इंदौर। बदलते मौसम की वजह से दुनियाभर में सोयाबीन की फसल में इजाफे की उम्मीद जताई जा रही है। इसका असर सोयाबीन के तेल पर पड़ने की संभावना है। फसलों का उत्पादन बढ़ने से सोया तेल में गिरावट आ सकती है। भारत चूंकि तेल का आयात करता है, लिहाजा यहां सोयाबीन के मुकाबले सोयातेल की कीमतें ज्यादा घटेंगी।
Soyabean bumper yield in the state will reduce soya oil prices, good news for China
दरअसल ‘इंटरनेशनल ग्रेन काउंसिल’ ने कहा है कि अल-नीनो की आधिकारिक घोषणा न होने के बावजूद प्रशांत महासागर का सतह गर्म होने से ब्राजील में वक्त से पहले सोयाबीन की बुवाई हो रही है। ऐसे में फसल को काफी लाभ हो सकता है। यदि सब कुछ बढ़िया रहा तो व्यापक निर्यात के बावजूद वहां सोयाबीन का स्टॉक बचने की उम्मीद की जा सकती है।
ब्राजील के दो प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य मातोग्रासो और पारना में बड़े पैमाने पर बुवाई का काम खत्म हो गया है। 1 नवंबर तक पूरे ब्राजील में 70 प्रतिशत बुवाई खत्म हो गई थी। अमेरिका स्थित ‘सोयाबीन एंड कोर्न एडवाइजर्स कंसल्टेंसी’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल के रिकॉर्ड के मुताबिक ब्राजील में इस समय तक सोयाबीन की बुवाई का औसत 57 प्रतिशत रहा है।
चीन के लिए अच्छी खबर
इस साल की शुरूआत से ही चीन के सोयाबीन आयातकों ने अमेरिका के साथ का व्यापार स्थगित कर रखा है। अब उनका रुख ब्राजील की तरफ है। जाहिर है, ब्राजील में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ना चीन के लिए अच्छी खबर है। इस महीने के अंत में जी-20 देशों की बैठक के दौरान ट्रंप और सी जिनपिंग के बीच संभावित मुलाकात में ट्रेड वॉर के समाधान की उम्मीद बढ़ गई है। बाजार में अफवाह के बीच कुछ सटोरियों ने मंदी लाने की कोशिश की और हालात ऐसे रहे कि वे इस मकसद में सफल भी हो गए। पिछले तीन दिन अमेरिकी वायदे में सुधर आया है।
2019 सोयाबीन के लिए मुश्किल
ट्रेड वॉर ने सोयाबीन के भाव को पहले से निचले स्तर पर ला रखा है । 2018 की शुरूआत में शिकागो सोयाबीन वायदा 10 डॉलर से ऊपर था, जो बाद में घटकर 8.10 डॉलर के 10 साल के निचले स्तर पर आ गया। राबो बैंक का कहना है कि यदि ट्रेड वॉर का कोई समाधान न निकला तो 2019 भी सोयाबीन के लिए मुश्किल होगा और भाव 9.20 डॉलर से नीचे भी रह सकते है।
चीन के आयातक आम तौर पर अमेरिकी सोयाबीन की खरीददारी सितंबर से नवंबर के बीच करते हैं, लेकिन यूएसडीए का कहना है कि सितंबर से शुरू हुई मौजूदा फसल सीजन में चीन ने 1 नवंबर तक केवल 4.07 लाख टन सोयाबीन की खरीददारी की है। पिछले साल इस समय तक चीन ने अमेरिका से 103 लाख टन सोयाबीन खरीदा था।
असल में 25 प्रतिशत आयात शुल्क के बावजूद चीन पर अमेरिका से सोयाबीन आयात करने के खिलाफ राजकीय दबाव बढ़ रहा है। चीन के एक कंसल्टिंग ग्रुप जेसीआई का हवाला देकर बीजिंग स्थित एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि चीनी उपभोक्ता की ओर से यदि अमेरिकी सोयाबीन आयात के नए कांट्रैक्ट का इरादा भी जताता है तो यह संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। इससे पहले चीन अमेरिका से उनके कुल सोयाबीन उत्पादन का 35-40 प्रतिशत आयात करता था। लेकिन, ट्रेड वॉर के बाद स्थिति बदल गई।