शर्मींदगी: छतरपुर में युवती से दुष्कर्म, सागर में विधवा को बनाया हवस का शिकार, सियासत शुरू

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भोपाल। मध्यप्रदेश में दुष्कर्म की वारदातों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते 24 घंटों के दौरान दो स्थानों पर सामूहिक दुष्कर्म और दो एकल दुष्कर्म की वारदातें सामने आई हैं। तो वहीं महिलाओं के साथ दरिंदगी की वारदातों पर सियासत भी गर्माने लगी है।
Shyness: mischief by the girl in Chhattarpur, victim of lust created in the sea, started politics
छतरपुर जिले में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है, लेकिन पुलिस इसे संदिग्ध बताते हुए जांच की बात कह रही है। युवती अस्पताल में भर्ती है और दुष्कर्म में शामिल चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी आरोपी फरार हैं।

बैतूल में विधवा को बनाया हवस का शिकार
वहीं बैतूल में एक विधवा को चार युवकों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि वह मजदूरी कर आॅटो से अपने घर जा रही थी, तभी उसे अगवा कर लिया गया और चार युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। कोतवाली पुलिस के अनुसार, महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है।

सागर में रिश्तेदार ने किया रिश्तों को कलंकित
सागर जिले में 10वीं में पढ़ने वाली एक नाबालिग को उसके करीबी रिश्तेदार ने अपनी हवस का शिकार बना लिया। पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ल के अनुसार, आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

इंदौर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म
वहीं इंदौर में भी एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई है। लसूड़िया थाने की पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।

‘शिव”राज” में यह राज्य दुष्कर्म की राजधानी’
राज्य में लगातार हो रही दुष्कर्म की वारदातों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि शिवराज राज में यह राज्य दुष्कर्म की राजधानी बन गई है। राज्य में प्रशासनिक और पुलिस अमले का वारदातों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। कमलनाथ के बयान का जवाब देते हुए बीजेपी के नेता और मंत्री इसे प्रदेश के अपमान से जोड़ रहे हैं। राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, कमलनाथ ने राज्य को दुष्कर्म की राजधानी कहकर मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का अपमान किया है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

नारी सुरक्षा-बलात्कार के मुद्दे सूबे में सियासत
वहीं गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि कमलनाथ मध्यप्रदेश के रहने वाले होते तो ऐसा कभी नहीं कहते, लेकिन सवाल ये है कि गृहमंत्री या शासन-प्रशासन के लिए कमलनाथ के बयान पर बहस करना पहली प्राथमिकता है या उन कारणों को खत्म करना जिसकी वजह से नारी सुरक्षा और बलात्कार के मुद्दे सूबे में सियासत की वजह बनते जा रहे हैं।