमत पर हो रहा है। शिवसेना के नेताओं ने कहा है कि वे बीजेपी के अलायंस के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। इसके जरिये पार्टी बारगेनिंग पावर बढ़ाना चाहती है। उद्धव के साथ मीटिंग के बाद शाह ने संगठन मंत्री विजय पुराणिक और बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ 2019 चुनाव के सिलसिले में बातचीत की।
महाराष्ट्र में पालघर लोकसभा क्षेत्र के लिए हाल ही में हुए उपचुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था और एक दूसरे के खिलाफ जमकर प्रचार किया था। शिवसेना खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नाराज है और पार्टी के नेता लगातार उनके खिलाफ बयान देते रहे हैं। पालघर उपचुनाव में बीजेपी से हारने के बाद शिवसेना ने बीजेपी को अपना ‘सबसे बड़ा राजनीतिक दुश्मन’ बताया था।
शिवसेना ने मंगलवार को ही शाह और ठाकरे के बीच मुलाकात पर सवाल उठाया था। शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर चुकी है। दोनों दलों के बीच ढाई दशक से अधिक पुराना गठबंधन 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले टूट गया था। हालांकि, बाद में फडनवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दोनों ने दोबारा हाथ मिला लिया था।