शिवसेना बोली- भारत-पाकिस्तान विभाजन से भी भयंकर है 288 सीटों का बंटवारा

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मुंबई

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मतदान में एक महीने से भी कम का वक्त बचा है, उससे पहले सीटों के बंटवारे को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच कशमकश चल रही है। राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं और माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे को लेकर आज बड़ा ऐलान किया जा सकता है। इस बीच शिवसेना के तेवर तल्ख नजर आ रहे हैं। पार्टी ने सीट बंटवारे के मुद्दे की तुलना भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से की है।

शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘इतना बड़ा महाराष्ट्र है, ये जो 288 सीटों का बंटवारा है ये भारत-पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर है। अगर हम सरकार में रहने के बजाए विपक्ष में बैठे होते तो आज तस्वीर कुछ और होती। सीटों के मुद्दे पर हम जो भी फैसला करेंगे, उसके बारे में आपको जानकारी दे दी जाएगी।’

सीट बंटवारे का फॉर्म्युला तय!
पार्टी सूत्रों की मानें तो बीजेपी और शिवसेना के बीच में 150-120 सीटों के फॉर्म्युले पर आम सहमति बन गई है लेकिन अभी पुणे और नासिक जैसे महत्‍वपूर्ण शहरों की सीटों को लेकर दोनों दलों में पेच फंसा हुआ है। शिवसेना ने कहा है कि अगले 24 घंटे गठबंधन के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण हैं। पुणे और नासिक में सभी वर्तमान विधायक बीजेपी के हैं। शिवसेना दो सीटें पुणे में और कम से कम एक सीट नासिक में चाहती है। इस बीच बीजेपी इन दोनों ही शहरों में सभी सीटों पर अपने वर्तमान विधायकों को ही टिकट देने के लिए दृढ़ दिखाई पड़ रही है।

शिवसेना को यह डर
दरअसल, शिवसेना को यह डर सता रहा है कि इन दोनों महत्‍वपूर्ण शहरों में चुनाव नहीं लड़ने पर वह अपनी मौजूदगी खो देगी। राज्‍य बीजेपी के एक वरिष्‍ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘दोनों ही दल 150-120 सीटों के फॉर्म्युले पर सहमत हो गए हैं। 18 सीटें महागठबंधन के अन्‍य छोटे दलों को दी जाएंगी। हालांकि गठबंधन की बातचीत शिवसेना के नासिक और पुणे में कुछ देने की मांग को लेकर फंस गई है।’

बीजेपी की यह मांग
शिवसेना के इस दांव की काट के लिए अब बीजेपी ने कोंकण क्षेत्र के रत्‍नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में एक-एक सीट पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। इन दोनों ही जिलों में अभी बीजेपी का एक भी विधायक नहीं है। दोनों दलों के बीच मतभेद का एक और मुद्दा मुंबई की दो सीटें और मराठवाड़ा के उस्‍मानाबाद जिले की एक सीट है। बताया जा रहा है कि दोनों ही दल केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह के 26 सितंबर के दौरे से पहले यह समझौता कर लेना चाहते हैं। यदि दोनों दलों के बीच समझौता हो जाता है तो अमित शाह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री जा सकते हैं।