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कांग्रेस में उथल-पुथल का दौर कब खत्म होगा, इसका जवाब फिलहाल पार्टी में किसी के पास नहीं है। सोनिया गांधी ने शनिवार से पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया। एक हफ्ते तक बैठकों का दौर चलेगा। इसमें पार्टी नेताओं की शिकायतें, आगामी चुनावों की रणनीति और पार्टी अध्यक्ष पर चर्चा होगी। सोनिया फिलहाल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं।
शनिवार को बैठक में हिस्सा लेने के लिए राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और अंबिका सोनी 10, जनपथ पहुंचे हैं। सिब्बल शनिवार की सुबह ही अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक दुबई चले गए हैं। जबकि कुछ दिन पहले ही अन्य नेताओं के साथ सिब्बल से भी मुलाकात करके पार्टी के नए संकट मोचक वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें सोनिया गांधी के साथ बैठक को लेकर चर्चा की थी। शनिवार को बैठक में हिस्सा लेने के लिए राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और अंबिका सोनी 10, जनपथ पहुंचे हैं। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के 99.9% नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही फिर से अध्यक्ष पद संभालें।
यह जानकारी देने वाले कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि कमलनाथ ने सोनिया गांधी से कहा था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके साथ वर्चुअल की बजाय सीधे मिलकर बात करना चाहते हैं। तब सोनिया ने उनसे कहा कि वह इस बारे में अपने डाक्टर से सलाह लेकर फैसला करेंगी।
कमलनाथ जब कपिल सिब्बल से मिले तो उन्होंने यही बताया था। इसलिए कपिल सिब्बल विदेश यात्रा के अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बदल नहीं सके। उधर सोनिया के डाक्टरों ने मुलाकात की अनुमति देते हुए यह कहा था कि एहतियातन मिलने वाले सभी लोग कोरोना जांच और निगेटिव रिपोर्ट के साथ मिलें। इसलिए सभी नेताओं ने अपनी-अपनी कोरोना जांच भी करा ली।
बैठक की तारीख तय होने के बाद कपिल सिब्बल ने अपना कार्यक्रम तो नहीं बदला लेकिन उन्होंने अपनी बात कमलनाथ और प्रियंका गांधी को बता दी थी। प्रियंका के साथ उनकी बातचीत जूम के जरिए हुई। इसके बाद शनिवार की सुबह सिब्बल विदेश रवाना हो गए।
बैठक में कपिल की गैर-मौजूदगी पर टिप्पणी करते हुए पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि गुट-23 के नेताओं में कपिल सिब्बल ही सबसे ज्यादा मुखर होकर साफ बात कहने वाले हैं, वही बैठक में नहीं हैं। हालांकि इसके बावजूद सबकी निगाहें इस बैठक पर हैं क्योंकि इसमें हुई बातचीत के आधार पर ही यह तय होगा कि भविष्य़ में कांग्रेस की कमान किसके हाथ में जाएगी।
सोनिया गांधी और उनके वफादार चाहते हैं कि यह कमान राहुल गांधी ही संभालें लेकिन राहुल की ना-नुकुर और उनकी टीम को लेकर कुछ वरिष्ठ नेताओं की असहमति के चलते प्रियंका को भी कमान सौंपे जाने की बात चल पड़ी है। एक सुझाव यह भी है कि सोनिया गांधी ही फिलहाल अध्यक्ष बनी रहें और प्रियंका या किसी अन्य विश्वासपात्र को उपाध्यक्ष बना दिया जाए जिससे पार्टी की सांगठनिक गतिविधियां और रोजमर्रा का कामकाज सुचारू रूप से चलता रहे।