निरूपा माली
वह जीवन की ज्योति है
उनसे ही तो उजाला है।
उनके बिन न चलेगी दुनिया
बिन उनके अंधियारा है।।
उसकी एक किलकारी से
कलिया भी खिल जती है।
उसके पैरों की थाप से
बजती सरगम सारी है।।
अंगुली पकड़ जो चल देती है
आंगन भी इठलता है।
बांह पकड़ तुमको थामेगी
जब तुम्हे चाहिये सहारा है।।
उसके घर की खुशियां है
त्यौहारों की रौनक है।
उसके बिन खाली-खाली
लगता जैसे दोजक है
सुख दुख की वो बनेगी साथी
जो बेटों से कम न आंकी
अच्छी शिक्षा अच्छा जीवन
उनके भी अधिकार सभी ।।
जीवन दो उनको भी
गर्भपात नहीं
हाथ जोड़कर करूं निवेदन
सुनिये ये विनती सभी ।।