दिल्ली हिंसा को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, एक दिन पहले भी मिल गए थे हिंसा के इनपुट्स

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 नई दिल्ली

दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने हिंसा से एक दिन पहले ही हालात बिगड़ने के इनपुट्स दे दिए थे। स्पेशल ब्रांच ने न केवल इनपुट्स दिए थे बल्कि इसके अधिकारी हिंसा वाले इलाके में पहुंच गए थे। मगर उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने इनपुट्स को गंभीरता से नहीं लिया। दिल्ली पुलिस की जांच में भी यह बात सामने आई है कि हिंसा सबसे पहले गोकलपुरी इलाके से शुरू हुई थी और हवलदार रतनलाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

 

इसमें शाहदरा डीसीपी अमित शर्मा व एसीपी गोकलपुरी घायल हुए थे। अब दिल्ली पुलिस में हिंसा को रोक नहीं पाने की नाकामी को छिपाने के लिए होड़ मची है। स्पेशल ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि अपराध शाखा ने 22 फरवरी को ही हिंसा के इनपुट्स दे दिए थे। अधिकारी ने दावा किया कि लिखित रुप से करीब 150 मैसेज दिल्ली पुलिस व स्थानीय थाना को दिए थे, मगर किसी ने गंभीरता से नहीं लिया

स्पेशल ब्रांच के पुलिस अधिकारी हिंसा वाली जगहों पर एक दिन पहले पहुंचे थे। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस हिंसा को नहीं रोक पाई।  दिल्ली पुलिस व जिला पुलिस अब स्पेशल ब्रांच पर ही सवाल उठा रही है। स्पेशल ब्रांच ने 23 फरवरी को भाजपा नेता कपिल मिश्रा के ट्वीट के बाद भी हिंसा होने के इनपुट्स दिए थे कि सीएए विरोधी व समर्थक आमने-सामने आ गए तो हिंसा हो सकती है। स्पेशल ब्रांच की ओर से 23 फरवरी को दिए गए इनपुट्स को भी गंभीरता से नहीं लिया गया था।

दूसरी हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा की एसआईटी की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा सबसे पहले गोकलपुरी थाना इलाके के चांद बाग में शुरू हुई थी। हिंसा शुरू होने से पहले मामला गोकलपुरी थाने पहुंच गया था।  यहां पर वजीराबाद रोड पर स्थित मजार के पास समर्थक व विरोधियों में झगड़ा हो गया था। इस झगड़े की 100 नंबर पर कॉल हो गई थी। पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद गोकलपुरी एसीपी अपने अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। यहां पर उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया था। उपद्रवियों ने यहां पर गोली चलाई थीं। यहां दो बजे दोपहर से लेकर रात दस बजे तक खूब बवाल हुआ था। पुलिस ने हत्या के अब तक 48 मामले दर्ज किए थे।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों पर गिर सकती है
हिंसा को रोक पाने में असफल रहने वाले दिल्ली पुलिस के संबंधित पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। गृहमंत्रालय द्वारा लापरवाही बरतने पर रिपोर्ट मांगने पर दिल्ली पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में दिल्ली पुलिस का कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।