शंकरागढ़ डायरीज -1, कहानी संग्रह पुस्तक का विमोचन

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कंचन किशोर

भोपाल एक प्रशासकीय राजधानी के साथ साथ कला एवम् साहित्य की राजधानी भी बन चुकी है। आज भोपाल के एक कला प्रेमी परिवार की तीसरी पीढ़ी के डॉ शिलादित्य वर्मा की दूसरी पुस्तक शंकरागढ डायरीज 1 नामक कहानी संकलन का विमोचन समारोह सम्पन्न हुआ। शंकरागढ़ डायरीज – 1 , तीन कहानियों का संग्रह है। एक छोटे से कस्बे की तीन अलग अलग कहानियां, जो कि आगे जा कर निश्चित ही अपनी पूरी श्रृंखला में नए रूप, नए कलेवर में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत होंगी।

Shankargarh Diary-1, Release of Story Collection Book

तीनो कहानियां अत्यंत सहज एवम् सरल तरीके से लिखी गई है जो जीवन के संपूर्णता रूप की कल्पना है। इसकी पृष्ठभूमि मध्य प्रदेश का एक कस्बा है जहां यह तीनो कहनियां जन्म लेती हैं, पनपती हैनन। कई बार जीवन को इस दृष्टिकोण से देखना बहुत कठिन होता है। किस्से कहानियों में जीवन सदैव अपूर्ण, कठोर एवम् संघर्षरत दिखाया जाता है ऐसे में जीवन का सरल , सहज परन्तु सम्पूर्ण रूप प्रस्तुत करना झंझावात में एक नई बयार की भांति है। शिलादित्य वर्मा ने बहुत ही सादगी से इन तीनो कहानियों का ताना बाना रचा है। चूंकि ये एक श्रृंखला का प्रथम भाग है अत: पाठकों को इसके अन्य भागों का जरूर इंतजार रहेगा।

पुस्तक विमोचन समारोह में भोपाल शहर के कई साहित्यकारों, कलाकारों, पत्रकारों तथा गणमान्य नागरिकों ने अपनी सहभागिता दर्ज की। श्री विजय तिवारी, श्री राजीव वर्मा, श्री अमित तिवारी, श्रीमती रीटा वर्मा एवम् शिलादित्य वर्मा सहित पुस्तक के प्रकाशक श्री मनीष गुप्ता ने पुस्तक लिखने और प्रकाशित होने तक के सफर को सभी के साथ साझा किया। वरिष्ठ साहित्यकार एवं पद्मश्री डॉ ज्ञान चतुवेर्दी तथा वरिष्ठ पत्रकार व लेखक श्री राजकुमार केसवानी ने लेखक को अपने आशीर्वचन दिए। इस पुस्तक को इंद्रा प्रकाशन, भोपाल ने प्रकाशित किया है।