भोपाल। कर्ज में गले तक डूबी मप्र की शिवराज सरकार चुनावी साल में फिर बड़ा कर्ज लेने की तैयारी में है। विकास की योजनाओं और घोषणाओं को पूरा करने के लिए मप्र सरकार चीन से कर्ज लेने जा रही है। चीन के न्यू डेवेलपमेंट बैंक से मप्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी कर रही है।
Shivraj Vyas, Opposition raises questions in preparation for big loan
फिलहाल की स्थितियों में मध्यप्रदेश सरकार के ऊपर करीब पौने दो लाख करोड़ का कर्ज पहले से है और चुनावी साल में सड़क, बिजली और मेट्रो प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए सरकार फिर से एक और कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने मांग की है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदेश की जनता के सामने मप्र की वस्तुस्थिति साफ करें और गलत आर्थिक नीतियों के कारण क्षमा मांगें।
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुवेर्दी का कहना है कि पुरानी कहावत है कि कर्ज लीजिए और घी पीजिए और दुर्भाग्य से मप्र में भाजपा की सरकार वही कर रही है। लेकिन ये घी भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हिस्से में जा रहा है और मध्यप्रदेश की आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत शर्म का विषय है कि इन हालातों के बाद भी वे कहते हैं कि उन्होंने मप्र की अर्थव्यवस्था सुधार दी है। मप्र का आम आदमी जानना चाहता है कि भाजपा के राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें दांव पर क्यों लगाया जा रहा है।
कांग्रेस की यह है मांग
प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से 40 हजार कम है। हर आदमी के ऊपर 20 हजार रुपए का कर्ज है। ऐसे में सुचारू और विकसित मप्र का नकली दावा करने वाले मुख्यमंत्री जापान और यूरोप की बैंक से निराश होने के बाद चीन की बैंक से यदि लोन लेने की बात करते हैं।
इससे स्पष्ट है कि खजाना खाली है और मुख्यमंत्री सत्ता हासिल करने के लिए मप्र की आम जनता को दांव पर लगा रहे हैं। कांग्रेस की मांग है कि मुख्यमंत्री प्रदेश की आर्थिक स्थिति के मामले में वस्तुस्थिति जनता के सामने रखें और क्षमायाचना करें कि उनकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण मप्र में अर्थ का अनर्थ हुआ है और आज प्रदेश रसातल की ओर अग्रसर हो रहा है।