शाहजहांपुर
लॉ छात्रा के साथ रेप के आरोपों का सामना कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को यूपी पुलिस और एसआईटी ने शाजहांपुर स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने चिन्मयानंद को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस कार्रवाई के बाद भी पीड़ित छात्रा ने चिन्मयानंद पर रेप के आरोप नहीं लगाने पर सवाल उठाए हैं, वहीं एसआईटी की जांच में छात्रा और चिन्मयानंद को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इससे छात्रा की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
इस पूरे प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी की जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि आरोप लगाने वाली छात्रा और चिन्मयानंद के बीच जनवरी 2019 से अगस्त महीने के बीच 200 बार फोन पर बातचीत हुई है। उधर, इन्हीं 8 महीनों के दौरान छात्रा और उसके साथ संजय के बीच 4200 से ज्यादा बार फोन पर बात हुई थी। आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि एसआईटी ने हर जरूरी डिजिटल साक्ष्य, दोनों पक्षों के फोन कॉल डीटेल जुटाए। घटनास्थल, संस्थान, पीड़िता के घर और हॉस्टल से भी साक्ष्य एकत्र किए। गाड़ियों के मूवमेंट, टॉल टैक्स बैरियर, दिल्ली और राजस्थान के होटलों से सीसीटीवी फुटेज, बैंक और एटीएम से रकम निकालने से जुड़े डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए गए हैं।
रंगदारी की बात कबूली
एसआईटी के आईजी अरोड़ा ने बताया कि एफएसएल के जरिए दोनों पक्षों की तरफ से दिए गए विडियो की मिरर इमेज तैयार कर उनका विश्लेषण किया गया। तब जाकर एसआईटी ने दोनों पक्षों की तरफ से दर्ज करवाए गए मुकदमों की धाराएं तरमीम कीं। उन्होंने बताया कि छात्रा के तीनों साथियों संजय सिंह, सचिन सेंगर उर्फ सोनू और विक्रम ने स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की बात कबूली है। इन तीनों ने वायरल विडियो में खुद के होने की बात भी स्वीकार की है। एसआईटी ने तीनों को अपने पुलिस लाइंस स्थित अस्थायी कार्यालय से गिरफ्तार किया। एसआईटी 23 सितंबर को हाई कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
छात्रा पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार
एसआईटी ने छात्रा पर भी रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है। अरोरा ने कहा कि रंगदारी मांगने की आरोपी छात्रा को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया गया है कि उसके खिलाफ ‘जांच लंबित’ है। उन्होंने कहा, ‘हमने निर्णायक साक्ष्य होने की वजह से महिला का नाम इसमें शामिल किया है। अन्य आरोपियों के बयान भी यह दर्शाते हैं कि महिला इसमें शामिल थीं। हमारी जांच जारी है। हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में 23 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे और उसके बाद अदालत के निर्देशों का इंतजार करेंगे।’
पीड़ित छात्रा ने एसआईटी पर उठाए सवाल
चिन्मयानंद के खिलाफ 376 धारा न लगाए जाने पर पीड़िता ने असंतोष जाहिर किया है। पीड़िता का यह भी कहना है कि उसे रंगदारी के केस में फंसाने की साजिश हो रही है। केस कमजोर करने के लिए रंगदारी का विडियो वायरल किया जा रहा है। उसने कहा कि चिन्मयानंद मालिश के लिए बुलाता था और कपड़े उतरवाता था। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास जताते हुए कहा है कि वहां मेरे साथ कुछ गलत नहीं होगा।