भोपाल। प्रदेश में अगले तीने महीने के भीतर होने वाले विधानसभा चुनाव के लिएर राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन शुरू हो गया है। चुनावी जमावट के बीच मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम ने अब समाजवादी पार्टी (सपा) से हाथ मिला लिया है।
SP-BSP and Gongpa will fight together in polls, alliance for assembly elections
लखनऊ में गोंगपा के सुप्रीमो हीरासिंह मरकाम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले। साथ ही बहुजन समाज पार्टी भी चुनाव में गठबंधन के लिए तैयार हो गई है। तीनों दल मप्र विधानसभा चुनाव में एक साथ चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है। गोंगपा सिर्फ आदिवासी अधिसूचित सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी।
गोंगपा और सपा के गठबंधन की सहमति बन गई है, हालांकि अभी सीटों के बंटवारे पर कोई बात नहीं हो पाई है। गोंगपा के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी हम सपा के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने बताया कि गोंगपा की बातचीत बहुजन समाज पार्टी से भी चल रही है।
एक सप्ताह में बसपा से समझौते की उ मीद है। सब ठीक रहा तो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सपा, बसपा और गोंगपा मिलकर चुनाव लड़ेंगे। यहां बता दें कि लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के मु यालय में हाल ही में हुई बैठक में सपा के छत्तीसगढ़ प्रभारी तिलक यादव, छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष तनवीर अहमद, मप्र के प्रदेश अध्यक्ष गौरी यादव व गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के महासचिव श्याम सिंह मरकाम भी मौजूद रहे।
सपा की बसपा से चल रही बात
यह तय हो चुका है कि गोंगपा और सपा एक साथ चुनाव लड़ेंगे। सपा की बसपा से भी बातचीत चल रही है। 2019 के चुनाव के लिए कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच महागठबंधन को लेकर भी चर्चा जारी है। ऐसे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बसपा से भी समझौते की उ मीद कर रही है।
सौदेबाजी में अटका गठबंधन !
मप्र कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए छोटे दलों पर डोरे डाले हुए हैं, हालांकि अभी तक किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं हुआ है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की सपा सुप्रीमों मायावती एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव एवं अन्य दलों के प्रमुख नेताओं से चर्चा हो चुकी है। हालांकि किसी भी दल ने अभी चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की सहमति नहीं दी है।
बसपा, सपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी है, सीटों का बंटवारा भी लगभत तय है, लेकिन इसके बावजूद भी सहमति नहीं बन पा रही है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि छोटे दल कांगे्रस से सीटों के अलावा दूसरी सौदेबाजी की तैयारी में है। फिलहाल कांग्रेस इस शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं है। यही वजह है कि कांग्रेस अभी तक किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं कर पाई है।
इन सीटों पर सपा-बसपा ने बढ़ाई सक्रियता
प्रदेश में जिन विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी को जीत की संभावना नजर आ रही है, उन सीटों पर दोनों प्रमुख दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। ये ज्यादातर विधानसभा सीट उप्र सीमा से सटी हैं। बहुजन समाज पार्टी मुरैना की सभी सीट, भिंड, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़, रीवा, सतना एवं सीधी में अपने प्रत्याशी खड़े करेगी।
यदि कांग्रेस एवं सपा के साथ गठबंधन होता है तो बसपा इन जिलों के अपने लिए सीटों की मांग कर सकती है। इसी तरह समाजवादी पार्टी भी छतरपुर, टीकमगढ़, बालाघाट, सिवनी, दतिया, ग्वालियर आदि जिलों में अपने प्रत्याशी मजबूती के साथ खड़ा कर सकती है।