सिंधी समाज चुनाव के मैदान से गायब

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TIO लखनऊ

सिंधी समाज को राजनिति के मैदान मे उतरने का सबसे सही समय यही है आज सभी जाति के लोगो ने छोटे छोटे क्षेत्रिय दल बनाकर अपने समाज को राजनीति की मुख्य धारा से जोड दिया है अब हमे जागना होगा नही तो आने वाले वक्त मे बडा नुकसान होना तय है इस समय देश के पांच राज्यो के चुनाव का बिगुल बज चुका है लेकीन अफसोस सिंधी समाज चुनाव के मैदान से गायब है लेकीन एक व्यक्ति ने चुनाव के मैदान मे ताल ठोक दी है टिकट मिले या न मिले हार हो या जीत लेकीन टिकट मांगना भी एक बडी बात है पिछले ढाई दशक से समाजवादी पार्टी की सेवा मे लगे अयोध्या निवासी उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष व सिंधी समाज के पुराने सपा नेता ओमप्रकाश ओमी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की 175कैंट विधानसभा से सपा का उम्मीदवार बनाने के लिए प्रदेश के सभी शहरो की सिंधी पंचायतें व सामाजिक संस्थाओ ने सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है

प्रदेश के सभी शहरो के प्रमुख लोग ओमी की उम्मीदवारी के लिए लामबंद दिख रहे है प्रदेश मे 403विधानसभा सीटे है लेकीन बडे अफसोस का विषय है कि किसी भी दल से कोई सिंधी विधायक नही है सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य तो दूर एक भी नगर निगम मे मेयर,नगर पालिका मे अध्यक्ष तक नही है सपा मे तो कुछ उंगलियों पर ही गिने जाने वाले सिंधी शामिल है भाजपा से तो सौ प्रतिशत सिंधी समाज जुडा हुआ है

लेकीन वहा भी समाज की भागीदारी शून्य है जो गंभीर विषय है फिलाल 2022 के विधान सभा के चुनाव मे सपा से टिकट मांग रहे ओमी समाज के इकलौते उम्मीदवार बन कर सामने आये है अन्य किसी भी दल से कोई भी सिंधी उम्मीदवार नही है प्रदेश के सिंधी समाज को लामबंद होकर और अखिलेश पर दबाव बनाकर ओमी की सपा से उम्मीदवारी फाइनल करानी चाहिए और जीताकर विधानसभा मे पहुचाना चाहिए सभी जातियों को टिकट मिल रहा है तो सिंधी समाज पीछे क्यो रह जाए