Shardiya Navratri 2019: मां दुर्गा किस वाहन से आएंगी और जाएंगी अबकी बार

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TIO भोपाल

29 सितंबर रविवार को नवरात्र आरंभ होने जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता कैलास से धरती पर अपने मायके आएंगी। माता का आगमन कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। माता का आगमन जहां भक्तों में धार्मिक उत्साह और आनंद लेकर आता है वहीं भविष्य में होने वाली कई घटनाओं का संकेत भी देता है। यही वजह है कि प्राचीन काल से मां दुर्गा आगमन और विदाई को ज्योतिषशास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। माता जिस वाहन से आती हैं और जिस वाहन से जाती हैं उससे पता चल जाता है कि आने वाला एक साल देश दुनिया और आपके लिए कैसा रहने वाला है।

इस बार माता का वाहन गज यानी हाथी है। माता के इस वाहन पर आने का मतलब है कि यह वर्ष वर्षा के लिहाज से अच्छा रहने वाला है। देश के कई भागों में अच्छी वर्षा होगी। इससे कृषि क्षेत्र में उन्नति होगी। किसानों की आय बढ़ेगी। लेकिन जान-माल का नुकसान भी होगा। राजनीतिक क्षेत्र में उथल-पुथल की स्थिति रहेगी। युद्ध के हालात बनेंगे। बीते साल भी माता का आगमन हाथी पर हुआ था।

शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
देवीभाग्वत पुराण के इस श्लोक में बताया गया है कि माता का वाहन क्या होगा यह दिन के अनुसार तय होता है। अगर नवरात्र का आरंभ सोमवार या रविवार को हो रहा है तो माता का आगमन हाथी पर होगा। शनिवार और मंगलवार को माता का आगमन होने पर उनका वाहन घोड़ा होता है। गुरुवार और शुक्रवार को आगमन होने पर माता डोली में आती हैं जबकि बुधवार को नवरात्र का आरंभ होने पर माता का वहन नाव होता है। इस वर्ष रविवार को नवरात्र का आरंभ हो रहा है। इसी दिन कलश स्थापना किया जाएगा इसलिए माता का वाहन हाथी है।

इस वर्ष माता बिना किसी वाहन के जाएंगी। देवीभाग्वत पुराण में बताया गया है कि ‘शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा, शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला। बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा, सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥ इस श्लोक से स्पष्ट है कि इस वर्ष माता पैदल जा रही हैं। इसकी वजह यह है कि विजयादशमी मंगलवार को है। मंगल और शनिवार के दिन विदाई होने पर माता किसी भी वाहन पर नहीं जाती हैं।

देवी के पास किसी वाहन का ना होना और इनका नंगे पांव जाना अच्छा नहीं माना गया है। यह निराशा और व्याकुलता का सूचक है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होगी। देवी के आने जाने की स्थिति का मिलाजुला प्रभाव यह है कि इस वर्ष लोगों में हताशा और चिंता का भाव बढ़ेगा। जन धन का नुकसान होगा।