जम्मू कश्मीर में गवर्नर की नियुक्ति केन्द्र की रणनीति में परिवर्तन के संकेत

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में सत्यपाल मलिक के राज्यपाल के तौर पर नियुक्ति के साथ ही घाटी में बातचीत के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर के सरकार के सूत्रों ने दी है। सूत्रों का कहना है कि मलिक को साफ संदेश के साथ जम्मू-कश्मीर भेजा गया है कि जो भी संविधान के दायरे में रहकर बात करना चाहता है, उससे बात की जाए। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘यह साफ तौर पर जम्मू-कश्मीर में केंद्र की रणनीति में परिवर्तन का संकेत है।’
Signs of change in the strategy of the appointment of Governor in Jammu Kashmir
बुखारी की मौत के बाद पूरे सूबे को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद शांति के प्रयास की बात करने वालों को लेकर खतरे की बात कही गई थी, लेकिन मोदी सरकार बातचीत पर अब कदम पीछे नहीं करेगी। मामले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बार केंद्र सरकार ने राज्यपाल का नियुक्ति इसी के तहत की है। राजभवन के दरवाजे हर उस शख्स के लिए खुले रहेंगे, जो संविधान के दायरे में रहकर बात करना चाहता है। सरकारी अधिकारी ने पीएम मोदी की स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए गए भाषण का भी हवाला देते हुए ‘इंसानियत’ की बात कही।

इसके संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि दशकों के बाद यह पहला मौका है, जब किसी सैन्य अधिकारी, ब्यूरोक्रेट या पुलिस अधिकारी को न चुनकर किसी राजनेता को राज्यपाल के तौर पर चुना गया हो। अपने लंबे राजनीतिक करियर में मलिक भारतीय क्रांति दल, लोक दल, कांग्रेस और जनता दल और बीजेपी में रहे। 1974 में उत्तरप्रदेश के बागपत से चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से वह विधायक बने। वह 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी से राज्यसभा सदस्य बने, लेकिन बोफोर्स घोटाले की पृष्ठभूमि में तीन साल बाद इस्तीफा दे दिया। वह 1988 में पाला बदलकर वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल में शामिल हो गए और 1989 में पार्टी के टिकट पर अलीगढ़ से सांसद बने।

2004 में मलिक बीजेपी में शामिल हुए। चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह के सामने उन्हें लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। चार अक्तूबर 2017 को बिहार के राज्यपाल का पद संभालने के पहले वह बीजेपी के किसान मोर्चा के प्रभारी थे। मलिक केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्यमंत्री रह चुके हैं। वह केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।